बीते जनवरी महीने में जूनियर क्लर्क, ट्रेन सहायक, गार्ड, टाइम कीपर से लेकर स्टेशन मास्टर तक विभिन्न श्रेणियों में 35,281 ख़ाली पदों के लिए ग़ैर-तकनीकी लोकप्रिय श्रेणियों (एनटीपीसी) के लिए भर्ती प्रक्रिया के विरोध में बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड में व्यापक प्रदर्शन हुए थे. भारतीय रेलवे ने अपनी नीति में बदलाव करते हुए अब केवल एक परीक्षा कराने पर सहमति दी है.
उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले में केद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक चुनावी रैली का संबोधित कर रहे थे, जब सेना में नौकरी तलाश रहे नाराज़ युवाओं ने नारेबाज़ी की. राजनाथ सिंह ने युवाओं को शांत कराते हुए भर्ती का आश्वासन दिया और फ़िर भारत माता की जय के नारे लगाने का आग्रह किया.
ग्राउंड रिपोर्ट: साल 2014 में देवरिया ज़िले में भाटपाररानी विधानसभा क्षेत्र के भवानी छापर गांव में तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आईटीआई का शिलान्यास किया था. ग्रामीण युवाओं को आस थी कि वे तकनीकी हुनर सीखकर आजीविका कमा सकेंगे. सात साल बीतने के बावजूद यह आईटीआई अब तक शुरू नहीं हो सका और रोजी-रोटी की तलाश में स्थानीय युवा अन्य राज्यों में मज़दूरी करने के लिए पलायन को मजबूर हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने एक बयान में कहा कि केंद्रीय बजट में लघु उद्योगों एवं देश में रोज़गार सृजन को लेकर काफी सीमित प्रयास किए गए हैं जो चिंताजनक हैं.
भारत में, विशेषकर उत्तर भारत में छात्रों की जगह टेस्टार्थियों ने ले ली है. टेस्टों की राह इतनी जटिल बना दी गई है कि इनमें शामिल होने वालों की सारी ऊर्जा इसी भूलभुलैया में बाहर का रास्ता खोजते हुए चुक जाती है. आज छात्र नहीं टेस्टार्थियों की भीड़ खड़ी है. भीड़ का ग़ुस्सा ज़रूर फूट सकता है, पर वह आंदोलन नहीं कर सकती.
आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा को लेकर छात्रों के प्रदर्शनों पर बसपा प्रमुख ने कहा कि ग़रीब युवाओं व बेरोज़गार नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ और विरोध करने पर उनकी पिटाई सर्वथा अनुचित है. वहीं, कांग्रेस ने युवाओं का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान करे और गिरफ़्तार छात्रों को रिहा करे.
रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा गैर तकनीकी श्रेणियों (आरआरबी-एनटीपीसी) के लिए परीक्षाओं में कथित विसंगतियों के ख़िलाफ़ प्रदर्शनों के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शांति की अपील करते हुए छात्रों को शिकायतों के समाधान का आश्वासन दिया है.
रेलवे भर्ती बोर्ड की आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा 2021 परिणाम के विरोध में इलाहाबाद में रेलवे ट्रैक पर उतरे अभ्यर्थियों पर पुलिस ने लाठियां बरसाईं, तो बिहार के सीतामढ़ी में पुलिस ने हवाई फायरिंग कर प्रदर्शनकारियों को हटाया. बढ़ते विरोध के बीच रेलवे ने पटरी पर प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में बाधा और रेल संपत्तियों को नुक़सान पहुंचाने जैसी गतिविधियों में लिप्त लोगों को जीवनभर नौकरी से वंचित रखने की चेतावनी दी है.
चार जनवरी को इलाहाबाद में रहकर पढ़ाई और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले छात्र अचानक सड़कों पर निकल आए और ताली-थाली पीटते हुए लंबित भर्तियों को भरने की मांग करने लगे. उनका कहना था कि वे रोज़गार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दे पर सोई हुई सरकार को नींद से जगाना चाहते हैं.
‘वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट’ के 10वें संस्करण का उद्घाटन 10 जनवरी को गांधीनगर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किया जाएगा. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल ने कहा है कि कोडिव-19 वायरस को लेकर राज्य सरकार ने सात दिनों के क्वारंटीन नियम में केंद्र से छूट मांगी है, ताकि जोख़िम वाले देशों से आने वाले प्रतिनिधि इस कार्यक्रम में शामिल हो सकें.
जम्मू कश्मीर के क्षेत्रीय दलों के नेताओं ने इस क़दम की आलोचना की है. पूर्व मुख्यमंत्रियों- उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती ने केंद्रशासित प्रदेश को रियल एस्टेट निवेशकों के लिए खोलने को लेकर प्रशासन पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि क्षेत्र की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए ऐसा किया जा रहा है.
रोज़गार दर या श्रम भागीदारी अनुपात इस बात का मापक है कि अर्थव्यवस्था में कितने नौकरी लायक सक्षम लोग वास्तव में नौकरी की तलाश कर रहे हैं. सीएमआईई के मुताबिक, भारत का श्रम भागीदारी अनुपात मार्च 2021 में 41.38 फीसदी था (जो अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन के बिल्कुल क़रीब है) लेकिन पिछले महीने यह गिरकर 40.15 फीसदी रह गया.
जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 लागू होने के समय दूसरे राज्यों के लोग वहां ज़मीन या अचल संपत्ति नहीं खरीद सकते थे. संसद में एक सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि इस अनुच्छेद के निरस्त होने के बाद से सूबे के बाहर के व्यक्तियों ने कुल सात भूखंड खरीदे, जो जम्मू क्षेत्र में आते हैं.
वीडियो: दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के प्रो. अजय गुडावर्ती ने द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी के साथ बातचीत में बताया कि अगले साल उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भाजपा की ध्रुवीकरण की राजनीति के कैसे विफल होने की संभावना है.
चंडीगढ़ की सड़कों पर ऑटो चलाने वाले एक शख़्स का कहना था कि महंगाई आसमान छू रही है, हर चीज़ महंगी है, किसान का जीना मुहाल है पर लोग खुश हैं.