घटना 26 जनवरी को कस्तूरबा नगर इलाके में हुई, जहां कथित गैंगरेप के बाद पीड़िता के बाल काटकर, चेहरे पर कालिख पोतकर और जूतों की माला पहनाकर सड़क पर घुमाया गया. मामले के 11 आरोपियों में से नौ को गिरफ़्तार किया गया है, जिसमें एक परिवार की सात महिलाएं शामिल हैं.
एनजीओ सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट ने यह दावा किया है कि एक जनवरी से 19 जनवरी तक दिल्ली में ठंड के कारण 106 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर बेघर थे. अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया कि ठंड की वजह से ये मौतें हुई हैं. हालांकि, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे बेघरों की मौत का आंकड़ा सर्दियों के मौसम में बढ़ जाता है.
अदालत ने बीते साल छह दिसंबर को दिनेश यादव को 73 वर्षीय मनोरी देवी के घर को दिल्ली दंगों के दौरान 25 फरवरी, 2020 को आग लगाने वाली दंगाई भीड़ का सक्रिय सदस्य होने का दोषी पाया था. अदालत ने दोषी तय करते हुए कहा था कि केवल यह तथ्य कि यादव को शिकायतकर्ता के घर में घुसते या तोड़फोड़ या लूटपाट या आग लगाते नहीं देखा गया था, इसका मतलब यह नहीं है कि वह केवल चुपचाप दर्शक की
देश के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में केवल नौ प्रदेश ऐसे रहे जहां पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक टीके लगे हैं. पूरे देश की बात करें तो टीकाकरण का लिंगानुपात प्रति एक हज़ार पुरुषों पर 954 महिलाएं है.
2020 के उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से जुड़े हत्या के एक मामले में छह आरोपियों को ज़मानत देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ज़मानत नियम है और जेल अपवाद. यह सुनिश्चित करना अदालत का संवैधानिक कर्तव्य है कि सरकार द्वारा अतिरिक्त शक्तियों का इस्तेमाल किए जाने की स्थिति में व्यक्तिगत स्वतंत्रता से किसी को मनमाने तरीके से वंचित नहीं किया जाए.
वीडियो: भारत में महामारी की तीसरी लहर के बीच अनौपचारिक क्षेत्र के कामगारों का संघर्ष जारी है. राष्ट्रीय राजधानी से सटे ग्रेटर नोएडा के लेबर चौक इलाके में द वायर के याक़ूत अली ने मज़दूरों का हाल जाना.
जेल प्राधिकारियों द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, सोमवार तक संक्रमित पाए गए 66 क़ैदियों में से 42 तिहाड़ और 24 मंडोली जेल में हैं. संक्रमित पाए गए 48 कर्मचारियों में से तिहाड़ के 34, मंडोली जेल के आठ और रोहिणी जेल के छह कर्मचारी हैं.
केंद्र के राष्ट्रीय स्वच्छ हवा कार्यक्रम की एक विश्लेषण रिपोर्ट अनुसार, पिछले तीन सालों के दौरान देशभर में उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद की वायु गुणवत्ता ख़राब आबोहवा की श्रेणी में रखे जाने वाले 132 शहरों में सबसे ख़राब रही. वहीं, दिल्ली देश का दूसरा सबसे प्रदूषित शहर रहा.
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि सरकार मामले में आगे की कार्रवाई के लिए राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ समन्वय कर रही है. संदेश सेवा ‘टेलीग्राम’ पर एक ख़ास चैनल को सोशल मीडिया पर कुछ उपयोगकर्ताओं द्वारा चिह्नित किया गया, जिन्होंने बताया कि यह हिंदू महिलाओं को निशाना बना रहा था, उनकी तस्वीरें साझा करने के साथ ही उन्हें अपशब्द कह रहा था.
वीडियो: बीते 15 दिसंबर 2019 को दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर पुलिस द्वारा हिंसा की गई थी. विश्वविद्यालय के छात्रों द्वारा सीएए और एनआरसी का विरोध किया जा रहा था. छात्रों को लाइब्रेरी में पीटा गया और लाइब्रेरी में भी तोड़-फोड़ की गई थी. इस हिंसा के दो साल पूरे होने पर प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में उस दिन को अभिव्यक्ति, आंदोलन और लोकतंत्र पर हमले के तौर पर याद किया गया.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग़ में हुए आंदोलन को दो साल हो गए हैं. इस क़ानून को निरस्त करने की मांगों के साथ ताज़ा विरोध प्रदर्शन तेज होने लगे हैं. इस आंदोलन आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
उत्तर भारत के 56 शहरों में 137 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशन के आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर भारत में ग़ाज़ियाबाद सबसे प्रदूषित शहर है और इसका पीएम 2.5 का वार्षिक औसत स्तर दिल्ली से भी ख़राब स्थिति में है. अधिकांश छोटे शहरों में वार्षिक औसत पीएम 2.5 का स्तर काफी कम है, लेकिन शुरुआती सर्दियों के दौरान जब पूरा क्षेत्र स्मॉग की चपेट में आ जाता है, तो छोटे शहरों की रिपोर्ट दिल्ली के बराबर होती है.
वीडियो: सीएए विरोध के तहत हुए शाहीन बाग़ आंदोलन के दो साल पूरे होने पर प्रगतिशील महिला संगठन, राष्ट्रीय महिला संघ और कमीशन ऑन द स्टेटस ऑफ वुमेन की ओर से दिल्ली के जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस आंदोलन में भाग लेने के लिए क़ैद किए गए लोगों की रिहाई की मांग के लिए छात्रों, नागरिक समाज के सदस्यों और कार्यकर्ताओं ने धरना भी दिया.
भारत में अफ़ग़ानिस्तान के राजदूत फ़रीद मामुनड्ज़े ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि जब कठिन वक़्त में अफ़ग़ान नागरिकों को भारतीय मदद की ज़रूरत थी, तो उनकी मदद नहीं की गई. अब तक भारत ने अफ़ग़ानिस्तान से 669 लोगों को निकाला है, जिसमें 448 भारतीय और 206 अफ़ग़ान नागरिक हैं.
वीडियो: कोरोना वायरस महामारी ने देश के हर वर्ग को प्रभावित किया है. प्रतियोगी परीक्षाओं के प्रतिभागी भी इससे अछूते नहीं रहे हैं. इन्हीं में से एक यूपीएससी के प्रतिभागी सरकार से परीक्षा में शामिल होने का एक और मौका देने की मांग को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका कहना है कि कोविड-19 के कारण वो परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाए और उनको सरकार द्वारा न्याय मिलना चाहिए.