मन्नार की खाड़ी के संरक्षित क्षेत्रों में समुद्री शैवाल की कटाई के अधिकार का सवाल

मन्नार की खाड़ी के आसपास रहने वाले लोग, ख़ासतौर पर महिलाएं आजीविका के लिए समुद्री शैवाल चुनने का काम करती आई हैं. सरकारी प्रतिबंधों के चलते यह काम प्रभावित हुआ है. हालांकि, चुनौतियों से निपटती हुई महिलाओं का मानना कि समुद्र महज़ आजीविका का साधन नहीं, उनका घर भी है.

क़ानून और आदमखोर बाघों से जूझते हुए सुंदरबन की महिलाओं की वनाधिकार की लड़ाई

सुंदरबन में जलवायु परिवर्तन का असर सबसे ज़्यादा है. समुद्र का जलस्तर बढ़ने, चक्रवातों आदि से खेती की बर्बादी के बाद मछली पकड़ने पर निर्भरता बढ़ गई है. ऐसे में यहां की महिलाओं की मांग है कि यहां वन अधिकार क़ानून लागू हो और मछली पकड़ने के अधिकार को भी इसमें शामिल किया जाए.

यूपी: बहराइच ज़िले में भेड़ियों का आतंक, दो महीने में पांच बच्चों सहित आठ लोगों की मौत

बीते लगभग दो महीनों में उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले के विभिन्न गांवों में भेड़ियों ने क़रीब सोलह लोगों पर हमला किया है, जिनमें ज़्यादातर बच्चे और वृद्ध शामिल हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि उनके बच्चों को ऐसे हमलों से बचाने के लिए कुछ नहीं किया जा रहा, वहीं वन विभाग ने कार्रवाई किए जाने की बात कही है.

उत्तराखंड: जंगल की आग से निपटने में उदासीन रवैये को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फटकारा

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड में जंगल की आग से निपटने में लापरवाह रवैये को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगाई और मुख्य सचिव को तलब किया है. कोर्ट ने जंगल की आग से निपटने के लिए राज्य को केवल 3.15 करोड़ रुपये उपलब्ध कराने पर केंद्र के प्रति भी नाराज़गी व्यक्त की है.

राजस्थान में युवक की पीट-पीट कर हत्या मामले में तीन वन अधिकारी हिरासत में

घटना बीते 17 अगस्त की देर रात राजस्थान के कोटपूतली-बहरोड़ ज़िले के नारोल गांव में हुई. लकड़ी की तस्करी के संदेह में कथित तौर पर वन विभाग के अधिकारियों सहित एक समूह द्वारा की गई मारपीट के बाद 27 वर्षीय वसीम की मौत हो गई थी और उनके साथ के दो लोग घायल हो गए थे.

मध्य प्रदेश: वनाधिकार की मांग और पेड़ कटाई के विरोध की आदिवासी चुका रहे भारी कीमत

मध्य प्रदेश के बुरहानपुर ज़िले में 50 वर्ष से अधिक समय से वन क्षेत्र में रह रहे आदिवासी समुदाय के लोगों को वन अधिकार प्राप्त नहीं हैं. इससे भी बुरी स्थिति यह है कि वन विभाग और स्थानीय प्रशासन ने अतिक्रमण एवं सरकारी आदेशों की अवज्ञा करने का हवाला देते हुए उनके ख़िलाफ़ कई मामले दर्ज कर लिए हैं.

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने संरक्षित वन भूमि में सड़क निर्माण पर रोक लगाई

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने नैनीताल के पंगोट क्षेत्र में नैना देवी पक्षी संरक्षित क्षेत्र में मोटर मार्ग के निर्माण कार्य को रोकते हुए बुलडोज़र के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है. एक जनहित याचिका में बताया गया था कि क्षेत्र में एक बिल्डर द्वारा होटल बनाए जाने के बाद बिना किसी सरकारी अनुमति के अवैध रूप से सड़क बनवाई जा रही थी.

सेंट्रल विस्टा परियोजना: उखाड़कर कहीं और लगाए गए 402 पेड़ों में से केवल 30 फीसदी जीवित बचे

वन विभाग ने दिल्ली हाईकोर्ट को एक हलफनामा सौंपा है, जिसमें बताया गया है कि निर्माण के दौरान केंद्र सरकार की बहुप्रतीक्षित ‘सेंट्रल विस्टा परियोजना’ में उखाड़े गए 400 से अधिक पेड़ों में से केवल 121 जीवित बचे हैं.

