आईआईटी गुवाहाटी के शैक्षणिक मामलों के डीन ने 9 सितंबर को बीटेक के तीसरे वर्ष के एक छात्र की मौत के बाद कैंपस में छात्रों के विरोध के मद्देनज़र इस्तीफा दे दिया है. यह इस साल कैंपस में किसी छात्र की तीसरी और एक महीने में दूसरी मौत थी.
बीते 9 अगस्त को भी एक छात्रा अपने छात्रावास के कमरे में मृत पाई गई थी. इससे पहले अप्रैल में भी एक छात्र को हॉस्टल के कमरे में मृत पाया गया था. वर्तमान घटना के संदर्भ में प्रदर्शन करने वाले छात्रों का कहना है कि मृत छात्र को कम उपस्थिति के चलते इंटर्नशिप से रोक दिया गया था.
आईआईटी-गुवाहाटी के प्रथम वर्ष के छात्र का शव 10 अप्रैल को उनके हॉस्टल के कमरे में मिला. बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले इस छात्र के परिवार ने आरोप लगाया है कि उनकी रैगिंग कर हत्या कर दी गई है, वहीं पुलिस आत्महत्या का संदेह जता रही है. परिवार ने मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है.
कानपुर और गुवाहाटी के आईआईटी में कैंपस प्लेसमेंट के दौरान कुछ कंपनियों ने छात्रों से उनकी जातीय पृष्ठभूमि या संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) में प्राप्त रैंक का उल्लेख करने के लिए कहा था. एसटी/एचसी छात्रों ने आशंका जताई है कि इस डेटा का इस्तेमाल प्लेसमेंट प्रक्रिया के दौरान और संभवत: बाद में कार्यस्थल पर उनके साथ भेदभाव करने के लिए किया जा सकता है.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने आईआईटी-गुवाहाटी के 25वें दीक्षांत समारोह में कहा कि समान नागरिक संहिता भारत और इसके राष्ट्रवाद को और अधिक प्रभावी ढंग से जोड़ेगा. इसके अमल में और अधिक देरी हमारे मूल्यों के लिए हानिकारक होगी.
बीते अगस्त में सहपाठी के बलात्कार के आरोपी आईआईटी गुवाहाटी के छात्र को ज़मानत देते हुए गौहाटी हाईकोर्ट ने कहा था कि दोनों ही छात्र 'राज्य का भविष्य' हैं. अब संस्थान ने आरोपी को बर्ख़ास्त करते हुए कहा कि छात्र ने घोर अनुशासनहीनता की और विद्यार्थियों के लिए निश्चित आचार संहिता का उल्लंघन किया था, जिससे 'कड़ाई से निपटा जाना' था.
गुवाहाटी हाईकोर्ट ने बीते 23 अगस्त को साथी छात्रा से बलात्कार के आरोपी आईआईटी-गुवाहाटी के एक छात्र को ‘राज्य की भावी संपत्ति’ बताते हुए ज़मानत दी थी. आरोप है कि छात्र ने 28 मार्च की रात को अपनी एक साथी छात्रा से बलात्कार किया था. पुलिस ने आरोपी को तीन अप्रैल को गिरफ़्तार किया था.
आईआईटी गुवाहाटी के एक छात्र ने 28 मार्च की रात को अपनी एक साथी छात्रा से बलात्कार किया था. छात्रा को अगले दिन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पुलिस ने आरोपी को तीन अप्रैल को गिरफ़्तार किया था.
ये मामला हिमाचल सिंह नामक एक पीएचडी छात्र से जुड़ा हुआ है, जिन्हें पिछले साल एक शिक्षक की अनिवार्य सेवानिवृत्ति के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल करने के चलते एक सेमेस्टर के लिए निलंबित कर दिया गया था. कोविड-19 महामारी बाद कैंपस खुलने पर उन्हें छह शर्तों के साथ पढ़ने की अनुमति दी गई है. छात्र ने आईआईटी प्रशासन के इस आदेश को गुवाहाटी हाईकोर्ट में चुनौती दी है.