विशेष: पॉल रॉबसन पिछली सदी के सबसे प्रसिद्ध क्रांतिकारी सांस्कृतिक व्यक्तित्वों में से एक थे. विश्व शांति की अग्रणी और मानवाधिकारों की मुखर आवाज़ रॉबसन ने अफ़्रीकी-अमेरिकी अश्वेतों के साथ होने वाले नस्ल-भेद के ख़िलाफ़ अनथक संघर्ष किया था.
105 देशों के 300 से अधिक संगठनों ने इंटरनेट शटडाउन को समाप्त करने की वकालत करने वाले #KeepItOn गठबंधन के बैनर तले केंद्रीय संचार एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को लिखे खुले पत्र में बताया है कि भारत ने 2022 में 84 बार ‘इंटरनेट शटडाउन’ किया. विश्व में लगातार पांचवें वर्ष भारत में यह संख्या सबसे अधिक रही.
इंडिया जस्टिस रिपोर्ट 2022 बताती है कि भारत के 25 राज्य मानवाधिकार आयोगों में से अधिकांश में मामलों की जांच करने के लिए स्टाफ तक नहीं है, जिसके चलते मानवाधिकारों के कथित उल्लंघनों की जांच और समाधान खोजने की उनकी क्षमता गंभीर रूप से प्रभावित है.
अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 12 राज्यों में लाए गए धर्मांतरण विरोधी क़ानून धर्म या आस्था की स्वतंत्रता के अधिकार के लिए अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार क़ानून के तहत मिले संरक्षण का उल्लंघन हैं.
60 वर्षीय नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मानवाधिकार कार्यकर्ता एलेस बियालियात्स्की को बेलारूस की एक अदालत ने 2020 के विरोध प्रदर्शनों और अन्य अपराधों के वित्तपोषण के लिए 10 साल सज़ा सुनाई है. वह लंबे समय से राष्ट्रपति रहे अलेक्जेंडर लुकाशेंको के 2020 में फिर से चुने जाने के बाद बेलारूस के हुए विरोध प्रदर्शनों के केंद्र में रहे थे.
आरएसएस के मुखपत्र पाञ्चजन्य के संपादकीय में संपादक हितेश शंकर ने सुप्रीम कोर्ट पर निशाना साधते हुए लिखा है कि सर्वोच्च न्यायालय भारत का है, जो भारत के करदाताओं की राशि से चलता है. इस सुविधा का सृजन और रखरखाव हमने अपने देश के हितों के लिए किया है, लेकिन वह भारत विरोधियों के अपना मार्ग साफ करने के प्रयासों में एक औजार की तरह प्रयुक्त हो रहा है.
कश्मीर के मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को 22 नवंबर, 2021 को राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने गिरफ़्तार किया था, तब से उनकी हिरासत को कई बार बढ़ाया जा चुका है. परवेज़ मानवाधिकार के क्षेत्र में दिए जाने वाले मार्टिन एनल्स अवॉर्ड, 2023 से सम्मानित होने वाले तीन लोगों में से एक हैं.
विश्व भर में मानवाधिकारों की स्थिति पर नज़र रखने वाले अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ‘ह्यूमन राइट्स वॉच’ ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि कैसे 2022 में भारत की विभिन्न राज्यों की सरकारों ने कम आय वाले समूहों, विशेष तौर पर मुसलमानों के ख़िलाफ़ ग़ैर-न्यायिक सज़ा के तौर पर उनके घर गिराने की कार्रवाई की है.
अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री की ओर से सभी सरकारी व निजी विश्वविद्यालयों को भेजे एक पत्र में कहा गया है कि अगली सूचना तक महिलाओं की शिक्षा स्थगित करने के आदेश को तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए. अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने आगाह किया कि कट्टरपंथी इस्लामी शासन को इसके परिणाम झेलने होंगे.
मुंबई प्रेस क्लब की ओर से दिए जाने वाले प्रतिष्ठित रेड इंक अवॉर्ड्स, 2022 की विमेन एम्पावरमेंट एंड जेंडर इक्वॉलिटी और राजनीति श्रेणी (प्रिंट) में क्रमशः द वायर की सुकन्या शांता की जेलों में बंद ट्रांसजेंडर बंदियों की दशा पर की गई रिपोर्ट और सिद्धार्थ वरदराजन की पेगासस संबंधी रिपोर्ट को पुरस्कृत किया गया है.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि युवाओं को नौकरी देना तो दूर की बात है, जम्मू कश्मीर से जुड़े मामलों पर नियंत्रण रखने वाली केंद्र सरकार ने सैकड़ों नौकरीपेशा युवाओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
कश्मीरी मानवाधिकार कार्यकर्ता ख़ुर्रम परवेज़ को टेरर फंडिंग मामले में एनआईए ने 22 नवंबर 2022 को गिरफ़्तार किया था. उनकी गिरफ़्तारी के एक साल पूरे होने पर मानवाधिकार समूहों ने कहा कि उनकी मनमानी हिरासत भारतीय अधिकारियों द्वारा जम्मू कश्मीर में मानवाधिकार रक्षकों, पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ किए गए मानवाधिकारों के उल्लंघन की एक लंबी सूची का हिस्सा है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में यूरोपीय संघ के देशों द्वारा लाए गए प्रस्ताव में रूस में मानवाधिकार उल्लंघनों पर निगरानी रखने के लिए एक स्वतंत्र विशेषज्ञ की नियुक्ति की बात कही गई थी.
मानवाधिकार समूहों का आरोप है कि जिनजियांग क्षेत्र में चीन ने 10 लाख से अधिक उइगरों को उनकी इच्छा के विरुद्ध कथित ‘पुनर्शिक्षा शिविरों’ में हिरासत में रखा है. चीन ने आरोपों का खंडन करता रहा है.
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद ने श्रीलंका में सुलह, जवाबदेही और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव को स्वीकार किया. इस प्रस्ताव में महत्वपूर्ण यह है कि इसमें श्रीलंका के मौजूदा आर्थिक संकट की जांच करने और ज़िम्मेदार लोगों पर मुक़दमा चलाने की मांग की गई है.