अडानी समूह के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी का आरोप लगाने वाली रिपोर्ट जारी करने के बाद सोशल मीडिया पर ऐसी ख़बरें चलने लगी थीं कि हिंडनबर्ग रिसर्च के ख़िलाफ़ अमेरिका में तीन मामलों की जांच चल रही है, इसके बैंक एकाउंट जब्त कर दिए गए हैं और इसे न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध कंपनियों पर रिपोर्ट जारी करने से रोक दिया गया है.
अडानी समूह को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर मचे विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि निवेशकों के हितों को बाज़ार के उतार-चढ़ाव से बचाने की ज़रूरत है. अदालत ने बाज़ार नियामक तंत्र को मज़बूत करने के लिए केंद्र से एक पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में क्षेत्र के विशेषज्ञों की एक समिति के गठन पर विचार करने के लिए भी कहा है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में बड़े कारोबारी घरानों को दिए गए 500 करोड़ रुपये से अधिक के ऋण के लिए मंज़ूरी नीति की निगरानी को लेकर एक विशेष समिति गठित करने के बारे में भी निर्देश देने की मांग की गई है. अमेरिकी निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि अडानी समूह दशकों से ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है.
विपक्षी दलों ने अडानी मुद्दे को लेकर केंद्र पर हमला तेज़ कर दिया है. संसद के दोनों सदनों में गतिरोध क़ायम है. विपक्ष संयुक्त संसदीय समिति या सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच पर ज़ोर दे रहा है. कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद भवन के परिसर में प्रदर्शन भी किया.
अमेरिका स्थित हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अडानी समूह की कंपनियों के ख़िलाफ़ ‘स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी’ के आरोपों के बाद समूह के शेयरों में गिरावट शुरू होने के बीच अपनी चुप्पी तोड़ते हुए सरकार ने कहा कि एसबीआई और एलआईसी ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि उनके द्वारा दिया गया क़र्ज़ अनुमति सीमा के भीतर है.
बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड ने अडानी पावर लिमिटेड के साथ 2017 के बिजली ख़रीद समझौते में संशोधन की मांग की है. ख़बरों के मुताबिक, झारखंड में अडानी के संयंत्र के लिए ख़रीदे जाने वाले कोयले की अत्यधिक क़ीमत विवाद की मुख्य वजह बनकर उभरी है.
शेयरों में जारी भारी गिरावट के बीच अडानी एंटरप्राइजेज के अलावा अडानी पोर्ट्स एंड एसईज़ेड और अंबुजा सीमेंट्स शेयर बाज़ारों- बीएसई और एनएसई के अल्पकालिक अतिरिक्त निगरानी व्यवस्था के दायरे में आ गई हैं. अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में शुक्रवार को लगातार सातवें दिन गिरावट हुई. अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर 20 प्रतिशत टूट गया.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर यह सरकार ज़्यादा दिन रही, तो सारे बैंक बंद हो जाएंगे. जीवन बीमा (निगम) समाप्त हो जाएगा.
कांग्रेस और कई अन्य विपक्षी दलों ने अडानी एंटरप्राइजेज मामले पर संसद के दोनों सदनों में चर्चा की मांग की. इन दलों की ओर से कहा गया कि अडानी मुद्दे पर मोदी सरकार स्पष्ट रूप से घिरी हुई है. वह संसद में इस मामले का ज़िक्र भी नहीं होने देना चाहती है. यही कारण है कि विपक्ष द्वारा इस महाघोटाले को लेकर जेपीसी गठन की मांग रखने का मौका दिए बिना बृहस्पतिवार दोपहर 2 बजे के बाद दोनों सदनों को
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में अडानी समूह पर टैक्स हैवन समझे वाले जाने वाले देशों में स्थापित कंपनियों के अनुचित और व्यापक उपयोग का आरोप लगाया है और क़र्ज़ के उच्च स्तर को लेकर चिंता व्यक्त की है. समूह अपनी ऑस्ट्रेलियाई इकाई ब्रावस के माध्यम ऑस्ट्रेलिया में व्यवसाय करता है.
अमेरिकी निवेश अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में अडानी समूह पर ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया है. अडानी समूह ने इन आरोपों को नकारा है, जिसके बाद फर्म की ओर से कहा गया है कि धोखाधड़ी, धोखाधड़ी ही होती है चाहे इसे दुनिया के सबसे अमीर आदमी ने अंजाम क्यों न दिया हो.
अडानी एंटरप्राइजेज़ लिमिटेड ने शेयर बाज़ार को बताया कि भारत की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी ने उसके 20,000 करोड़ के एफपीओ में एंकर निवेशक के तौर पर 300 करोड़ रुपये निवेश करके 9,15,748 शेयर ख़रीदे हैं. विपक्ष के नेता धोखाधड़ी के आरोपों के बीच एलआईसी और एसबीआई के अडानी समूह में निवेश पर सवाल उठा चुके हैं.
अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अडानी समूह के ख़िलाफ़ लगाए गए शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी के आरोपों के बाद समूह ने क़ानूनी विकल्पों पर विचार की बात कही है. इस पर हिंडनबर्ग ने कहा है कि अगर वे गंभीर हैं तो उन्हें अमेरिका में भी मुक़दमा दायर करना चाहिए.
वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग का कहना है कि उसके दो साल के शोध के बाद पता चला है कि 17,800 अरब रुपये मूल्य वाले अडानी समूह के नियंत्रण वाली मुखौटा कंपनियां कैरेबियाई और मॉरीशस से लेकर यूएई तक में हैं, जिनका इस्तेमाल भ्रष्टाचार, मनी लॉन्ड्रिंग और कर चोरी को अंजाम देने के लिए किया गया. समूह ने इन आरोपों को बेबुनियाद बताया है.