भाजपा की राज्य कार्यकारिणी द्वारा बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन नहीं करने के संबंध में एक प्रस्ताव पारित करने के बाद उन्होंने यह बयान दिया है. नीतीश ने दोहराया कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव तथा उनके पिता लालू प्रसाद के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के ‘निराधार’ आरोपों के बाद 2017 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में उनकी वापसी एक ‘भूल’ थी.
कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) को वोटों के लिए समाज को विभाजित करने वाला भाजपा का राजनीतिक हथियार बताया है. गोगोई ने कहा कि विधानसभा चुनाव में असम की पहचान और विकास दोनों दांव पर हैं. असम में पार्टी के सत्ता में आने पर सीएए को लागू करने नहीं दिया जाएगा.
अगर भाजपा पिछली बार जीती गई 282 सीटों से कम सीटें पाती है, तो पार्टी को सहयोगियों की ज़रूरत होगी. समीकरण जैसे भी बनें, यह निश्चित है कि अगली सरकार गठबंधन की या खिचड़ी सरकार होगी, जिसे मोदी बिल्कुल पसंद नहीं करते.
विशेष रिपोर्ट: छत्तीसगढ़ में बहुजन समाज पार्टी की ताक़त के बारे में आंकड़े क्या कहते हैं?
अजीत जोगी के हालिया फ़ैसले दिखाते हैं कि वे जल्दबाज़ी में हैं और किसी भी तरह सत्ता पाने की ललक रखते हैं, भले ही इसके लिए उन्हें भाजपा से ही हाथ क्यों न मिलाना पड़े.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान ख़ुर्शीद ने कहा कि महागठबंधन कांग्रेस को रोकने की कीमत पर नहीं मोदी सरकार को मात देने के लिए होना चाहिए.
बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि दिग्विजय सिंह जैसे नेता नहीं होने दे रहे कांग्रेस-बसपा का गठबंधन. कांग्रेस पार्टी की रस्सी जल गई, मगर बल नहीं गया.
बिहार की बेगूसराय लोकसभा सीट पर भाकपा के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले कन्हैया कुमार राजद, कांग्रेस, हम पार्टी, रांकपा, शरद यादव की लोकतांत्रिक जनता दल और अन्य वामदलों के महागठबंधन के उम्मीदवार होंगे.
हम भी भारत की 40वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी 2019 के आम चुनाव के लिए संभावित विपक्षी महागठबंधन में कांग्रेस की भूमिका पर वरिष्ठ पत्रकार विनोद शर्मा और द वायर की मैनेजिंग एडिटर मोनोबिना गुप्ता से चर्चा कर रही हैं.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री के शपथ ग्रहण समारोह में एकजुटता दिखाने वाले विपक्ष के नेताओं के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या वे 2019 के आम चुनावों तक साथ बने रहेंगे?
बसपा महासचिव सतीश चंद मिश्रा ने कहा, 'बीएसपी का कोई आधिकारिक ट्विटर अकाउंट नहीं है.'
बिहार की राजधानी पटना में एक प्रेस वार्ता के दौरान 2019 में मोदी के दोबारा प्रधानमंत्री बनने के सवाल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये बात कही.
कांग्रेस, राजद, बसपा, तृणमूल और सपा जैसे दलों को भ्रष्टाचार के घेरे में लेकर यह सिद्ध किया जा रहा है कि उनकी सारी धर्मनिरपेक्षता भ्रष्टाचार को ढंकने का एक आवरण है.
नेताओं द्वारा बिहार की जनता के साथ ठगी का सिलसिला जारी है.
नीतीश ने विपक्ष का राष्ट्रीय नेता होने के कठिन रास्ते पर चलने के बजाय मौकापरस्त ढंग से मुख्यमंत्री बन ख़ुद को इतिहास के कूड़ेदान में जाने के लिए अभिशप्त बना लिया.