स्वीडन और लातविया में भारतीय दूतावास ने 8 फरवरी 2022 को एक आदेश जारी कर भारतीय मूल के प्रोफेसर अशोक स्वैन का ओवरसीज़ सिटीजन ऑफ इंडिया (ओसीआई) दर्जा रद्द कर दिया था. कहा गया था कि ‘भड़काऊ भाषणों और भारत विरोधी गतिविधियों’ के चलते उनका ओसीआई दर्जा रद्द कर दिया गया है.
वीडियो: भारतीय उपमहाद्वीप में रेडियो के इतिहास को इतिहासकार और कोलंबिया यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर इज़ाबेल वाकुहा एलोंसो ने 'रेडियो फॉर द मिलियंस: हिंदी-उर्दू ब्रॉडकास्टिंग अक्रॉस बॉर्डर' किताब में दर्ज किया है. उनसे इस किताब, आज़ादी से पहले और बाद की प्रसार नीतियों और उन पर श्रोताओं की प्रतिक्रियाओं को लेकर बातचीत.
कांग्रेस नेता और राजस्थान के पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने समान नागरिक संहिता पर छिड़ी बहस के संबंध में कहा है कि संसद या स्थायी समिति में इस पर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है और इसे सिर्फ़ भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा ‘राजनीतिक टूल’ के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करना अनुच्छेद 370 को रद्द करने जितना आसान नहीं है. इसमें सभी धर्म शामिल हैं. एक साथ इन सभी लोगों को नाराज़ करना, किसी भी सरकार के लिए अच्छा नहीं होगा.
यह विरोध बीते 18 जून को कनाडा में खालिस्तान आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के विरोध में दुनिया के कई शहरों में आयोजित प्रदर्शनों की श्रृंखला का हिस्सा था. निज्जर आतंकवाद के मामले में भारत में वांछित था. बीते मार्च महीने में खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने उच्चायोग में लगे भारतीय ध्वज को नीचे गिरा दिया था.
भारत का कश्मीर के साथ रिश्ता इंसानी रिश्ता नहीं है. वह ताक़तवर और कमज़ोर का संबंध है. कमज़ोर जब चीख नहीं सकता तो ख़ामोश रहकर अपना प्रतिरोध दर्ज करता है. ताक़तवर के पास उसे इसकी सज़ा देने की ताक़त है.
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भारत के विधि आयोग को पत्र लिखकर समान नागरिक संहिता के प्रति अपना विरोध दोहराया है. पत्र में कहा गया है कि बहुसंख्यकवादी नैतिकता को एक संहिता के नाम पर व्यक्तिगत क़ानून, धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यक अधिकारों का हनन नहीं करना चाहिए.
महबूबा मुफ़्ती लिखती हैं, 'जम्मू कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र और धर्मनिरपेक्षता के साझा मूल्यों पर जिस देश से जुड़ने का फैसला किया, उसने हमें निराश कर दिया है. अब, केवल न्यायपालिका ही है जो हमारे साथ हुई ग़लतियों और नाइंसाफ़ी को सुधार सकती है.'
समान नागरिक संहिता के संबंध में नोबल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने सवाल उठाते हुए पूछा कि इस तरह की कवायद से किसे फायदा होगा. यह अभ्यास निश्चित रूप से ‘हिंदू राष्ट्र’ के विचार से जुड़ा हुआ है. उन्होंने कहा कि ‘हिंदू राष्ट्र’ ही एकमात्र तरीका नहीं हो सकता, जिससे देश प्रगति कर सकता है.
हाल में कई ग़ैर-सरकारी संगठनों के विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) लाइसेंस रद्द या निलंबित किए जाने पर चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व नौकरशाहों ने एक पत्र में कहा कि मतभेद या असहमति की हर अभिव्यक्ति को देश की अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन या जनहित के ख़िलाफ़ नहीं माना जा सकता है.
अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास में बीते 2 जुलाई को खालिस्तान समर्थकों ने कथित तौर पर आग लगा दी थी. अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा है कि देश में राजनयिक केंद्रों या विदेशी राजनयिकों के ख़िलाफ़ हिंसा एक अपराध है. मार्च महीने में भी खालिस्तान समर्थकों के एक समूह द्वारा इस दूतावास पर हमला किया गया था.
अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और सूबे को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के मोदी सरकार के निर्णय के ख़िलाफ़ बीस से अधिक याचिकाएं अदालत में लंबित हैं. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पांच जजों की पीठ इन्हें अगले हफ्ते सुनेगी.
क़ानून और न्याय पर संसदीय समिति के अध्यक्ष और भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने उत्तर-पूर्व और देश के अन्य हिस्सों के आदिवासियों को समान नागरिक संहिता के दायरे से बाहर रखने का सुझाव दिया. वहीं जबकि विपक्षी दलों ने इस विवादास्पद मुद्दे पर नए सिरे से विचार-विमर्श के समय पर सवाल उठाए हैं.
केंद्रीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि हमने पहले ही अपने साथी देशों जैसे कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से अनुरोध किया है कि वे खालिस्तानियों को जगह न दें, क्योंकि उनकी कट्टरपंथी, चरमपंथी सोच न तो हमारे लिए अच्छी है, न उनके लिए और न ही हमारे संबंधों के लिए.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा हाल ही में समान नागरिक संहिता की पुरज़ोर वकालत के बाद मेघालय, मिज़ोरम और नगालैंड में विभिन्न संगठनों ने इसके ख़िलाफ़ विरोधी तेवर अपना लिए हैं. एक नगा संगठन ने विधानसभा द्वारा यूसीसी के समर्थन में विधेयक पारित करने की स्थिति में हिंसा की चेतावनी दी है.