किसानों के दिल्ली चलो आह्वान से पहले सरकार ने 100 सोशल मीडिया एकाउंट पर रोक लगाई

13 फरवरी को किसानों का विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बाद से यह तीसरी बार है जब केंद्र सरकार ने किसानों और उनके मुद्दे से जुड़े अपडेट देने वाले सोशल मीडिया एकाउंट पर रोक लगाई है.

‘आज़ाद पत्रकारिता पर भारत के इतिहास का सबसे बड़ा ख़तरा है’

वीडियो: द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी को बीते दिनों हरियाणा के दिवंगत पत्रकार रामचंद्र छत्रपति के नाम पर शुरू हुए छत्रपति सम्मान- 2023 से सम्मानित किया गया था. इस अवसर पर उनके द्वारा दिया गया वक्तव्य.

बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैक्ट-चेक इकाई बनाने को चुनौती देने वाली याचिका पर खंडित फैसला सुनाया

नए आईटी नियम केंद्र सरकार को सोशल मीडिया पोस्ट का आकलन करने और पोस्ट को ‘फ़र्ज़ी, ग़लत या भ्रामक’ क़रार देने के लिए ‘फैक्ट-चेक इकाई’ स्थापित करने की शक्ति देते हैं. जहां जस्टिस गौतम पटेल ने याचिकाकर्ताओं के पक्ष में आदेश पारित किया, वहीं जस्टिस नीला गोखले ने नियमों में किए गए संशोधन को बरक़रार रखा.

बोलने की आज़ादी तब है, जब बिना किसी डर के सरकार की आलोचना की जा सके: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट

मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल क्षेत्र के लहार निर्वाचन क्षेत्र में चुनावों पर संदेह व्यक्त करने वाले पत्रकार के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि लोकतंत्र का लक्ष्य बहुलवादी और सहिष्णु समाज बनाना है. इसे सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए नागरिकों को स्वतंत्र रूप से बोलने में सक्षम होना चाहिए.

जम्मू कश्मीर: हाईकोर्ट ने पत्रकार सज्जाद गुल पर पीएसए कार्यवाही रद्द की, प्रशासन को फटकार

जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने कश्मीरी पत्रकार सज्जाद गुल के ख़िलाफ़ जन सुरक्षा अधिनियम के तहत लगाए गए आरोपों संबंधी सुनवाई में कहा कि सूबे के प्रशासन ने कार्यवाही को मंज़ूरी देते समय अपना दिमाग़ नहीं लगाया और ऐसा कुछ पेश नहीं किया जो साबित करता हो कि गुल राष्ट्रहित के ख़िलाफ़ काम कर रहे थे.

दिल्ली के उपराज्यपाल और उनके आकाओं के शासन में सहनशीलता के लिए कोई जगह नहीं है: चिदंबरम

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने भड़काऊ भाषण से संबंधित 2010 के एक मामले में लेखक अरुंधति रॉय के ख़िलाफ़ मुक़दमा चलाने की मंज़ूरी देने के दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के क़दम की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि जब भाषण दिए जाते हैं, भले ही अन्य लोग उनसे कितना भी असहमत हों, सरकार को सहिष्णुता और सहनशीलता दिखानी चाहिए.

16 भारतीय पत्रकारों पर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं, वर्तमान में 7 सलाखों के पीछे हैं

पिछले कुछ वर्षों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, छात्रों, श्रमिकों और आदिवासियों पर आरोप लगाने के लिए यूएपीए का अंधाधुंध इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में जन सुरक्षा क़ानून (पीएसए) और छत्तीसगढ़ जन सुरक्षा अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) और आईपीसी में राजद्रोह जैसे अन्य कठोर अधिनियम भी लागू किए गए हैं.

मणिपुर हिंसा की रिपोर्ट पर एडिटर्स गिल्ड के ख़िलाफ़ केस अभिव्यक्ति की आज़ादी के ख़िलाफ़: कोर्ट

हिंसाग्रस्त मणिपुर संबंधी एक फैक्ट-फाइंडिंग रिपोर्ट को लेकर राज्य पुलिस द्वारा दायर एफआईआर को एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि गिल्ड अपनी रिपोर्ट में सही या ग़लत हो सकता है, लेकिन अपने विचार रखने की स्वतंत्रता का अधिकार है.

