गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जिग्नेश मेवाणी को 2016 के एक विरोध प्रदर्शन से जुड़े मामले में सड़क अवरुद्ध करने को लेकर यह सज़ा सुनाई गई है. इससे पहले मई महीने में गुजरात की एक अदालत ने साल 2017 में बगैर अनुमति के ‘आज़ादी रैली’ निकालने के लिए मेवाणी को तीन महीने क़ैद की सज़ा सुनाई थी.
गुजरात की एक अदालत ने साल 2017 में मेहसाणा से बनासकांठा ज़िले के धनेरा तक बगैर अनुमति के ‘आज़ादी रैली’ निकालने के लिए निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और नौ अन्य लोगों को तीन महीने क़ैद की सज़ा सुनाई है. मेवाणी को बीते हफ्ते असम पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले में ज़मानत पर रिहा किया गया था.
अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित साबरकांठा जिले की खेड़ब्रह्मा सीट से तीन बार विधायक रहे आदिवासी नेता अश्विन कोतवाल ने कहा कि जो जनता के बीच लोकप्रिय हैं, उन्हें टिकट देने के बजाय कांग्रेस पार्टी नेतृत्व केवल उन लोगों का पक्ष लेती है, जो उनके प्रति वफादार रहे हैं. कोतवाल के इस्तीफ़े के बाद 182 सदस्यीय राज्य विधानसभा में कांग्रेस के सदस्य घटकर 63 हो गए, जबकि भाजपा के पास 111 सदस्यों के साथ बहुमत है.
कांग्रेस की कार्यशैली से नाख़ुशी ज़ाहिर करने के हफ्तेभर बाद पार्टी नेता हार्दिक पटेल ने कहा कि वे किसी व्यक्ति से नहीं बल्कि राज्य इकाई के नेतृत्व से नाराज़ हैं. उन्होंने कहा कि अगर पार्टी लोगों की आवाज़ नहीं बन सकेगी, उनके हितों को प्राथमिकता नहीं देगी तो वे लोग अन्य विकल्प तलाशना शुरू कर देंगे.
मेहसाणा में भाजपा की विजय संकल्प रैली में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा कि देश की जनता 23 मई को नरेंद्र भाई की जीत सुनिश्चित करेगी जिसके बाद पाकिस्तान में शोक मनाया जाएगा.
हम भी भारत की 14वीं कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, गुजरात विधानसभा चुनाव परिणाम के मद्देनज़र नरेंद्र मोदी के अजेय होने की संभावना पर चर्चा कर रही हैं.
गुजरात चुनाव राउंडअप: 'आप' ने की ख़रीद-फ़रोख़्त की जांच की मांग, अल्पेश ठाकोर कांग्रेस में शामिल, कांग्रेस की मांग मतदान केंद्रों पर हो सीसीटीवी, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई.
मेरे किसान भाइयों! तुम्हें तो अब ख़ुदकुशी भी करने की ज़रूरत नहीं है. सरकार आजकल तुम्हें ख़ुद गोली मार देती है. चलो इस बहाने ज़हर का ख़र्चा भी ख़त्म हुआ.
ख़रीद-फ़रोख़्त के आरोप के बीच 14 कांग्रेसी विधायकों के भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की ख़बर.
साक्षात्कार: गुजरात के पूर्व सीएम सुरेश मेहता के अनुसार, मोदी ने ‘वाइब्रेंट गुजरात’ को प्रोपेगेंडा में बदल दिया. बढ़ते क़र्ज़ व स्पष्ट नीतियों के बिना गुजरात रसातल में चला गया है.