‘इज़रायल को ग़ाज़ा पर हमला रोकना चाहिए और अपना क़ब्ज़ा ख़त्म करना चाहिए’

वीडियो: इज़रायल के फ़िलिस्तीनियों से गाज़ा छोड़ने की कहने से पहले वहां भोजन, पानी और बिजली की आपूर्ति रोकी जा चुकी थी. यूएन के विनाशकारी नतीजों को लेकर चेताने के बावजूद विश्व के शक्तिशाली देश इज़रायल को युद्ध विराम के लिए क्यों नहीं कह रहे हैं? चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.

इज़रायल-फ़िलिस्तीन युद्ध के बहाने भारतीय मुसलमान क्यों बने निशाना?

वीडियो: हमास के हमले के बाद छिड़े इज़रायल-फ़िलिस्तीन युद्ध को लेकर सोशल मीडिया पर एक वर्ग भारत के मुसलमानों को निशाना बना रहा है. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

इज़रायल ने फ़िलिस्तीनियों से 24 घंटे में उत्तरी गाज़ा छोड़ने को कहा, यूएन बोला- नतीजे घातक होंगे

संयुक्त राष्ट्र के एक प्रवक्ता ने कहा कि अगर इस तरह के आदेश को रद्द नहीं किया गया, तो यह पहले से ही हुई त्रासदी को बड़ी तबाही में बदल सकता है.

ग्लोबल हंगर इंडेक्स: 125 देशों की सूची में भारत 111वें स्थान पर

ग्लोबल हंगर इंडेक्स रिपोर्ट में भारत से नीचे रैंकिंग वाले देशों में तिमोर-लेस्ते, मोज़ाम्बिक, अफ़ग़ानिस्तान, हैती, लाइबेरिया, सिएरा लियोन, चाड, नाइजर, कांगो, यमन, मेडागास्कर, दक्षिण सूडान, बुरुंडी और सोमालिया शामिल हैं. भारत ने इसे यह कहते हुए ख़ारिज कर दिया है कि रिपोर्ट तैयार करने की पद्धति दोषपूर्ण है.

जब लोहिया ने दिनकर से कहा, ‘मेरी आयु बहुत कम है इसलिए जो बोलता हूं, उसे बोल लेने दो’

पुण्यतिथि विशेष: रामधारी सिंह 'दिनकर' की निगाह से लोहिया को देखना एक मित्र की निगाह से देखना तो है ही, राष्ट्रकवि की निगाह से देखना भी है, सत्ता में बैठी उस पार्टी के नेता की निगाह से देखना भी, जिसे वे उसके सबसे बड़े नेता समेत उखाड़ फेंकना चाहते थे.

2050 तक कोल इंडिया 70,000 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी कर सकता है: रिपोर्ट

अमेरिकी एनजीओ ग्लोबल एनर्जी मॉनिटर की एक रिपोर्ट बताती है कि जैसे-जैसे दुनिया सौर और पवन ऊर्जा जैसे स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ रही है, कोयला उद्योग में 4 लाख से अधिक कर्मचारी साल 2050 तक अपनी नौकरी खो देंगे.

गाज़ा के साथ इज़रायल की समस्या का सैन्य समाधान नहीं है, न ही इससे बदले की कार्रवाई को रोक सकते हैं

गाज़ा से होने वाले फिलीस्तीनी हमलों का इज़रायली सरकारों ने लगातार जो एकमात्र समाधान ढूंढा है, वो नाकाफ़ी है- कि अगर वो ज़मीन के रास्ते आए, तो दीवार बना देंगे; अगर रॉकेट दागे, तो इंटरसेप्टर बना लेंगे; अगर हमारे कुछ लोगों को मारा गया, तो उनके कइयों को मार डालेंगे. ऐसे ये सिलसिला लगातार चलता रहेगा.

हमास के हमले में लगभग 250 की मौत, इज़रायली कार्रवाई में गाज़ा में 300 से अधिक लोग मारे गए

फिलीस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के लड़ाकों द्वारा गाज़ा की सीमा से लगे इज़रायल के भीतर सैकड़ों मिसाइलें दागी गईं और सैन्य एवं नागरिक ठिकानों पर क़ब्ज़ा कर लिया गया, जिसके बाद इज़रायल ने जवाबी कार्रवाई की है. इस बीच यरुशलम गए मेघालय के रहने वाले 27 भारतीय इस युद्ध की वजह से वहां फंस गए हैं.

यहूदी विरोधी पोस्टर के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रधानमंत्री मोदी की पार्टी भाजपा की आलोचना

भारतीय जनता पार्टी के सोशल मीडिया पर एक पोस्टर साझा किया गया, जिसमें अरबपति समाजसेवी जॉर्ज सोरोस द्वारा राहुल गांधी को कठपुतली बनाकर चलाते हुए दिखाया गया है. सोरोस की यह तस्वीर जो एक वायरल दक्षिणपंथी यहूदी विरोधी मीम है. इस पोस्टर की आलोचना करते हुए इसे घृणात्मक और विकृत बताया गया है.

भारत ने कनाडा से अपने राजनयिकों को कम करने के लिए 10 अक्टूबर की समयसीमा तय की: रिपोर्ट

एक मीडिया रिपोर्ट में पता चला है कि दिल्ली के बाहर भारत में काम करने वाले अधिकांश कनाडाई राजनयिकों को कुआलालंपुर या सिंगापुर ले जाया गया है. यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा कनाडा की धरती पर उनके एक नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के शामिल होने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद सामने आया है. 

16 भारतीय पत्रकारों पर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए हैं, वर्तमान में 7 सलाखों के पीछे हैं

पिछले कुछ वर्षों में पत्रकारों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, वकीलों, छात्रों, श्रमिकों और आदिवासियों पर आरोप लगाने के लिए यूएपीए का अंधाधुंध इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में जन सुरक्षा क़ानून (पीएसए) और छत्तीसगढ़ जन सुरक्षा अधिनियम, राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून (एनएसए) और आईपीसी में राजद्रोह जैसे अन्य कठोर अधिनियम भी लागू किए गए हैं.

पूर्व सैनिकों ने क़तर में क़ैद 8 पूर्व नौसैनिकों की रिहाई के लिए प्रधानमंत्री से फ़िर अपील की

अगस्त 2022 में आठ पूर्व भारतीय नौसैनिकों को क़तर में गिरफ़्तार कर लिया गया था. वह वहां दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज़ एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज़ में काम करते थे. वह अभी भी क़तर की जेल में बंद हैं, जबकि इनके साथ गिरफ़्तार दहरा ग्लोबल के मालिक एक ओमानी नागरिक को नवंबर 2022 में रिहा कर दिया गया था.

‘हरित क्रांति’ के जनक एमएस स्वामीनाथन का निधन

वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन ने धान की अधिक उपज देने वाली किस्मों को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिली कि भारत के कम आय वाले किसान अधिक उपज पैदा करें. किसानों के लिए गठित राष्ट्रीय आयोग के अध्यक्ष के रूप उन्होंने सुझाव दिया था कि न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) उत्पादन की औसत लागत से कम से कम 50 प्रतिशत अधिक होना चाहिए.

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