महाराष्ट्र: वन विभाग ने कर्मचारियों से फोन पर ‘हेलो’ की जगह ‘वंदे मातरम’ कहने का आदेश जारी किया

इस आदेश से कुछ दिन पहले महाराष्ट्र के नवनियुक्त संस्कृति एवं वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने सभी सरकारी अधिकारियों को अपने कार्यालयों में फोन रिसीव करने पर ‘हेलो’ के स्थान पर ‘वंदे मातरम’ कहने का निर्देश दिया था.

उत्तर प्रदेश: कतर्निया घाट वन्यजीव अभयारण्य में रहने वाले वनवासियों को कब मिलेगा अधिकार

विशेष रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले में स्थित कतर्निया घाट वन्यजीव अभयारण्य का मामला. वन अधिकार क़ानून लागू होने के 16 वर्ष बाद भी अभयारण्य के तहत आने वाले पांच वन ग्रामों को ही अब तक राजस्व गांव बनाया जा सका है और सिर्फ़ 273 लोगों को भूमि के व्यक्तिगत अधिकार दिए गए हैं, जबकि सभी वन ग्रामों व वन बस्तियों में 2,383 परिवार रह रहे हैं.

केरल ने मुल्लापेरियार बांध के पास तमिलनाडु को दी गई पेड़ काटने की अनुमति पर रोक लगाई

पिछले सप्ताह केरल के वन विभाग द्वारा तमिलनाडु जल संसाधन विभाग को दी गई अनुमति को निरस्त करना उस आलोचना के मद्देनज़र आया है, जिसमें कहा जा रहा है कि इस क़दम से मौजूदा 126 साल पुराने मुल्लापेरियार बांध के बदले एक नए बांध की केरल की मांग कमज़ोर हो जाएगी. केरल की मांग है कि एक नया बांध बनाया जाना चाहिए और तमिलनाडु कह रहा है कि एक नए बांध की आवश्यकता नहीं है.

मध्य प्रदेश: वन विभाग की अधिकारी को क्या रेत खनन माफिया पर नकेल कसने की सज़ा मिली है

विशेष रिपोर्ट: मुरैना ज़िले के राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य में बतौर अधीक्षक तैनात श्रद्धा पांढरे ने अप्रैल में पदभार संभालने के बाद से ही क्षेत्र के रेत खनन माफिया के ख़िलाफ़ लगातार कार्रवाई की. इस दौरान उन पर ग्यारह हमले भी हुए. अब तीन महीनों के कार्यकाल के बाद ही 'रूटीन कार्रवाई' बताते हुए उनका तबादला कर दिया गया.

उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग से कम से कम चार लोगों की मौत

उत्तराखंड में इस साल सर्दियों में सामान्य से कम बारिश होने के कारण जंगल में आग लगने की घटनाएं ज़्यादा हो रही हैं. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा बुलाई गई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इस ‘फायर सीज़न’ में अब तक जंगल में आग लगने की 983 घटनाएं हुई हैं, जिससे 1,292 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है.

ओडिशा: करलापट अभ्यारण्य में चौदह दिनों में छह हाथियों की मौत

कालाहांडी ज़िले में 175 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले करलापट वन्यजीव अभ्यारण्य में साल 2018 की गणना के अनुसार 17 हाथी थे. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने यहां हुई हाथियों की सिलसिलेवार मौत पर चिंता जताते हुए वन, पर्यावरण और पशु संसाधन विभागों को इस पर राज्य और बाहर के विशेषज्ञों से परामर्श लेने को कहा है.

छत्तीसगढ़: रायगढ़ ज़िले में फिर मिला हाथी का शव, दस दिन में छह हाथियों की मौत

अधिकारियों ने बताया कि रायगढ़ के धरमजयगढ़ क्षेत्र में गुरुवार सुबह एक हाथी का शव बरामद हुआ. पिछले तीन दिन में इस क्षेत्र में हाथी का शव मिलने की दूसरी घटना है.