द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में गोरखपुर यूनिवर्सिटी की दो प्रोफेसर- सुषमा पांडेय और उमा श्रीवास्तव एबीवीपी कार्यकर्ताओं की आरती उतारते और उन पर फूल बरसाते दिख रही हैं. वीडियो उस समय का है जब कुलपति व कुलसचिव पर हमले के आरोपी आठ कार्यकर्ता जेल से छूटकर परिषद के कार्यालय पहुंचे थे.
गोरखपुर विश्वविद्यालय में एबीवीपी से जुड़े छात्र फीस वृद्धि समेत मुद्दों पर चार दिन से प्रदर्शन कर रहे थे. आरोप है कि शुक्रवार को उन्होंने कुलसचिव प्रोफेसर अजय सिंह को गिराकर मारा और कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह के साथ बदसलूकी की. उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे पुलिसकर्मियों के साथ भी मारपीट की गई.
उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल के बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी का बीते 16 मई को निधन हो गया. अस्थिर सरकारों के दौर में तिवारी 1996 से 2007 तक लगातार कैबिनेट मंत्री रहे थे.
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह अपने 15 महीनों के कार्यकाल के दौरान लगातार विवादों में रहे हैं. फैकल्टी सदस्य और विद्यार्थी उन पर अनियमितता, मनमाने निर्णयों और शिक्षकों के साथ बदसलूकी के आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा का शव बीते 31 जुलाई को एक स्टोर रूम में फांसी से लटका मिला था. पहले पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन मामले को आत्महत्या बता रहे थे. छात्रा के पिता की लिखित शिकायत पर एक अगस्त की देर शाम विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष और उनके सहायकों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया गया है.
कुख्यात अपराधी विकास दुबे को पकड़ने गए पुलिसकर्मियों की बर्बर हत्या को एक अपराधी के दुस्साहस और पुलिस की रणनीति में कमी तक सीमित करना अपराध-राजनीति के गठजोड़ की अनदेखी करना है. बिना राजनीतिक संरक्षण के किसी अपराधी में इतनी हिम्मत नहीं आ सकती कि वह पुलिस टीम को घेरकर मार डाले और आराम से फ़रार हो जाए.
विशेष रिपोर्ट: गोरखपुर विश्वविद्यालय प्रशासन पर आरोप है कि शिक्षक भर्ती के दौरान जनरल कैटेगरी में भी एक ख़ास जाति को तरजीह दी गई. चयन प्रक्रिया को लेकर उठ रहे सवाल.