वर्ष 2018 में उच्चतम न्यायालय ने समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी में रखने वाली भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 377 को असंवैधानिक क़रार देते हुए इसे ग़ैर-आपराधिक ठहराया था. वर्तमान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ यह निर्णय देने वाली पीठ में शामिल थे.
वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल, जिन्हें दिल्ली हाईकोर्ट का जज बनाने की सिफ़ारिश की गई है, की यह टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा यह खुलासा किए जाने के बाद आई है कि उनकी नियुक्ति पर सरकार की एक आपत्ति यह थी कि 'समलैंगिक अधिकारों के प्रति उनके झुकाव' के चलते पूर्वाग्रहों की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बीते दिनों संघ के दो मुखपत्रों को साक्षात्कार देते हुए एलजीबीटीक्यू+ समुदाय के समर्थन में महाभारत के एक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए टिप्पणी की थी. इसे हिंदू विरोधी मानते हुए भागवत के ख़िलाफ़ मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में शिकायत दर्ज कराई गई है.
वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त करने की सिफ़ारिश दोहराने के साथ ही कॉलेजियम ने सोमशेखर सुंदरेशन को बॉम्बे हाईकोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त करने को लेकर केंद्र द्वारा उनकी 'सोशल मीडिया पोस्ट्स' को लेकर दर्ज करवाई गई आपत्ति को भी ख़ारिज कर दिया.
वीडियो: बीते दिनों राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक साक्षात्कार में कहा कि हिंदू समाज युद्ध में है, इस लड़ाई में लोगों में कट्टरता आएगी. उनके इस बयान पर दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन.
संघ प्रमुख ने ठीक कहा कि हिंदू युद्धरत हैं. लेकिन यह एकतरफ़ा हमला है. पिछले कुछ वर्षों में सारे हिंदू नहीं, लेकिन उनके नाम पर हिंदुत्ववादी गिरोहों ने मुसलमानों, ईसाइयों के ख़िलाफ़ युद्ध छेड़ दिया है. और दूसरा पक्ष, यानी मुसलमान और कुछ जगह ईसाई, इसका कोई उत्तर नहीं दे सकते. फिर इसे युद्ध क्यों कहें?
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि इस तरह के झुकाव वाले लोग हमेशा से थे, जब से मानव का अस्तित्व है. यह जैविक है, जीवन का एक तरीका है. हम चाहते हैं कि उन्हें उनकी निजता का हक़ मिले और वह इसे महसूस करें कि वह भी इस समाज का हिस्सा है.
यह पटकथा फिल्मकार ओनीर की अगली फिल्म की थी, जो भारतीय सेना के एक मेजर के जीवन के वास्तविक संघर्षों से प्रेरित थी, जिन्हें समलैंगिक होने की वजह से साल 2010 में अपने पद से हटना पड़ा था.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने वरिष्ठ अधिवक्ता सौरभ कृपाल को दिल्ली हाईकोर्ट की पीठ में पदोन्नत करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है, जो उनके यौन झुकाव के कारण विवाद का विषय था, लेकिन पदोन्नति केंद्र की सहमति के अधीन होगी. केंद्र अगर अनुमति देता है तो वह देश के किसी हाईकोर्ट के पहले समलैंगिक न्यायाधीश बन सकते हैं.
एलजीबीटीक्यूआई+ अधिकारों के लिए काम करने वाले सहायता समूहों और संगठनों की हेल्पलाइन पर मदद मांगने के लिए आई फोन कॉल की संख्या में हुई कई गुना बढ़ोतरी कोविड-19 महामारी के दौरान समुदाय के लिए बढ़ी चुनौतियों को दिखाती है.
राज्यसभा में चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस, टीआरएस, कांग्रेस और बसपा समेत विभिन्न दलों के नेताओं ने ट्रांसजेंडर विधेयक को प्रवर समिति के समक्ष भेजने की मांग की, जिसे ख़ारिज कर दिया गया. बीते अगस्त महीने में संसद के पिछले सत्र के दौरान लोकसभा में इसे पारित किया जा चुका है.
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दावा किया कि संगठन में एक ही विचारधारा सतत रूप से चलती चली आई है कि जो भारत भूमि की भक्ति' करता है, वही हिंदु है.
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि विडंबना यह है कि एक वैश्विक रूप से जुड़े समाज ने हमें उन लोगों के प्रति असहिष्णु बना दिया है, जो हमारे अनुरूप नहीं हैं. स्वतंत्रता उन लोगों पर जहर उगलने का एक माध्यम बन गई है, जो अलग तरह से सोचते हैं, बोलते हैं, खाते हैं, कपड़े पहनते हैं और विश्वास करते हैं.
ट्रांसजेंडर्स विधेयक से उस प्रावधान को भी हटा दिया गया है जिसके तहत ट्रांसजेंडर व्यक्ति को अपने समुदाय का होने की मान्यता प्राप्त करने के लिए जिला स्क्रीनिंग कमेटी के समक्ष पेश होना अनिवार्य था.
भारतीय सेना की वार्षिक प्रेस वार्ता में जनरल बिपिन रावत ने कहा कि समलैंगिक संबंधों को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को सेना में लागू नहीं किया जा सकता है.