पत्रकारों के इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को लंबे समय तक ज़ब्त रखना प्रेस की स्वतंत्रता पर आघात: अदालत

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पवन सिंह राजावत ने निचली अदालत के आदेश को बरक़रार रखते हुए यह टिप्पणी की, जिसमें दिल्ली पुलिस को द वायर के कर्मचारियों से ज़ब्त किए गए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को वापस करने के लिए कहा गया था. भाजपा के एक नेता द्वारा द वायर के ख़िलाफ़ शिकायत के बाद अक्टूबर 2022 में पुलिस ने इन उपकरणों को ज़ब्त किया था.

पत्रकार संगठनों ने मीडिया की स्वतंत्रता की सुरक्षा के लिए राष्ट्रपति से हस्तक्षेप की मांग की

विभिन्न पत्रकार संगठनों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखे पत्र में कहा है कि आज हमारे समुदाय को एक घातक चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. पत्रकारों के ख़िलाफ़ कठोर क़ानूनों का उपयोग तेज़ी से बढ़ गया है. ये क़ानून ज़मानत का प्रावधान नहीं करते, इसके तहत कारावास आदर्श है, न कि अपवाद.

वैश्विक निकाय ने ‘न्यूज़क्लिक’ पर कार्रवाई बंद करने और इसके संपादक की रिहाई का आह्वान किया

वैश्विक नागरिक समाज गठबंधन ‘सिविकस’ ने कहा है कि यह भारत में प्रेस की स्वतंत्रता पर पूर्ण हमला है और समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक की आलोचनात्मक और स्वतंत्र पत्रकारिता के प्रति प्रतिशोध की कार्रवाई है. यूएपीए के तहत इस वेबसाइट पर आरोप लगाना, स्वतंत्र मीडिया, कार्यकर्ताओं और नागरिकों को चुप कराने और परेशान करने का एक बेशर्म प्रयास है.

न्यूज़क्लिक के दफ़्तर और गिरफ़्तार संपादक के घर की तलाशी के लिए पहुंची सीबीआई

न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती फिलहाल दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज यूएपीए मामले में न्यायिक हिरासत में हैं.

न्यूज़क्लिक पर हमला: क्या कहता है ‘राजदंड’ का यह निर्मम प्रहार?

देखते ही देखते संविधान व क़ानून दोनों का अनुपालन कराने की शक्तियां ऐसी राजनीति के हाथ में चली गई हैं, जिसका ख़ुद लोकतंत्र में विश्वास बहुत संदिग्ध है और जो निर्मम और अन्यायी होकर उसे अपने कुटिल मंसूबों और सुविधाओं के लिए इस्तेमाल कर रही है.

न्यूज़क्लिक केस: मोदी सरकार ‘टेरर फंडिंग’ पर गंभीर है, तो अमेरिका, चीन से संपर्क क्यों नहीं किया?

न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ दर्ज पुलिस केस के सही-गलत होने की बात न भी करें, तब भी उनके द्वारा लगाए गए आरोपों की गंभीरता को देखते हुए कथित साज़िशकर्ताओं का पता लगाने और उन पर मुक़दमा चलाने को लेकर मोदी सरकार के रुख़ पर कई सवाल उठते हैं.

सरकार का ​मीडिया को संदेश है कि जो आवाज़ उठाएगा, यूएपीए में बंद कर दिया जाएगा: योगेंद्र यादव

वीडियो: यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में पूछताछ के बाद दिल्ली पुलिस ने बीते 3 ​अक्टूबर को समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और प्रशासक अमित चक्रवर्ती को गिरफ़्तार कर लिया था. इस मामले को लेकर स्वराज इंडिया पार्टी के नेता योगेंद्र यादव से बातचीत.

क्रोनोलॉजी समझिए: पांच दिन, चार एजेंसियां और निशाने पर विपक्षी नेता, पत्रकार और एक्टिविस्ट्स

अक्टूबर के शुरुआती कुछ दिनों में ही देश के विभिन्न राज्यों में केंद्रीय एजेंसियों के व्यवस्थित 'छापे', 'क़ानूनी कार्रवाइयां', नए दर्ज हुए केस और उन आवाज़ों पर दबाव बनाने के प्रयास देखे गए, जो इस सरकार से असहमत हैं या उसकी आलोचना करते हैं.

‘न्यूज़क्लिक’ को जनता को बाख़बर रखने के साथ ख़बरदार करने की सज़ा मिल रही है

सरकार के जिस कदम से देश का नुक़सान हो, उसकी आलोचना ही देशहित है. 'न्यूज़क्लिक’ की सारी रिपोर्टिंग सरकार के दावों की पड़ताल है लेकिन यही तो पत्रकारिता है. अगर सरकार के पक्ष में लिखते, बोलते रहें तो यह उसका प्रचार है. इसमें पत्रकारिता कहां है?

न्यूज़क्लिक केस: दिल्ली पुलिस की एफआईआर में चीनी फर्म शाओमी, वीवो का नाम, अज्ञात वकील का ज़िक्र

एफआईआर में न्यूज़क्लिक के संपादक में प्रबीर पुरकायस्थ, गौतम नवलखा और अमेरिकी कारोबारी नेविल रॉय सिंघम के ख़िलाफ़ यूएपीए की पांच धाराएं लगाई गई हैं. साथ ही शाओमी और वीवो द्वारा 'अवैध फंडिंग' और किसी 'गौतम भाटिया' द्वारा इन टेलीकॉम कंपनियों के 'क़ानूनी मामलों में बचाव' की बात कही गई है. कंपनियों से जुड़े अदालती रिकॉर्ड में किसी गौतम भाटिया के उनके वकील होने के प्रमाण नहीं हैं.

उर्मिलेश ने ख़बरों में अपने वकील के रूप में पहचाने गए व्यक्ति के दावों का खंडन किया

समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक के ख़िलाफ़ यूएपीए के तहत दर्ज एक एफआईआर को लेकर बीते 3 अक्टूबर को इससे जुड़े तमाम लोगों के यहां दिल्ली पुलिस ने छापा मारकर पूछताछ की थी. इनमें वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश भी शामिल थे. उन्होंने अब उन ख़बरों का खंडन किया है, जिसमें गौरव यादव नाम के एक व्यक्ति को उनका वकील बताया गया है.

18 मीडिया संगठनों ने सीजेआई को पत्र लिखकर प्रेस की आज़ादी पर हमले को लेकर चिंता जताई

न्यूज़क्लिक के पत्रकारों और उससे जुड़े लोगों के यहां छापे, पूछताछ और गिरफ़्तारी के बाद देशभर के पत्रकारों और मीडिया संस्थानों के अठारह संगठनों ने देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र में पत्रकारों से पूछताछ और उनसे फोन आदि की जब्ती के लिए दिशानिर्देश तैयार करने गुज़ारिश की है. 

दिल्ली पुलिस ने न्यूज़क्लिक के संपादक द्वारा एफआईआर कॉपी मांगने की याचिका का विरोध किया

न्यूज़क्लिक के संस्थापक व संपादक प्रबीर पुरकायस्थ और पोर्टल के एचआर विभाग के प्रमुख अमित चक्रवर्ती को मंगलवार को यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया गया था, लेकिन पुलिस ने उनके वकीलों को एफआईआर की प्रति देने से इनकार कर दिया. इसके बाद उन्होंने अदालत का रुख़ किया है.

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