गुजरात के साबरकांठा ज़िले के हिम्मतनगर क़स्बे के निकट संचारी गांव में 30 जुलाई को यह घटना हुई. आरोप है कि गांव में चारों आरोपियों ने दो अन्य के साथ मिलकर 30 वर्षीय विधवा महिला और एक शादीशुदा पुरुष की जमकर पिटाई की. महिला के कपड़े फाड़कर उनका सिर मुंड़वा दिया. इसके बाद आरोपियों ने दोनों को भविष्य में साथ दिखाई देने पर उनकी हत्या करने की धमकी दी.
इसके अलावा गुजरात सरकार ने भावनगर में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के फ़र्ज़ी जीएसटी बिलों से जुड़े एक मामले में डिप्टी स्टेट टैक्स कमिश्नर समेत 36 अधिकारियों का तबादला कर दिया. इस मामले में पिछले एक महीने में 11 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.
गुजरात के सूरत के अठवा, सलबतपुरा, चौक बाज़ार, महिधरपुरा, सैयदपुरा, लालगेट, रांदेर और लिंबायत पुलिस थाना इलाकों में इस अवधि को बढ़ाया गया है. इन इलाकों में कई असामाजिक तत्वों द्वारा बल या दबाव के ज़रिये संपत्तियों पर क़ब्ज़ा करने की घटनाओं को कम करने के लिए यह फैसला किया गया है.
पुलिस ने बताया कि घटना 6 जुलाई को आदिवासी बहुल धानपुर तालुका के खजूरी गांव में हुई थी, जिसके बारे में सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद मालूम चला. वीडियो में पीड़िता का पति और अन्य लोग उन्हें निर्वस्त्र कर पीटते हुए घुमाते नज़र आ रहे हैं. राज्य महिला आयोग ने इस बारे में पुलिस से रिपोर्ट तलब की है.
खेड़ा ज़िले के मातर से भाजपा विधायक केसरी सिंह सोलंकी को पुलिस ने पावागढ़ क़स्बे के पास एक रिजॉर्ट में छापेमारी के दौरान पकड़ा. गिरफ़्तार किए गए पच्चीस लोगों में सात महिलाएं हैं. अधिकारियों ने बताया कि सोलंकी औरअन्य को जुआ खेलते हुए पाया गया. उनके पास शराब की बोतलें भी बरामद हुई हैं.
मार्च 2010 में गुजरात एटीएस ने 43 वर्षीय एक एनजीओ कर्मी बशीर अहमद बाबा को आणंद से गिरफ़्तार किया था. उन पर आतंकी नेटवर्क स्थापित करने और 2002 के दंगों से नाराज़ मुस्लिम युवाओं को हिजबुल मुजाहिदीन के लिए भर्ती करने के लिए राज्य में रेकी करने का आरोप लगाया था. आरोप साबित न होने पर बीते दिनों उन्हें रिहा कर दिया गया.
गुजरात राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019-20 में राष्ट्रीयकृत बैंकों द्वारा संचालित 5,257 शाखाओं की तुलना में 2020-21 में यह संख्या घटकर 4,979 हो गई है. दूसरी ओर निजी बैंकों की शाखाओं में 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. मार्च 2021 के अंत में 116 शाखाओं के जुड़ने के बाद इनकी शाखाओं की संख्या बढ़कर 2,225 हो गई है.
सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि सबसे ज़्यादा उम्रदराज़ या बुज़ुर्ग क़ैदियों ख़ासकर 70 साल से अधिक उम्र के क़ैदियों के संक्रमित होने का ज़्यादा ख़तरा है. कुछ अपवादों को छोड़कर कुछ राज्यों ने वायरस के घातक प्रभावों के बावजूद वृद्ध क़ैदियों की रिहाई के संबंध में आवश्यक क़दम नहीं उठाए हैं.
गुजरात के वडोदरा शहर के एक थाने आरोपी 26 वर्षीय समीर क़ुरैशी उनके माता-पिता, बहन चाचा और एक अन्य व्यक्ति के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने इन्हें हिरासत में ले लिया है. 24 वर्षीय युवती ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया पर ग़लत पहचान के ज़रिये शादी के नाम पर आरोपी ने उनके साथ कई बार बलात्कार किया और जबरन धर्म परिवर्तन कराया.
गुजरात के जामनगर के गुरु गोबिंद सिंह सरकारी अस्पताल का मामला है. महिला कर्मचारियों ने बताया कि उनके सुपरवाइज़रों ने यौन संबंध बनाने के उनके प्रस्तावों को ठुकराने वाली अटेंडेंट्स को लगभग तीन महीने का वेतन दिए बिना निकाल दिया. राज्य सरकार इन आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है.
खाद्य और औषधि नियंत्रण प्रशासन के आयुक्त ने बताया कि सात आरोपियों के ख़िलाफ़ औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है, जबकि एक व्यक्ति को गुजरात पुलिस ने उसके पास से ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन की तीन लाख शीशियों सहित मादक पदार्थ मिलने के बाद एनडीपीएस अधिनियम के तहत गिरफ़्तार किया.
गुजरात की लोक गायिका गीता रबारी सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा की थी, जहां वे अपने घर पर कथित रूप से कोविड-19 टीका लगवाते हुए दिख रही हैं. इस पर विवाद होने के बाद तस्वीर सोशल मीडिया से हटा ली गई है. प्रशासन ने संबंधित महिला स्वास्थ्यकर्मी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध वेंटिलेटर और आईसीयू उपकरणों का ऑडिट कराया जाए ताकि पता चल सके कि कितने वेंटिलेटर और उपकरण इस्तेमाल नहीं हुए और इसकी क्या वजह है. अदालत ने सरकार से कोविड जांच में कथित अनियमितताओं पर भी रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है.
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान गंगा में बहते शवों को देखकर गुजराती कवियत्री पारुल खक्कर ने एक कविता लिखी थी. गुजरात साहित्य अकादमी के आधिकारिक प्रकाशन में इसे लेकर कहा गया है कि शब्दों का उन ताकतों द्वारा दुरुपयोग किया गया, जो केंद्र और उसकी राष्ट्रवादी विचारधारा की विरोधी हैं.
गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक के अनुसार, शादी करके या किसी की शादी कराके या शादी में मदद करके जबरन धर्मांतरण कराने पर तीन से पांच साल तक की क़ैद की सज़ा सुनाई जा सकती है और दो लाख रुपये तक का जुर्माना लग सकता है. भाजपा शासित उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में इसी तरह के क़ानून पहले से ही प्रभावी हैं.