कोशल में रात गहराती जा रही है!

आज की अयोध्या में बहुसंख्यक सांप्रदायिकता के समक्ष आत्मसमर्पण और उसका प्रतिरोध न कर पाने की असहायता बढ़ती जा रही है. आम लोगों के बीच का वह स्वाभाविक सौहार्द भी, जो आत्मीय रिश्तों तक जाता था, अब औपचारिक हो चला है.

मुग़लों का इतिहास न पढ़ाने के फैसले के पीछे कौन-सी समझदारी है?

मुग़लों का इतिहास तो पढ़ाए न जाने के बावजूद इतिहास ही रहेगा- न बदलेगा, न मिटेगा. लेकिन छात्र उससे वाक़िफ़ नहीं हो पाएंगे और उनका इतिहास ज्ञान अधूरा व कच्चा रह जाएगा. 

अब हम राजनीति के समय में नहीं, ‘राजबाज़ारी’ के युग में हैं

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: आज की सत्तारूढ़ राजनीति के सिलसिले में सब कुछ 'राज' पर इतना एकाग्र हो चला है कि 'नीति' लगभग ग़ायब हो गई है. नीति के राजनीति से लोप के चलते उसके लिए कोई नया शब्द गढ़ना चाहिए. इसी बीच, राज और बाज़ार का संबंध बहुत गाढ़ा हुआ है और वे एक-दूसरे के पोषक हो गए हैं.

मुसलमानों से देश छोड़ने की बात कहने वाले ख़ुद देश छोड़कर चले जाएं: महमूद मदनी

देवबंद में जमीयत उलेमा-ए-हिंद की प्रबंधन समिति के सालाना अधिवेशन में महमूद मदनी ने कहा, 'हमारा मज़हब, लिबास, तहज़ीब, खाना-पीना भी अलग है. और अगर आपको हमारा मज़हब बर्दाश्त नहीं है, तो आप कहीं और चले जाएं. वो ज़रा-ज़रा सी बात पर कहते हैं कि पाकिस्तान जाओ, भइया तुम्हें मौक़ा नहीं मिलेगा पाकिस्तान जाने का, हमें मिला था, हमने रिजेक्ट किया है. इसलिए हम नहीं जाएंगे, जिसको भेजने का शौक़ है वो चला जाए.'

हमारी लड़ाई हिंदू से नहीं, धर्म के आधार पर आग लगाने वाली सरकार से है: अरशद मदनी

उत्तर प्रदेश के देवबंद में जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के सालाना अधिवेशन को संबोधित करते हुए संगठन के दूसरे धड़े के प्रमुख मौलाना महमूद असद मदनी ने शनिवार को कहा कि सरकार ने देश के मुसलमानों की मुश्किलों के प्रति आंखें मूंद ली हैं. संगठन ने आरोप लगाया कि देश के बहुसंख्यक समुदाय के दिमाग में भाजपा नीत सरकार के संरक्षण में ज़हर घोला जा रहा है.

हिंदू संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- नफ़रती भाषणों के लिए मुस्लिम नेताओं को भी गिरफ़्तार करें

हरिद्वार और दिल्ली में आयोजित ‘धर्म संसद’ कार्यक्रमों में नफ़रती भाषणों के ख़िलाफ़ दायर याचिका का विरोध करते हुए दो दो दक्षिणपंथी संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में जवाबी याचिकाएं दायर की है. दोनों ने शीर्ष अदालत से उन्हें इस मामले में पक्षकार बनाने की अपील की है. एक हिंदू संगठन ने पूर्व में मुस्लिम नेताओं द्वारा हिंदुओं के ख़िलाफ़ दिए गए ऐसे ही भाषण के लिए हिंदुओं को समान सुरक्षा दिए जाने की मांग की है.

उत्तराखंड: धर्म संसद जैसी नफ़रत वाली राजनीति और भीड़ हिंसा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन

उत्तराखंड के विभिन्न ज़िलों में भीड़ हिंसा और नफ़रत की राजनीति के विरोध में लोगों ने प्रदर्शन करते हुए राज्य में अल्पसंख्यकों के ख़िलाफ़ बढ़ रहे अपराधों पर चिंता जताई है. कोरोना की पहली लहर में सरकार ने ताली-थाली बजवाई थी, उसी तर्ज पर इस दौरान कनस्तर बजाकर नारे लगाए गए और हिंसा ख़त्म करने की अपील की गई. साथ में नारे लिखे पोस्टर दिखाकर सरकार के प्रति अपना रोष व्यक्त किया गया.

योगी आदित्यनाथ का ‘अब्बा जान’ बयान, यूपी में भाजपा का सांप्रदायिक चुनावी अभियान

वीडियो: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बीते दिनों समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पर निशाना साधते हुए दावा किया था कि '2017 से पहले केवल 'अब्बा जान' कहने वालों को ही राशन मिलता था. आज अगर कोई गरीब लोगों के राशन को हथियाने की कोशिश करेगा, तो वह निश्चित रूप से जेल चला जाएगा.' इस बयान पर चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.

यूपी: राशन वितरण को लेकर योगी आदित्यनाथ ने सांप्रदायिक और झूठा दावा किया है

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कुशीनगर में कहा था कि साल 2017 से पहले सिर्फ ‘अब्बा जान’ कहने वालों को ही राशन मिलता था. आंकड़े दर्शाते हैं कि ऐसा किसी भी तरह से संभव नहीं है.

‘घोर सांप्रदायिकता और नफ़रत’ के सहारे चुनाव लड़ना भाजपा का एकमात्र एजेंडा: उमर अब्दुल्ला

नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने योगी आदित्यनाथ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मेरा मानना रहा है कि भाजपा का सारा ज़हर मुस्लिमों के प्रति होता है. यहां एक मुख्यमंत्री हैं, जो दोबारा यह दावा कर चुनाव जीतना चाहते हैं कि मुस्लिमों ने हिंदुओं के हिस्से का पूरा राशन खा लिया. योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि वर्ष 2017 से पहले सिर्फ़ ‘अब्बा जान’ कहने वालों को ही राशन मिलता

गांधी का स्‍वतंत्रता संघर्ष ‘नाटक’ था, ऐसे लोग हमारे देश में महात्मा बन गए: भाजपा सांसद

आपत्तिजनक बयानों को लेकर हमेशा विवादों में रहने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने बेंगलुरु में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि इतिहास पढ़ने पर मेरा खून खौलता है.

‘साल 2002 में गुजरात दो हिस्सों में बंट गया, वही राजनीति अब पूरे देश में फैल गई है’

वीडियो: गुजरात दंगों पर आधारित किताब ‘द एनाटमी ऑफ हेट’ की लेखिका वरिष्ठ पत्रकार रेवती लाल से द वायर हिंदी के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.

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