हमने 70 साल में भारत को बनाया, भाजपा अब उसे बेचने में व्यस्त है: कांग्रेस

बीते 23 अगस्त को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना की घोषणा की थी. सरकार मौद्रिकरण के ज़रिये सरकारी स्वामित्व वाली संपत्तियों में अपनी हिस्सेदारी निजी क्षेत्रों को बेचेगी. गुजरात कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने से पहले भाजपा पूछती थी कि कांग्रेस ने 70 साल में क्या किया है. इसका जवाब संपत्तियों की वह सूची है, जो वह बेच रही है.

देश की संपत्ति क्यों बेच रही है मोदी सरकार?

वीडियो: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना की घोषणा बीते दिनों की गई. योजना के तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर सड़क जैसे अलग-अलग बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का मौद्रिकरण शामिल है. यानी सरकार मौद्रिकरण के ज़रिये इन क्षेत्रों में अपनी हिस्सेदारी निजी क्षेत्रों को बेचेगी. इस मुद्दे पर अर्थशास्त्री अरुण कुमार से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

मौद्रिकरण पर राहुल गांधी बोले- बहुमूल्य संपत्तियां उद्योगपति मित्रों को तोहफ़े में दे रहे मोदी

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण पाइपलाइन की घोषणा किए जाने पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि यह सब कुछ कंपनियों का एकाधिकार बनाने के लिए किया जा रहा है. वहीं माकपा ने कहा कि सरकार ने देश ‘बेचने’ की आधिकारिक घोषणा की है.

केंद्र ने छह लाख करोड़ रुपये की राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना की घोषणा की

राष्ट्रीय मौद्रिकरण योजना के तहत यात्री ट्रेन, रेलवे स्टेशन से लेकर सड़क जैसे अलग-अलग बुनियादी ढांचा क्षेत्रों का मौद्रिकरण शामिल है. यानी सरकार मौद्रिकरण के ज़रिये इन क्षेत्रों में अपनी हिस्सेदारी निजी क्षेत्रों को बेचेगी. कोविड लॉकडाउन और उसके बाद की मंदी ने निजीकरण की प्रक्रिया को धीमा कर दिया है, सरकार को अभी भी चालू वित्त वर्ष से मार्च 2022 तक इस तरह की बिक्री से 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद है.

पर्यावरण मंत्रालय का अनुमानित बजट तीन साल में सबसे कम, 900 करोड़ अतिरिक्त फंड की ज़रूरत: समिति

राज्यसभा सांसद जयराम रमेश की अध्यक्षता वाली पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय स्थायी समिति ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय के बजट में 35 फीसदी की कटौती की गई. इसके साथ ही पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के बजटीय आवंटन में 770 करोड़ रुपये या 37 फीसदी की कमी दर्ज की गई है.

पर्यावरण बजट आवंटन में कटौती से साफ है कि सरकार पर्यावरण को लेकर गंभीर नहीं: विशेषज्ञ

सोमवार को पेश आम बजट में पर्यावरण मंत्रालय को बजटीय आवंटन में 230 करोड़ रुपये की कटौती की गई है. पर्यावरण के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि इससे पर्यावरण से जुड़े कई कार्यक्रम बाधित हो सकते हैं या उनकी रफ्तार घट सकती है.

बजट 2021: शिक्षा क्षेत्र में 6,000 करोड़ रुपये की कटौती, स्कूली शिक्षा में सर्वाधिक

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश आम बजट में शिक्षा को 93 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक राशि आवंटित की गई है. स्कूली शिक्षा के बजट में सर्वाधिक करीब पांच हज़ार करोड़ रुपये, उच्च शिक्षा विभाग के बजट में एक हज़ार करोड़ रुपये और समग्र शिक्षा अभियान के आवंटन में सात हज़ार करोड़ रुपये की कटौती की गई है.

बजट निराशाजनक, महामारी में बच्चों को अधिक वित्तीय संसाधनों की ज़रूरत: बाल अधिकार संगठन

बाल अधिकारों से जुड़े संगठनों ने आम बजट से निराशा जताते हुए कहा कि बच्चों के लिए इस बार का बजटीय आवंटन बीते दस वर्षों में सबसे कम है. कोविड-19 के दौरान बच्चों ने बहुत-सी चुनौतियों का सामना किया, उम्मीद थी कि उनकी शिक्षा पर होने वाला बजटीय आवंटन बढ़ेगा, पर उनकी शिक्षा को प्राथमिकता नहीं दी गई.

बजट 2021: निजी क्षेत्र के साथ साझा होंगी गैस पाइपलाइन, राजमार्ग जैसी परियोजनाएं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार बुनियादी इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र की पुरानी परियोजनाओं के लिए राष्ट्रीय मौद्रिकरण कार्यक्रम शुरू करेगी. इसके तहत गैस पाइपलाइन, राजमार्ग आदि जैसी परियोजनाओं को निजी क्षेत्र के साथ साझा या किराये पर चढ़ाकर पैसे जुटाने का प्रस्ताव है.

बजट 2021: रेलवे के लिए 1.10 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया

वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने गिग कर्मचारियों की जानकारी एकत्र करने के लिये एक पोर्टल शुरू करने का भी प्रस्ताव रखा है.

बजट 2021: उज्ज्वला योजना में जुड़ेंगे एक करोड़ और लाभार्थी, बीमा क्षेत्र में बढ़ी विदेशी निवेश सीमा

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी से एक विकास वित्त संस्थान यानी डीएफआई स्थापित करेगी. साथ ही सरकार अगले वित्त वर्ष में सरकारी बैंकों में 20,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालेगी.

बजट 2021: कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ टीकाकरण के लिए 35,000 करोड़ रुपये का प्रावधान

बजट में सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों तथा वित्तीय संस्थानों में हिस्सेदारी बिक्री से वित्त वर्ष 2021-22 में 1.75 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है. सरकार का अगले वित्त वर्ष में दो सरकारी बैंकों तथा एक बीमा कंपनी में अपनी हिस्सेदारी की बिक्री का इरादा है.