‘तुझको तेरी जेटली की कसम, ओ प्यारे मोदी ये ज़ुल्म न कर’

धार्मिक भावना से लैस राजनीति और नेता में धार्मिक प्रवृत्ति, जनता के बड़े समूह का चरित्र किस तरह से बदल देती है, सूरत का आंदोलन उसकी मिसाल पेश कर रहा है.

जीएसटी से एक लाख कंपनियों के बंद होने का मोदी का दावा कितना सही है?

जीएसटी लागू होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिन एक लाख कंपनियों पर ताला लगने का दावा किया है, उनके संबंध में वस्तुगत स्थिति का अब तक खुलासा नहीं हो पाया है.

‘बड़े संगठन हमेशा से छोटे व्यापारियों के नाम पर राजनीति करते आए हैं’

जीएसटी के मसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के साथ द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.

जीएसटी: ‘नई आज़ादी’ के आधी रात के जश्न में गुम न हो जाएं ये सवाल

जीएसटी को लागू किए जाने से पहले सरकार ने छोटे कारोबारियों की चिंताओं को नज़रअंदाज़ किया. किसी को जीएसटी के जटिल प्रारूप के कारण छोटे व्यापारियों पर पड़नेवाले प्रभावों का आकलन करने की फुर्सत नहीं है, जिन पर वकील और सीए अभी से ही शिकारी बाज़ की तरह झपट पड़े हैं.

आधी रात को जीएसटी समारोह स्वतंत्रता आंदोलन और बलिदानों का अपमान है: कांग्रेस

कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, भाकपा, माकपा समेत कई विपक्षी दल जीएसटी लागू करने के लिए 30 जून की मध्य रात्रि में बुलाई गई संसद की विशेष बैठक में भाग नहीं लेंगे.

कर चोरों को छोड़कर किसी को भी जीएसटी से डरने की ज़रूरत नहीं: वेंकैया नायडू

नायडू ने कहा कि जीएसटी के दूरगामी परिणाम देश की अर्थव्यवस्था के लिये अच्छे होंगे लेकिन अल्पावधि में देश की अर्थव्यवस्था, मुद्रास्फीति, जीडीपी पर इसका नकारात्मक असर होगा.

‘जीएसटी लागू करने को लेकर सरकार ने छोटे व्यापारियों से बातचीत नहीं की’

जीएसटी के मसले पर कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल के साथ द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु की बातचीत.

क्या जीएसटी के रूप में ‘इंस्पेक्टर-राज’ की वापसी हो रही है?

सरकार ने जीएसटी लागू करने की तैयारियां समय पर पूरी नहीं की हैं जिसके कारण एक बार फिर नोटबंदी जैसी अफ़रातफ़री मचने की आशंका पैदा हो गई है.

‘70 प्रतिशत व्यापारी गांवों में रहते हैं, उनके पास इंटरनेट नहीं है वो जीएसटी के बिल कैसे भरेंगे’

देश के अलग-अलग हिस्सों से जीएसटी का विरोध करने ​के लिए दिल्ली के चांदनी चौक में जुटे व्यापारियों से बातचीत.

आंकड़े बताते हैं कि मोदी सरकार के तीन साल में अर्थव्यवस्था के अच्छे दिन नहीं आए

मोदी यह समझाने की कितनी भी कोशिश करें कि उनके आने से बदलाव आया है, लेकिन आंकड़े बताते हैं कि अर्थव्यवस्था से जुड़े अधिकांश क्षेत्रों में सरकार प्रगति करने के लिए जूझती नज़र आ रही है.