सुप्रीम कोर्ट की पीठ में शामिल जस्टिस हेमंत गुप्ता ने कर्नाटक हाईकोर्ट के हिजाब पर बैन लगाने के निर्णय के ख़िलाफ़ दायर याचिकाएं ख़ारिज कर दीं, जबकि जस्टिस सुधांशु धूलिया ने कहा कि हाईकोर्ट ने ग़लत रास्ता अपनाया और हिजाब पहनना अंतत: पसंद का मामला है, इससे कम या ज़्यादा कुछ और नहीं.
ऐप आधारित कोचिंग सेवा प्रदान करने वाली कंपनी बायजूस ने कहा कि कंपनी अगले छह महीनों में पांच प्रतिशत यानी लगभग 2,500 कर्मचारियों की छंटनी करेगी. इसके अलावा यह भारत और विदेशी कारोबार के लिए 10,000 शिक्षकों को नियुक्त करेगी.
एक संसदीय समिति की सिफ़ारिश है कि हिंदी-भाषी राज्यों में आईआईटी जैसे तकनीकी और ग़ैर-तकनीकी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का माध्यम हिंदी, और देश के अन्य हिस्सों में स्थानीय भाषा होना चाहिए. समिति ने यह अनुशंसा भी की है कि हिंदी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक होनी चाहिए.
नई दिल्ली स्थित नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के छात्र बीते 3 अक्टूबर से धरने पर बैठे हैं. उनकी मांग है कि संस्थान में स्थायी निदेशक की नियुक्ति की जाए, जो बीते चार सालों से नहीं हुई है. उनका यह भी कहना है कि फैकल्टी के अभाव में कई-कई दिनों तक कक्षाएं नहीं हो पा रही हैं, इसलिए स्थायी फैकल्टी भी नियुक्त हो.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने उच्च शिक्षण संस्थानों को लिखे अपने पत्र में कहा है कि डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों सहित अन्य सभी पाठ्यक्रमों के छात्र अप्रैल में जारी दिशानिर्देशों के तहत दो शैक्षणिक कार्यक्रमों को एक साथ पढ़ सकेंगे, लेकिन दोहरी डिग्री के ये मानदंड पीएचडी छात्रों पर लागू नहीं होते.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, किसी उच्च शिक्षण संस्थान में फैकल्टी के स्वीकृत पदों में से 10 फीसदी पद 'प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस' के हो सकते हैं, जिन पर विभिन्न क्षेत्रों में 15 वर्ष का अनुभव रखने वाले पेशेवरों की नियुक्ति की जा सकती है.
दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि पूर्व छात्र परिसर के शांतिपूर्ण शैक्षणिक माहौल को बिगाड़ रहे थे और अप्रासंगिक व आपत्तिजनक मुद्दों के ख़िलाफ़ परिसर में विरोध प्रदर्शन करने में शामिल रहे हैं.
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ ने कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब प्रतिबंध के निर्णय के प्रभावों पर अध्ययन किया है, जिसमें कई छात्राओं ने बताया है कि उन्हें कॉलेज बदलकर मुस्लिम संस्थानों में दाखिला लेना पड़ा, अन्य समुदाय के छात्रों के साथ बातचीत सीमित हो गई और उन्होंने अलगाव व अवसाद महसूस किया.
घटना जयपुर के सुबोध पब्लिक स्कूल की है. अभिभावकों का आरोप है कि मंगलवार को 8वीं से 12वीं कक्षा के लगभग 40 विद्यार्थियों को फीस के बकाया भुगतान को लेकर तक़रीबन चार घंटे के लिए एक कमरे में बंद रखा गया. इस दौरान न उन्हें शौचालय का इस्तेमाल करने दिया गया, न ही उन्हें खाना खाने की अनुमति दी गई.
सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से मना करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुन रहा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हर किसी को धर्म के पालन का अधिकार है, पर सवाल ये है कि क्या यह अधिकार निर्धारित यूनिफॉर्म वाले स्कूल में भी लागू हो सकता है.
राजस्थान के उदयपुर ज़िले के एक सरकारी उच्च प्राथमिक विद्यालय का मामला. पुलिस ने बताया कि रसोइया अपनी पसंद के उच्च जाति के छात्रों को मिड-डे मील परोसने को कहता था, लेकिन खाना ढंग से नहीं परोसे जाने की शिकायत के बाद एक शिक्षक ने दलित लड़कियों को खाना परोसने को कहा था.
भारतीय मध्यवर्ग अक्सर ग़रीबों को दी जाने वाली मुफ़्त सुविधाओं/कल्याणकारी योजनाओं की आलोचना करता है, लेकिन मुफ़्त सुविधा या फ्रीबी और कल्याणकारी योजनाओं के बीच अंतर तब जटिल हो जाता है जब राजनीतिक दल अपने-अपने हित के हिसाब से व्याख्याएं पेश करते हैं.
जामिया मिलिया इस्लामिया के सामाजिक विज्ञान संकाय ने कहा है कि पांच सेमेस्टर के अधिकतम निर्धारित समय में एमफिल थीसिस जमा न करने के चलते सफूरा जरगर का प्रवेश रद्द किया गया है. इससे पहले सफूरा ने बताया था कि उनके थीसिस जमा करने के लिए समय विस्तार के आवेदन पर बीते आठ महीने में कोई कार्रवाई नहीं की गई.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मुफ़्त की रेवड़ी' वाले बयान के बाद जहां हर तरह के अर्थशास्त्री सब्सिडी के गुण-दोषों की जटिल बारीकियों को समझने के लिए मजबूर हो गए हैं, वहीं मोदी के लिए इस मुद्दे को खड़ा कर पाना ही उनकी कामयाबी है.
कर्नाटक में कक्षा 8वीं की कन्नड़ पाठ्य-पुस्तक के एक खंड में वीडी सावरकर का महिमामंडन करते हुए लिखा गया है कि वे जेल के जिस कमरे में बंद थे, वहां एक छोटा सा भी छेद नहीं था, लेकिन कहीं से एक बुलबुल आ जाती थी, जिसके पंखों पर सवार होकर सावरकर हर दिन अपनी मातृभूमि का दौरा करने जाते थे.