विदेश राज्य मंत्री वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में बताया कि सरकार ने 2019 से राष्ट्रपति के दौरे के लिए क़रीब 6.25 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री के दौरे के लिए 22.76 करोड़ रुपये और विदेश मंत्री के दौरे के लिए 20.87 करोड़ रुपये की राशि ख़र्च की है. राष्ट्रपति ने आठ विदेश यात्राएं, जबकि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 86 विदेश यात्राएं की हैं.
नवंबर 2022 में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान दिवस पर दिए गए भाषण में ज़मानत राशि भरने के लिए पैसे की कमी के कारण ग़रीब आदिवासियों के जेल में बंद होने का ज़िक्र किया था. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे क़ैदियों का ब्योरा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे.
कुछ साल पहले भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के लिए लॉन्च पैड बनाने वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम हैवी इंजीनियरिंग कॉरपोरेशन (एचईसी) के कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि इस स्थिति के कारण, वे अपने बच्चों के स्कूल की फीस का भुगतान नहीं कर पा रहे, परिवार के बीमार सदस्यों का इलाज नहीं करा पा रहे हैं. साथ ही कुछ ने फल या चाय बेचना शुरू कर दिया है, जिनमें अधिकारी भी शामिल हैं.
हाल ही में केंद्र सरकार ने अमेरिकी सिख व्यवसायी दर्शन सिंह धालीवाल को प्रवासी भारतीय सम्मान से सम्मानित किया है. किसान आंदोलन के दौरान लंगर चलाने के चलते अक्टूबर 2021 में धालीवाल को सरकार ने भारत में प्रवेश करने से रोक दिया था और दिल्ली हवाई अड्डे से निर्वासित कर दिया था.
बीते दिनों राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छोटे-मोटे अपराधों में जेल की सज़ा काट रहे आदिवासियों की दुर्दशा का ज़िक्र किया था, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इस बात का संज्ञान लिया था. झारखंड की जेलों में भी कई ऐसे विचाराधीन क़ैदी हैं, जिन्हें यह जानकारी तक नहीं है कि उन्हें किस अपराध में गिरफ़्तार किया गया था.
बीते 26 नवंबर को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड के अलावा अपने गृह राज्य ओडिशा के ग़रीब आदिवासियों को लेकर कहा था कि ज़मानत राशि भरने के लिए पैसे की कमी के कारण वे बेल मिलने के बावजूद जेल में हैं. अब सुप्रीम कोर्ट ने देश भर के जेल अधिकारियों को ऐसे क़ैदियों का ब्योरा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.
सीजेआई के रूप में जस्टिस धनंजय वाई. चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर 2024 तक होगा. उन्होंने जस्टिस उदय उमेश ललित की जगह ली है, जिनका कार्यकाल आठ नवंबर को पूरा हुआ. जस्टिस चंद्रचूड़ देश में सबसे लंबे समय तक सीजेआई रहे जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ के बेटे हैं.
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के ‘नौकरी के लिए हिंदी भाषा की जानकारी होने’ संबंधी प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि यह प्रस्ताव संविधान के संघीय सिद्धांतों के ख़िलाफ़ जाता है.
केरल के कुछ वाम नेताओं और मंत्रियों ने आरोप लगाया है कि राज्यपाल भाजपा आरएसएस के इशारे पर राज्य में संवैधानिक संकट पैदा कर रहे हैं और केरल में आरएसएस की नीतियों को लागू करने का प्रयास कर रहे हैं.
एक संसदीय समिति की सिफ़ारिश है कि हिंदी-भाषी राज्यों में आईआईटी जैसे तकनीकी और ग़ैर-तकनीकी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का माध्यम हिंदी, और देश के अन्य हिस्सों में स्थानीय भाषा होना चाहिए. समिति ने यह अनुशंसा भी की है कि हिंदी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक होनी चाहिए.
गुजरात से कांग्रेस के तीन मुस्लिम विधायकों ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय और राज्य सरकार को वर्ष-2002 बिलक़ीस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में उम्रक़ैद के सज़ायाफ़्ता 11 दोषियों की रिहाई के ‘शर्मनाक फैसले’ को वापस लेने का निर्देश दें.
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने द्रौपदी मुर्मू को देश के 15वें राष्ट्रपति के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई. 64 वर्षीय मुर्मू इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. संथाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाली राष्ट्रपति इससे पहले झारखंड की राज्यपाल भी रह चुकी हैं.
महाभारत की द्रौपदी एक निष्ठावान पत्नी और बेटी थीं, लेकिन जब अन्याय का सामना करना पड़ा, तो उन्होंने सभी से असुविधाजनक सवाल पूछने की हिम्मत दिखाई. उम्मीद करनी चाहिए कि आरएसएस की एक निष्ठावान बेटी होने के बावजूद द्रौपदी मुर्मू वक़्त आने पर न्याय के लिए खड़ी होंगी.
शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि पार्टी बिना किसी दबाव के दौपदी मुर्मू को समर्थन दे रही है. उन्होंने जोड़ा कि वर्तमान राजनीतिक माहौल को देखते हुए उन्हें मुर्मू का समर्थन नहीं करना चाहिए था, लेकिन वे संकीर्ण मानसिकता वाले नहीं हैं.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यह फैसला न तो भाजपा या राजग के समर्थन में है और न ही कांग्रेस समर्थित संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के ख़िलाफ़ है. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के चयन के समय बसपा को परामर्श से दूर रखने के लिए मायावती ने विपक्षी दलों की आलोचना भी की. उनके अलावा वाईएसआर कांग्रेस ने राष्ट्रपति पद के लिए राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन की घोषणा की है.