यूपी: अयोध्या में अब जब डेंगू नया रिकॉर्ड बना रहा है, तो कहीं दर्ज क्यों नहीं हो रहा?

इस बार दीपावली के अवसर पर जब उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में दीपोत्सव मना रही थी, शहर के लोगों में डेंगू का भय समाया हुआ था. 2021 में ज़िले में डेंगू के कुल 571 व 2022 में कुल 668 मरीज़ मिले थे, वहीं इस साल अब तक यह आंकड़ा आठ सौ के पार जा चुका है.

हिंसा के साथ मणिपुर डेंगू और अफ्रीकी स्वाइन फीवर जैसे स्वास्थ्य संकट से भी जूझ रहा है

एक रिपोर्ट के अनुसार, पांच महीने से अधिक समय से जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में डेंगू के कारण पांच लोगों की मौत होने का संदेह है. राज्य में 13 अक्टूबर तक 1,338 मामले दर्ज किए गए थे, जो हाल के दिनों में दर्ज किया गया सबसे अधिक संक्रमण है. इसके अलावा यहां अफ्रीकी स्वाइन फीवर के प्रकोप की भी पुष्टि की गई है.

मलेरिया से निपटने के लिए जेनेटिकली मोडिफाइड मच्छरों का प्रयोग कितना सही है?

कोविड-19 महामारी के बीच भारत के जैव प्रौद्योगिकी उद्योग में तेज़ी देखी गई. आधुनिक जैव प्रौद्योगिकी में आज आनुवंशिक संशोधन भी शामिल है. जीएम कीड़ों को बढ़ावा देने की मुख्य प्रेरणा उन प्रजातियों की आबादी को नियंत्रित करना है, जो संक्रामक रोगजनकों को ट्रांसमिट करते हैं. हालांकि वैज्ञानिकों के एक वर्ग के अनुसार, यह जोखिम के बिना नहीं आता है.

यूपी में डेंगू मामलों में वृद्धि: स्कूल में बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर आने के निर्देश

उत्तर प्रदेश में डेंगू के मामलों में हो रही लगातार वृद्धि को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों व स्कूली बच्चों को लेकर विभिन्न दिशानिर्देश जारी किए हैं. छात्रों और अभिभावकों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इन बीमारियों से छात्रों को बचाया जा सके.

एल्गार परिषद मामला: आरोपी कार्यकर्ता वर्णन गोंजाल्विस डेंगू से पीड़ित, अस्पताल में भर्ती

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले के आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता 65 वर्षीय वर्णन गोंजाल्विस के वकील ने बताया कि वह लगभग 10 दिनों से बीमार हैं. हालांकि तलोजा केंद्रीय जेल के कर्मचारी उन्हें केवल दवा देते रहे और उचित इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया था.

यूपी: ‘बुखार’ के चलते कानपुर के गांव में 12 लोगों की मौत, पलायन को मजबूर हुए

ये मामला उत्तर प्रदेश के कानपुर नगर ज़िले के कुरसौली गांव का है. ज़िले के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी का कहना है कि उन्हें अभी तक मौतों के सही कारण का पता नहीं चल पाया है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उनमें से अधिकांश का डेंगू या मलेरिया का टेस्ट नहीं किया गया था, जबकि डेंगू पॉजिटिव आने वाले सभी लोग ठीक हो गए हैं. जांच में मलेरिया के एक भी मामले नहीं पाए गए.

फ़िरोज़ाबाद: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ डेंगू प्रभावित परिवारों से मिले, ‘2 मिनट भी न रुके’

वीडियो: उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद ज़िले में डेंगू और वायरल बुखार से लगातार बच्चों की मौतों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. क़रीब 100 बच्चों की मौत हो जाने के बाद भी सरकार की लापरवाही इतनी है कि अस्पताल में एक बेड पर 3 से 4 बच्चों का इलाज किया जा रहा है.

डेंगू प्रभावित फ़िरोज़ाबाद के स्वास्थ्य अधिकारी निलंबित, आठ झोलाछाप डॉक्‍टरों के क्‍लीनिक सील

फ़िरोज़ाबाद जिला बीते कई हफ्तों से डेंगू और घातक वायरल बुखार के प्रकोप से जूझ रहा है. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार जिले में अभी तक 57 लोगों की मौत हुई है जिसमें अधिकतर बच्चे हैं. हालांकि बीते तीन सितंबर को सदर विधायक मनीष असीजा ने बुखार और डेंगू से अब तक 61 लोगों की मौत होने का दावा किया था. 

उत्तर प्रदेश: फ़िरोज़ाबाद में वायरल बुखार और डेंगू से 50 लोगों की मौत

फ़िरोज़ाबाद सदर से भाजपा विधायक मनीष असीजा का दावा है कि मरने वालों की संख्या 61 पहुंच गई हैं. वहीं मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि फ़िरोज़ाबाद जनपद में 10 क्षेत्रों की पहचान की गई है, जहां वायरल बुखार और डेंगू का प्रकोप है, जिनमें नौ ब्लॉक व एक नगर निगम क्षेत्र है. कुल 3,719 रोगियों का इलाज चल रहा है और बुखार से पीड़ित कुल मरीज़ों की तादाद 2,533 है.

यूपी: फिरोज़ाबाद में डेंगू जैसे बुखार से कई बच्चों समेत 40 से अधिक की मौत, सीएमओ का तबादला

फिरोज़ाबाद मेडिकल कॉलेज में मंगलवार शाम तक 210 बच्चों को भर्ती कराया गया था. बीते एक हफ्ते में डेंगू जैसे संदिग्ध बुखार से दम तोड़ने वालों में बत्तीस बच्चे शामिल हैं. अधिकारियों का कहना है कि मौत का प्राथमिक कारण डेंगू लग रहा है पर साथ ही अन्य कारणों का भी पता लगाया जा रहा है.

यूपी: भाजपा विधायक ने फ़िरोज़ाबाद में डेंगू से 41 बच्चों के मरने का दावा किया, सरकार का इनकार

उत्तर प्रदेश के फ़िरोज़ाबाद ज़िले से आने वाले भाजपा विधायक मनीष असीजा ने बताया कि उनके पास अब तक 41 बच्चों की डेंगू से मौत की सूचना आ चुकी है, जबकि कई लोग गंभीर स्थिति में हैं. असीजा ने इस हादसे के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय नगर निकाय को ज़िम्मेदार ठहराया है.