अहमदाबाद पुलिस की क्राइम ब्रांच में दर्ज हुई एफआईआर में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ पर आरोप है कि उन्होंने 2002 के गुजरात दंगों को लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ अन्य मंत्रियों, अफसरों और राज्य सरकार को बदनाम करने की साज़िश रची थी. बीते 30 जुलाई को हाईकोर्ट उन्हें ज़मानत देने से इनकार कर चुका है.
सुप्रीम कोर्ट से बिलक़ीस बानो मामले के 11 दोषियों की सज़ा माफ़ी रद्द करने का आग्रह करते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत इन हस्ताक्षरकर्ताओं ने कहा है कि इस तरह का निर्णय हर उस बलात्कार पीड़िता को हतोत्साहित और प्रभावित करेगा जिन्हें न्याय व्यवस्था पर भरोसा करने को कहा जाता है.
बिलक़ीस बानो के बलात्कार के 11 दोषियों की सज़ा माफ़ करने वाली सरकारी समिति का हिस्सा रहे गोधरा से भाजपा विधायक सीके राउलजी ने एक साक्षात्कार में कहा कि उन्हें नहीं पता कि जेल से रिहा किए गए दोषी अपराध में शामिल थे या नहीं और यह संभव है कि उन्हें फंसाया गया हो.
15 अगस्त को गुजरात की भाजपा सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत बिलक़ीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के लिए उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे 11 दोषियों को रिहा कर दिया था.
बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के 11 दोषियों की सज़ा माफ़ करने वाली समिति के चार सदस्य भाजपा से जुड़े थे, जिनमें दो विधायकों के अलावा पूर्व पार्षद और गोधरा अग्निकांड मामले के गवाह मुरली मूलचंदानी शामिल थे. उस मामले में उनकी गवाही को कोर्ट ने झूठा क़रार दिया था.
बिलक़ीस बानो की वकील द्वारा जारी बयान में उन्होंने गुजरात सरकार से उनके बलात्कार के दोषियों की समयपूर्व रिहाई के फ़ैसले को वापस लेने और बिना डर और शांति से जीने का उनका अधिकार लौटाने की अपील की है. उन्होंने सवाल किया, 'क्या एक औरत को मिले इंसाफ़ का यही अंत है?'
सावरकर ने अपनी किताब '6 गौरवशाली अध्याय' में बलात्कार को राजनीतिक हथियार के तौर पर जायज़ ठहराया था. आज़ाद होने के बाद एक अपराधी ने कहा भी कि उन्हें उनकी राजनीतिक विचारधारा के कारण दंडित किया गया. वे शायद यह कहना चाह रहे हों कि उन्होंने कोई जुर्म नहीं किया था, मात्र सावरकर की राजनीतिक विचारधारा लागू की थी.
गुजरात सरकार द्वारा इसकी क्षमा नीति के तहत बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार के दोषियों की सज़ा माफ़ होने और रिहाई के बाद बेहद मायूस बिलक़ीस का कहना है कि अब उनके पास न सब्र बचा है और न ही हिम्मत. वे यह लड़ाई हार गई हैं.
गुजरात की बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के दोषी 11 लोगों की रिहाई को लेकर विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को निशाने पर लिया है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उनके 'नारी शक्ति' बयान का हवाला देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की कथनी और करनी में अंतर पूरा देश देख रहा है.
गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत इन 11 दोषियों की रिहाई को मंज़ूरी दी है. इन सभी को सीबीआई की विशेष अदालत ने 2002 में गुजरात दंगों के दौरान बिलक़ीस बानो के साथ सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या का दोषी ठहराया था.
बिलक़ीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिजनों की हत्या के दोषी ठहराए गए 11 क़ैदियों को सोमवार को गोधरा जेल से रिहा किया गया. बिलकीस के परिवार ने रिहाई पर हैरत जताते हुए कहा है कि वे इस बारे में टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं.
इस साल मार्च में गुजरात सरकार ने ऐलान किया था कि शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से कक्षा 6 से 12 तक के स्कूली पाठ्यक्रम में भगवद गीता को शामिल किया जाएगा. इस संबंध में एक प्रस्ताव भी पारित किया गया था, जिसे संविधान के विरुद्ध बताते हुए ज़मीयत उलेमा-ए-हिंद ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है.
वीडियो: गुजरात के वडगाम से कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को कथित तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े एक ट्वीट के संबंध में असम पुलिस ने बीते दिनों गिरफ़्तार कर लिया था. इस मामले में ज़मानत पर रिहा होने के बाद मेवाणी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है.
गुजरात की एक अदालत ने साल 2017 में मेहसाणा से बनासकांठा ज़िले के धनेरा तक बगैर अनुमति के ‘आज़ादी रैली’ निकालने के लिए निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी और नौ अन्य लोगों को तीन महीने क़ैद की सज़ा सुनाई है. मेवाणी को बीते हफ्ते असम पुलिस द्वारा दर्ज एक मामले में ज़मानत पर रिहा किया गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़े एक ट्वीट के कारण असम पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए जाने के बाद रिहा किए गए विधायक जिग्नेश मेवाणी ने कहा कि उनके ख़िलाफ़ दर्ज मामले गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले उन्हें ‘बदनाम करने’ की ‘पूर्व नियोजित साज़िश’ का हिस्सा थे. उन्होंने इसे ‘56 इंच का कायरतापूर्ण’ कृत्य क़रार दिया. उन्होंने कहा कि उनकी गिरफ़्तारी के पीछे पीएमओ में बैठे कुछ गोडसे भक्त थे.