अहमदाबाद के जमालपुर-खड़िया विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला ने गुजरात विधानसभा चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के भूषण भट्ट को मात दी. इस बार कांग्रेस ने छह, आप ने तीन, एआईएमआईएम ने 12 मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था. वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा ने किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया था.
भारत के लिए गुजरात के चुनाव परिणाम का विचारधारात्मक आशय काफ़ी गंभीर होगा. गुजरात के बाहर भी मुसलमान और ईसाई विरोधी घृणा और हिंसा में और तीव्रता आएगी. श्रमिकों, किसानों, छात्रों आदि के अधिकार सीमित करने के लिए क़ानूनी तरीक़े अपनाए जाएंगे. संवैधानिक संस्थाओं पर भी दबाव बढ़ेगा.
इन चुनावों व उपचुनावों में भाग लेने वाले मतदाताओं ने जता दिया है कि नए विकल्प न भी हों तो वे मजबूर होकर सत्ताधीशों की मनमानियों को सहते नहीं रहने वाले. जो विकल्प उपलब्ध हैं, उन्हीं में उलट-पलटकर चुनते हुए सत्ताधीशों के अपराजेय होने के भ्रम को तोड़ते रहेंगे.
किसी भी गुजरात विधानसभा चुनाव में इससे पहले सर्वाधिक सीट जीतने का रिकॉर्ड 1985 में कांग्रेस की माधव सिंह सोलंकी सरकार के नाम था. तब कांग्रेस ने 149 सीटों पर जीत दर्ज करके सरकार बनाई थी. भाजपा ने 12 दिसंबर को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित करने की घोषणा की है.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उनकी पार्टी के राष्ट्रीय दर्जा पाने की घोषणा की है. पार्टी के सांसद संजय सिंह ने बताया कि गुजरात में पार्टी को 35 लाख से अधिक वोट मिलने के बाद 'आप' राष्ट्रीय पार्टी बन गई है. हालांकि, उनके इस दावे को निर्वाचन आयोग से मान्यता मिलना बाकी है.
इसुदान गढ़वी खंभालिया सीट से आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार थे. उन्हें 18,000 से अधिक वोटों से भाजपा प्रत्याशी ने हराया. 'आप' के प्रदेश अध्यक्ष गोपाल इटालिया भी हार गए हैं. उन्हें 64,000 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा है.
मोरबी सीट पर भाजपा उम्मीदवार कांतिलाल अमृतिया ने अपने निकटतम कांग्रेस प्रत्याशी को 62,079 मतों से हराया है. अक्टूबर महीने के अंत में मोरबी में हुए पुल हादसे में लगभग डेढ़ सौ लोगों की जान गई थी. मोरबी ज़िले की दो अन्य सीटों- टंकारा और वांकानेर में भी भाजपा ने जीत हासिल की है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के अब तक के रुझानों में कांग्रेस 37 सीटों पर आगे चल रही है, जबकि सत्तारूढ़ भाजपा 27 सीटों पर आगे है और एक सीट पर उसे जीत मिल गई है. 3 सीट पर निर्दलीय भी बढ़त बनाए हुए हैं.
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 150 सीटों पर, कांग्रेस 18 और आम आदमी पार्टी (आप) छह सीटों पर आगे चल रही है.
गुजरात के 33 ज़िलों की 182 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में एक दिसंबर और पांच दिसंबर को विधानसभा चुनाव संपन्न हुआ था. शुरुआती रुझान मतपत्रों की गिनती के हैं, जिनमें सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को 100 से अधिक सीटों पर बढ़त मिलती दिख रही है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट में विधानसभा चुनाव के उम्मीदवारों के हलफ़नामों का हवाला देते हुए बताया गया है कि आम आदमी पार्टी के 61, कांग्रेस के 60 और सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के 32 प्रत्याशियों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामले दर्ज हैं.
विपक्ष द्वारा उठाए गए आर्थिक और सामाजिक सरोकारों ने भाजपा को इसके 'गुजराती गौरव' पर भरोसा करने के लिए मजबूर कर दिया है. यह भी महत्वपूर्ण है कि आम आदमी पार्टी ने भाजपा के चुनाव अभियान की दिशा हिंदुत्व से विकास योजनाओं की ओर मोड़ दी है.
भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने घोषणा-पत्र जारी करते हुए कहा कि दोबारा चुने जाने पर हम संभावित ख़तरों और आतंकवादी संगठनों और भारत विरोधी ताक़तों के स्लीपर सेल की पहचान करने और उन्हें ख़त्म करने के लिए गुजरात में एक एंटी-रेडिकलाइजेशन सेल बनाएंगे. साथ ही सार्वजनिक और निजी संपत्ति नुकसान वसूली अधिनियम लाने का वादा किया गया है.
भाजपा ने गुजरात की नरोदा सीट से मौजूदा विधायक बलराम थवानी को एक और मौका देने के बजाय पायल कुकरानी को मैदान में उतारा है. पायल नरोदा पाटिया दंगा मामले में दोषी क़रार दिए गए 16 व्यक्तियों में से एक मनोज कुकरानी की बेटी हैं. पार्टी ने बिलकीस बानो के बलात्कारियों को ‘संस्कारी’ बताने वाले विधायक चंद्रसिंह राउलजी को भी गोधरा से टिकट दिया है.
गुजरात में द्वारका ज़िले के एक किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले पूर्व टीवी पत्रकार इसुदान गढ़वी ओबीसी समुदाय से आते हैं, जो राज्य की आबादी का 48 फीसदी हिस्सा हैं. गढ़वी को आम आदमी पार्टी द्वारा कराए गए एक सर्वेक्षण में 73 प्रतिशत वोट मिले हैं. वर्तमान में वह पार्टी के राष्ट्रीय संयुक्त महासचिव हैं.