2021 में भारत की वार्षिक जीडीपी 2019 से कम रहने के आसार: संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक आयोग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 2021-22 में सात प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि चालू वित्त वर्ष (2020-21) में महामारी और सामान्य कारोबारी गतिविधियों पर उसके प्रभाव के कारण इसमें 7.7 प्रतिशत से अधिक गिरावट का अनुमान है.

सरकारी बैंकों के निजीकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ रही है: आरबीआई गवर्नर

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक फरवरी को 2021-22 का बजट पेश करते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों और एक बीमा कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव किया था. रिज़र्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने भरोसा जताया कि कोरोना वायरस संक्रमण की नई लहर से आर्थिक वृद्धि में सुधार की रफ़्तार प्रभावित नहीं होगी.

बैंक यारी-दोस्ती में कर्ज़ न बांटें, उच्च गुणवत्ता मानकों पर ध्यान दें: मुख्य आर्थिक सलाहकार

फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य आर्थिक सलाहकार केवी सुब्रमणियन ने कहा कि 1990 के शुरुआती वर्षों में बैंकिंग को कमज़ोर गुणवत्ता के कर्ज़ देने की समस्या से जूझना पड़ा. ख़ासतौर पर बड़ी राशि के कर्ज़ गुणवत्ता मानकों का पालन किए बिना पूंजीवादी मित्रों को दिए गए, जिससे समस्या बढ़ गई.

वर्ष 2020-21 के नौ महीनों में बैंकों ने 1.15 लाख करोड़ रुपये के लोन को बट्टे खाते में डाला: सरकार

वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक, बैंकों ने वित्त वर्ष 2018-19, और वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तीन तिमाहियों के दौरान क्रमश: 2.36 लाख करोड़ रुपये और 2.34 लाख करोड़ रुपये के ऋण को बट्टे खाते में डाला है. ऐसे ऋण जिसकी वसूली नहीं हो पाती है, बैंक उन्हें बट्टे खाते में डाल देते हैं.

सरकार के बिना सोच-विचार के लिए गए फ़ैसले के चलते देश में बेरोज़गारी चरम पर: मनमोहन सिंह

केरल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के विकास पर दृष्टिपत्र पेश करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि संघवाद और राज्यों के साथ नियमित परामर्श भारतीय अर्थव्यवस्था और राजनीति का आधार स्तंभ है, जो संविधान में निहित है, पर मौजूदा केंद्र सरकार ने इससे मुंह मोड़ लिया है.

निजीकरण के लिए बैंक ऑफ इंडिया समेत चार बैंकों का चयन: रिपोर्ट

सरकार ने निजीकरण के लिए जिन चार बैंकों का चयन किया गया है वे बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हैं. सरकार का यह कदम उसकी उस बड़ी योजना का हिस्सा है जिसके तहत वह सरकारी संपत्तियों को बेचकर राजस्व बढ़ाने की तैयारी कर रही है.

बैंकों के निजीकरण की योजना के कार्यान्वयन के लिए रिज़र्व बैंक के साथ मिलकर काम करेंगे: सीतारमण

पिछले सप्ताह पेश केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश योजना के तहत दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है. हालांकि, उन्होंने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि किस या किन बैंकों को बिक्री के लिए चुना जा रहा है. फ़िलहाल बैंक यूनियनों ने इस क़दम का विरोध किया है.

क्या 2021 का बजट भारत को विकास की पटरी पर वापस ला सकता है

सरकार उम्मीद कर रही है कि भौतिक ओर सामाजिक- दोनों की तरह के बुनियादी ढांचे पर उसके द्वारा किया जाने वाला बड़ा खर्च नई आय पैदा करेगा, जिससे ख़र्च भी बढ़ेगा. पूंजीगत ख़र्चे में इस बढ़ोतरी का लाभ 4-5 साल में दिखेगा, बशर्ते इसका अमल सही हो.

अनियंत्रित रूप से की जा रही उगाही की घटनाओं से बाधित हो रहा नगालैंड का विकास: राज्यपाल

देश के 72वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर नगालैंड की राजधानी कोहिमा में आयोजित समारोह में राज्यपाल आरएन रवि ने कहा कि बंदूक द्वारा राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है और जो लोग ऐसी राजनीति में विश्वास रखते हैं वह हमेशा लोकतंत्र से बाहर रहेंगे.

महामारी से न सिर्फ़ लाखों जानें गईं, बल्कि असमानता और सामाजिक विघटन भी बढ़ रहा: विश्व आर्थिक मंच

विश्व आर्थिक मंच ने अपनी एक रिपोर्ट में अगले दशक पर असर के संदर्भ में संक्रामक बीमारियों को सबसे बड़ा जोख़िम बताया. रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया को 2020 में महामारी के कारण हो सकने वाली तबाही को देख लेने के बाद दीर्घकालिक ख़तरों के लिए तैयार होने की ज़रूरत है.

चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था में आ सकती है 25 प्रतिशत की गिरावट: अर्थशास्त्री अरुण कुमार

अर्थशास्त्री अरुण कुमार ने कहा कि देश की आर्थिक वृद्धि में उतनी तेज़ी से सुधार नहीं आ रहा है जैसा सरकार दिखा रही है. आरबीआई का अनुमान है कि इस वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था में 7.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी, वहीं राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय 7.7 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया है.

कोरोना से प्रभावित अर्थव्यवस्था में इस साल 7.7 प्रतिशत गिरावट रहने का अनुमान

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा बीते बृहस्पतिवार को जारी राष्ट्रीय आय के पहले अग्रिम अनुमान में कहा गया है कि कृषि और जनउपयोगी सेवाओं मसलन बिजली और गैस आपूर्ति को छोड़कर अर्थव्यस्था के अन्य सभी क्षेत्रों में गिरावट आने का अनुमान है. मुख्य रूप से विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के ख़राब प्रदर्शन की वजह से अर्थव्यवस्था में यह गिरावट आएगी.

कोविड-19 लॉकडाउन से ऑटोमोबाइल उद्योग को प्रतिदिन 2300 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ: संसदीय समिति

वाणिज्य विभाग से जुड़ी संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि ऑटोमोबाइल उद्योग संगठनों के अनुसार, इस क्षेत्र में अनुमानित रूप से 3.45 लाख नौकरियों का नुकसान हुआ. कम मांग और वाहनों की बिक्री में कमी आने के कारण निर्माताओं ने अपना उत्पादन 18-20 फ़ीसदी कम कर दिया है.

महामारी के कारण 2030 तक एक अरब से ज़्यादा लोग घोर ग़रीबी की ओर जा सकते हैं: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम के अध्ययन में कहा गया है कि कोविड-19 के प्रभावों से उबरने की प्रक्रिया काफी लंबे समय तक चलेगी. कोविड-19 एक अहम पड़ाव है और विश्व के नेता अभी जो निर्णय लेंगे, उससे विश्व की दिशा बदल सकता है.

अर्थव्यवस्था तकनीकी रूप से मंदी में, दूसरी तिमाही की जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट

आने वाले समय में बेहतर उपभोक्ता मांग से इसमें और सुधार की उम्मीद जताई जा रही है. चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई थी. अगर दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था में गिरावट रहे तो उस अर्थव्यवस्था को मंदी में कहा जाता है.

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