बीते दिनों हुई पुलिस महानिदेशकों, महानिरीक्षकों की बैठक में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी शामिल थे. यहां राज्यों के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी चेतावनी दे रहे थे कि हिंदुत्ववादी रैडिकल संगठन देश के लिए ख़तरा बन गए हैं. हालांकि, यह ख़बर बाहर आते ही सम्मेलन की वेबसाइट से यह रिपोर्ट हटा दी गई.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बुधवार को राज्यसभा में कहा कि श्रीनगर में स्थानीय समाचार पत्रों के लिए काम करने वाले आठ पत्रकारों को आतंकी ब्लॉग ‘कश्मीर फाइट’ के माध्यम से धमकी मिली है. चार मीडियाकर्मियों ने कथित तौर पर इस्तीफ़ा दे दिया है. इस्तीफा देने वाले मीडियाकर्मी राइज़िंग कश्मीर मीडिया हाउस से ताल्लुक रखते हैं.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में कहा कि सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति रही है और जम्मू कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति में काफी सुधार हुआ है तथा आतंकवादी हमलों में काफी कमी आई है. इसके उलट बीते दिनों कश्मीर घाटी में काम कर रहे 56 कश्मीरी पंडितों के नाम लेते हुए आतंकी समूह द रेजिस्टेंस फ्रंट द्वारा जारी की गई एक ‘हिटलिस्ट’ से भयभीत समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया था.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पंजीकरण रद्द होने की तारीख़ से ऐसे एनजीओ तीन साल की अवधि के लिए पंजीकरण के पात्र नहीं होंगे. उन्होंने कहा कि तमिलनाडु में सर्वाधिक 755, महाराष्ट्र में 734, उत्तर प्रदेश में 635, आंध्र प्रदेश में 622 और पश्चिम बंगाल में 611 एनजीओ का पंजीकरण रद्द किया गया है.
केरल की कांग्रेस नेता जेबी माथेर हीशम ने राज्यसभा में सरकार से मॉब लिंचिग से निपटने के लिए उठाए गए निवारक क़दमों का ब्योरा मांगा था. जिसके जवाब में सरकार की ओर सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं का ब्योरा दिया गया. सरकार ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो भीड़ द्वारा हिंसा के संबंध में अलग से कोई आंकड़े नहीं रखता है.
एक मीडिया रिपोर्ट ने गृह मंत्रालय के अधिकारियों के हवाले से दावा किया है कि एक हालिया ख़ुफ़िया रिपोर्ट में कई शहरों में ‘अर्बन नक्सल’ नेटवर्क होने की बात कही गई है और सरकार ने उनकी पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपनी वर्ष 2021-22 की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट में बताया है कि कोविड-19 महामारी के कारण राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने और अन्य संबंधित ज़मीनी गतिविधियों को स्थगित कर दिया गया था. केंद्र सरकार इस उद्देश्य के लिए पहले ही 3,941 करोड़ रुपये मंज़ूर कर चुकी है.
एक आयोजन में विभिन्न राज्यों के गृह मंत्रियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुलिस के लिए ‘एक राष्ट्र-एक वर्दी’ नीति अपनाने के लिए भी कहा. साथ ही, उन्होंने कहा कि देश के युवाओं को गुमराह होने से रोकने के लिए नक्सलवाद के हर स्वरूप को उखाड़ फेंकना होगा, वह चाहे बंदूक का हो या फिर कलम का.
राजीव गांधी फाउंडेशन के अलावा राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट का एफसीआरए लाइसेंस भी गृह मंत्रालय ने रद्द कर दिया है. साल 2020 में भाजपा ने आरोप लगाया था कि फाउंडेशन को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के दूतावास से धन प्राप्त हुआ था. इसके बाद गृह मंत्रालय ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था.
1975 बैच के भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी के. विजय कुमार को सीआरपीएफ के महानिदेशक के रूप में 2012 में सेवानिवृत्त होने के बाद गृह मंत्रालय के वरिष्ठ सुरक्षा सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्हें चंदन तस्कर वीरप्पन को खत्म करने का श्रेय दिया जाता है.
गुजरात में इशरत जहां की कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले की जांच करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को गृह मंत्रालय ने उनकी सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले बर्ख़ास्त कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा इस फ़ैसले पर रोक से इनकार के आदेश में हस्तक्षेप करने का इच्छुक नहीं है.
गुजरात में इशरत जहां की कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ मामले की जांच करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले बर्ख़ास्त कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट की अंतरिम रोक के बाद अब दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि बर्ख़ास्तगी के आदेश में उसके हस्तक्षेप की ज़रूरत नहीं है.
गुजरात में इशरत जहां की कथित फ़र्ज़ी मुठभेड़ के मामले की जांच में सीबीआई की मदद करने वाले वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी सतीश चंद्र वर्मा को बीते 30 अगस्त को उनकी सेवानिवृत्ति से एक महीने पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बर्ख़ास्त कर दिया गया था. उन्होंने इस निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि 2018 से 2020 के बीच यूएपीए के तहत सर्वाधिक 1,338 गिरफ़्तारियां उत्तर प्रदेश में हुईं. उसके बाद मणिपुर में 943 और जम्मू कश्मीर में 750 लोगों को इस क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया. इनमें से अधिकांश लोग 18-30 वर्ष की उम्र के थे.
राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया है कि ग़ैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत वर्ष 2016 से 2020 के बीच 24,134 लोगों को गिरफ़्तार किया गया, जिनमें से केवल 212 के ख़िलाफ़ ही दोष सिद्ध हो सके. इसके प्रावधान आरोप झेल रहे लोगों के लिए ज़मानत पाना लगभग असंभव बना देते हैं. परिणामस्वरूप, ज़्यादातर लोग लंबे समय तक जेलों में विचाराधीन क़ैदियों के रूप में पड़े रहते हैं.