कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से नमाज़ियों से बदसलूकी करने वाले पुलिसकर्मी पर रिपोर्ट तलब की

हाल ही में सामने आए एक वायरल वीडियो में दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर मनोज तोमर को शहर के इंद्रलोक इलाके में मक्की जामा मस्जिद के पास नमाज पढ़ने वालों को लात मारते देखा गया था. इस घटना से उपजे आक्रोश के बीच उन्हें निलंबित कर दिया गया था.

समस्या सड़क पर नमाज़ पढ़ने में नहीं, उसे देखने के तरीके में है

क्या वाकई सड़कों पर सभी प्रकार के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा सकते हैं? तब तो बीस मिनट की नमाज़ से ज़्यादा हिंदुओं के सैकड़ों धार्मिक आयोजन प्रभावित होने लग जाएंगे, जो कई दिनों तक चलते हैं. बैन करने की हूक सड़कों के प्रबंधन बेहतर करने की नहीं है, एक समुदाय के प्रति कुंठा और ज़हर उगलने की ज़िद है.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश- न्यूज़क्लिक के संपादक की मेडिकल जांच के लिए बोर्ड गठित करे एम्स

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने यह भी कहा कि एम्स निदेशक द्वारा नियुक्त बोर्ड जेल रिकॉर्ड और याचिकाकर्ता प्रबीर पुरकायस्थ की पूरी मेडिकल हिस्ट्री पर भी विचार करेगा.

‘सरकार को लगता था कि कहीं उमर ख़ालिद मुस्लिमों की आवाज़ न बन जाएं, इसलिए उन्हें टारगेट किया’

वीडियो: छात्र कार्यकर्ता उमर ख़ालिद ने दिल्ली दंगों से जुड़ी साज़िश के मामले में बीते 14 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट से अपनी जमानत याचिका वापस ले ली. सितंबर 2020 को गिरफ़्तार होने के बाद से वह जेल में हैं. इस विषय पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता एसक्यूआर इलियास से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

किसान आंदोलन: मोदी सरकार ने इंटरनेट पर प्रतिबंध के लिए ब्रिटिशकालीन क़ानून का उपयोग किया

किसानों के वर्तमान प्रदर्शन को देखते हुए केंद्र सरकार ने पटियाला, एसएएस नगर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब, मनसा, संगरूर और फतेहगढ़ साहिब में 20 थाना क्षेत्रों में इंटरनेट निलंबित कर दिया है. किसानों का समर्थन करने वाले सोशल साइट एक्स और फेसबुक पर एक दर्जन से अधिक एकाउंट सरकार के अनुरोध पर बंद कर दिए गए हैं.

राजधानी आ रहे किसानों को रोकने के लिए दिल्ली पुलिस ने आंसू गैस के 30,000 गोलों का ऑर्डर दिया

नरेंद्र मोदी सरकार से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर क़ानूनी गारंटी और ऋण माफ़ी सहित अन्य मांगों की अपील के साथ सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी किसान पंजाब और हरियाणा के बीच अंबाला के पास शंभू सीमा पर एकत्र हुए हैं. साल 2020 के आंदोलन को दोहराते हुए उन्होंने बीते 13 फरवरी को ‘दिल्ली चलो मार्च’ का आह्वान किया है.

दिल्ली: एक्टिविस्ट हर्ष मंदर के घर और दफ़्तर पर सीबीआई के छापे

शुक्रवार सुबह सीबीआई के लोग दिल्ली के वसंत कुंज स्थित पूर्व आईएएस अधिकारी और मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर के घर और दक्षिणी दिल्ली के ही अधचिनी में उनके दफ्तर पहुंचे थे. इससे पहले सितंबर 2021 में उनसे जुड़े परिसरों पर ईडी द्वारा भी छापे मारे गए थे.

संसद सुरक्षा चूक: आरोपी बोले- बिजली के झटके दिए गए, एक दल का नाम लेने के लिए मजबूर किया गया

दिसंबर 2023 को दो व्यक्ति लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूदने के बाद धुएं के कनस्तर खोल दिए थे. इस मामले में गिरफ़्तार पांच बेरोज़गार युवाओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें विपक्षी राजनीतिक दलों से ग़लत तरीके से जोड़ने के लिए न्यायिक हिरासत में बिजली के झटके और यातनाएं दी गईं. यूएपीए के तहत अपराध क़बूल करने के लिए मजबूर किया गया.

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट से शरजील इमाम की ज़मानत पर अगले महीने तक फैसला करने को कहा

छात्र कार्यकर्ता शरजील इमाम ने इस आधार पर ज़मानत मांगी है कि वह पिछले चार वर्षों से जेल में हैं और ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यूएपीए की धारा 13 के तहत अपराध के लिए अधिकतम सज़ा सात साल है. वह अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम सज़ा की आधी से अधिक काट चुके हैं और प्रावधान के तहत ज़मानत के हक़दार हैं.

जेल में शरजील इमाम के चार साल: न दोषसिद्धि, न एक्टिविस्टों का साथ

आईआईटी से पढ़कर जेएनयू से पीएचडी कर रहे शरजील इमाम जनवरी 2020 से जेल में हैं. उनके भाई का कहना है कि शरजील को नागरिक समाज समूहों और प्रमुख राजनीतिक एक्टिविस्ट से सहयोग नहीं मिला है.

दिल्ली दंगा: उमर ख़ालिद की ज़मानत याचिका लगातार 7वीं बार स्थगित, अब 31 जनवरी को सुनवाई होगी

जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर ख़ालिद सितंबर 2020 को गिरफ़्तार होने के बाद से जेल में हैं. उन पर 2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों के पीछे बड़ी साजिश से जुड़े एक मामले में यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं. ट्रायल कोर्ट और दिल्ली हाईकोर्ट में ज़मानत याचिका ख़ारिज होने के बाद मई 2023 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था.

धरनास्थल पर पुलिस कार्रवाई के बाद डीयू की पूर्व शिक्षक बोलीं- मुझे रोहित वेमुला बनने मत दीजिए

डीयू के दौलतराम कॉलेज की एक एडहॉक शिक्षक डॉक्टर ऋतु सिंह को अगस्त 2020 में अचानक नौकरी से निकाल दिया गया था. उनका दावा है कि इसकी वजह जातिगत भेदभाव है, जिसे लेकर वे कॉलेज की प्रिंसिपल सविता रॉय के ख़िलाफ़ अगस्त 2023 से विरोध प्रदर्शन कर रही हैं.