शिक्षक के कहने पर छात्रों द्वारा मुस्लिम बच्चे को थप्पड़ मारने की घटना से संबंधित ​पोस्ट पर रोक

सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में एक शिक्षक अपनी क्लास के बच्चों से एक मुस्लिम छात्र को थप्पड़ मारने को कहते हुए सांप्रदायिक टिप्पणी करती नज़र आ रही हैं. घटना उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर के एक निजी स्कूल में हुई थी. इसे लेकर सोशल मीडिया पर किए गए कई प्रमुख लोगों के ट्वीट एक सरकारी आदेश द्वारा ब्लॉक कर दिए गए हैं.

मीडिया संगठनों ने ‘द कश्मीर वाला’ की वेबसाइट, सोशल मीडिया हैंडल ब्लॉक किए जाने की निंदा की

प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, भारतीय विमेन प्रेस कोर, प्रेस एसोसिएशन, दिल्ली यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स और वर्किंग न्यूज़ कैमरामैन एसोसिएशन ने कहा कि 'द कश्मीर वाला' के ख़िलाफ़ सरकार की कार्रवाई 'प्रेस की आज़ादी की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाती है.'

‘द कश्मीर वाला’ को ब्लॉक करना कश्मीरी मीडिया को मोदी सरकार द्वारा ग़ुलाम बना लेने का नमूना है

वीडियो: श्रीनगर से संचालित होने वाली 'द कश्मीरवाला' न्यूज़ वेबसाइट को ब्लॉक कर दिया गया है और इसके ट्विटर और फेसबुक पेज भी ब्लॉक हो चुके हैं. अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद से सूबे में मीडिया के क्या हालात हैं, बता रहे हैं अजय कुमार.

जम्मू कश्मीर: सरकार ने ‘द कश्मीर वाला’ की वेबसाइट और सोशल मीडिया अकाउंट पर रोक लगाई

स्वतंत्र मीडिया संस्थान ‘द कश्मीर वाला’ के संस्थापक-संपादक फहद शाह आतंकवाद के आरोप में 18 महीने से जम्मू जेल में बंद हैं, जबकि इसके ट्रेनी पत्रकार सज्जाद गुल भी जनवरी 2022 से जन सुरक्षा अधिनियम के तहत उत्तर प्रदेश में जेल में बंद हैं. संस्थान ने एक बयान में कहा है कि सरकार की इस कार्रवाई के अलावा उन्हें श्रीनगर में अपने मकान मालिक से दफ़्तर ख़ाली करने का नोटिस भी मिला है.

न्यू इंडिया में सामाजिक दरारें चौड़ी होती जा रही हैं

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: इस समय भारतीय समाज में कई भीषण और गहरी दरारें पड़ चुकी हैं- जो पहले से थीं उन्हें और चौड़ा किया जा रहा है. सत्तारूढ़ राजनीति खुल्लमखुल्ला अभद्रता, गाली-गलौज, कीचड़फेंकू वृत्ति आदि से राजनीति, व्यापक ज़रूरी मुद्दों पर बहस को लगभग असंभव बना रही है.

मस्क द्वारा अधिग्रहण के बाद सेंसरशिप या निगरानी संबंधी सभी सरकारी आदेश ट्विटर ने माने: रिपोर्ट

ट्विटर का अधिग्रहण करने के बाद एलन मस्क ने अभिव्यक्ति की आज़ादी के एक नए युग की शुरुआत और सोशल मीडिया पर राजनीतिक हस्तक्षेप को अस्वीकार करने का वादा किया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, 27 अक्टूबर 2022 से 27 अप्रैल 2023 तक ट्विटर को भारत से 971 अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जिसमें से उनसे 808 का पूरी तरह से पालन किया है.

संशोधित आईटी नियम व्यंग्य और पैरोडी को आवश्यक सुरक्षा प्रदान नहीं करते: हाईकोर्ट

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने हाल ही में अधिसूचित नए आईटी नियमों को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है. उनकी याचिका ख़ारिज करने की मांग करते हुए सरकार ने कहा है कि नए नियमों के तहत बनने वाली फैक्ट-चेक इकाई सोशल मीडिया से किसी व्यंग्य या किसी राय को नहीं हटाएगी.

1 2 3