बंगनामा: पाड़ा क्लबों का इतिहास और राजनीतिकरण

बंगाल के पाड़ा क्लबों की प्रेरणा ब्रिटिश राज के यूरोपियन क्लब थे. आज़ादी के उपरांत शहरी इलाक़ों में जैसे-जैसे जनसंख्या बढ़ती गई, ये स्थानीय क्लब हरेक मुहल्ले में युवाओं की प्रिय जगह बन गए. बंगनामा स्तंभ की सातवीं क़िस्त.

गुजरात में दिल का दौरा पड़ने की बढ़ती संख्या का कोविड-19 से कोई संबंध नहीं: आनंदीबेन पटेल

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल और गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने एक कार्यक्रम के दौरान उन अटकलों को ख़ारिज कर दिया कि राज्य में दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतें कोविड-19 के कारण हो रही हैं. उन्होंने कहा कि इसका अध्ययन और विश्लेषण कराए जाने की ज़रूरत है.

गुजरात: गरबा कार्यक्रम के दौरान दिल का दौरा पड़ने से कम से कम 10 लोगों की मौत

एक रिपोर्ट के अनुसार, 24 घंटे के दौरान एंबुलेंस सेवा के लिए 500 से अधिक कॉल की गईं और सरकार ने अलर्ट जारी किया है. साथ ही गरबा आयोजकों से सभी आवश्यक उपाय करने को कहा गया है, जिसमें यह सुनिश्चित करना भी शामिल है कि लोगों को अस्वस्थ महसूस होने पर अस्पताल ले जाने के लिए एंबुलेंस उपलब्ध हैं.

बंगाल: प्रतिमा विसर्जन के दौरान अचानक आई बाढ़ में आठ लोगों की मौत, कई लापता

जलपाईगुड़ी ज़िले में माल नदी में दुर्गा की प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए सैकड़ों की संख्या में लोग एकत्र हुए थे जब अचानक आई बाढ़ में कम से कम आठ लोगों की डूब गए. इसी तरह की एक  घटना में राजस्थान के अजमेर ज़िले में मूर्ति विसर्जन के दौरान डूबने से छह लोगों की मृत्यु हो गई.

दुर्गा, अब जाओ…

अच्छा ही है कि दुर्गा आख़िर आज विदा हो जाएंगी. उनकी आंखों के आगे जिस क्षुद्रता का, हिंसा का प्रदर्शन पूरे देश में और अब देश के बाहर भी किया जा रहा है, उसे झेलते रहने को वे मजबूर नहीं रहेंगी.

कोलकाता: हिंदू महासभा के पूजा पंडाल में महात्मा गांधी को ‘असुर’ के रूप में दिखाया गया, केस दर्ज

दक्षिण पश्चिम कोलकाता में अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने अपने दुर्गा पूजा पंडाल में दुर्गा की प्रतिमा को जिस असुर का वध करते हुए दिखाया गया है, वह महात्मा गांधी की तरह दिख रहा था. इसे लेकर हुए विवाद के बीच पुलिस के हस्तक्षेप के बाद आयोजकों द्वारा असुर प्रतिमा के सिर पर विग और चेहरे पर मूंछें लगा दी गई हैं.

यूपी: दुर्गा पूजा पंडाल में आग लगने से तीन बच्चों समेत पांच की मौत, कई घायल

घटना भदोही ज़िले के औराई थानाक्षेत्र में हुई. नरथुआ गांव में एक पूजा समिति के पंडाल में रविवार रात करीब साढ़े नौ बजे भीषण आग लग गई. अधिकारियों का कहना है कि ऐसा लगता है कि ‘हैलोज़न’ के अधिक गर्म हो जाने से पंडाल में बिजली के तार में आग लग गई, जो बाद में हर जगह फैल गई.

एमपी: दुर्गा पूजा के लिए 200 रुपये चंदा न देने पर गोंड समुदाय के 14 परिवारों का हुआ था बहिष्कार

मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले की घटना. दुर्गा पूजा कार्यक्रम के आयोजन के लिए 200 रुपये न देने पर इन 14 परिवारों का तीन नवंबर से 17 नवंबर तक सामाजिक बहिष्कार किया गया था. प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद मामले को अब सुलझा लिया गया है.

पश्चिम बंगाल: हाईकोर्ट ने एक समय में दुर्गा पूजा पंडालों में 45 लोगों के प्रवेश की अनुमति दी

कलकत्ता हाईकोर्ट ने इससे पहले अपने एक आदेश में राज्य में कोरोना वायरस के डर के चलते सभी दुर्गा पूजा पंडालों में आयोजकों या पूजा समिति के सदस्यों के अलावा सभी लोगों के ही प्रवेश को रोक दिया था.

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा पंडालों में लोगों के प्रवेश पर रोक लगाई

पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी के डर के बीच कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य के सभी दुर्गा पूजा पंडालों में प्रवेश निषेध क्षेत्र घोषित कर दिया है. सिर्फ़ आयोजकों या पूजा समिति के सदस्यों को ही पंडाल के भीतर जाने की मंज़ूरी दी जाएगी.

दुर्गा पूजा में राम की जयकार के क्या मायने हैं?

दुर्गा अब राष्ट्रवाद की गुलाम बना ली गई हैं. फिर उनसे वही काम लिया जा रहा है, जो कभी डरपोक-कपटी देवताओं ने उनकी आड़ में महिषासुर पर वार करके लिया था. अब दुर्गा की आड़ में आक्रमण मुसलमानों पर किया जा रहा है और हम, जो खुद को दुर्गा का भक्त कहते हैं, यह होने दे रहे हैं.

जिस महिषासुर का दुर्गा ने वध किया उन्हें आदिवासी अपना पूर्वज और भगवान क्यों मानते हैं

ग्राउंड रिपोर्ट: महिषासुर की याद में नवरात्र की शुरुआत के साथ दशहरा यानी दस दिनों तक असुर शोक मनाते हैं. इस दौरान किसी किस्म की रीति-रस्म या परपंरा को नहीं निभाया जाता.

जितने मुंह, उतनी व्याख्याओं के लिए तैयार है हिंदू धर्म

हिंदू धर्म आज तक अगर प्राणवान रहा है तो राजाओं, अदालतों और पुलिस या लठैतों के बल पर नहीं. उसकी प्राणवत्ता परस्पर विरोधी स्वरों को सुनने और बोलने देने की उसकी तत्परता में रही है. उसे किसी मध्यस्थ की आवश्यकता नहीं.

महिषासुर भारतीय इतिहास का ऐतिहासिक नायक है

आज महिषासुर एक ऐतिहासिक चरित्र से मिथक बन चुका है. इतिहास के अति लोकप्रिय नायक मिथक हो जाया करते हैं. महिषासुर का इतिहास तो लोकमानस की यादों में जीवित है, उसे इतिहास ग्रंथों में खोजना बेईमानी है.

देश का एक तबका महिषासुर और रावण वध का जश्न मनाए जाने का विरोध क्यों कर रहा है?

छत्तीसगढ़ के कांकेर ज़िले में आदिवासियों ने महिषासुर को पूर्वज बताते हुए दुर्गा पूजा समिति के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराया है तो मध्य प्रदेश के बैतूल में रावण वध के ख़िलाफ़ प्रदर्शन हो रहा है.