अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान पिछले 10 वर्षों में आर्थिक विकास के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पूछे जाने वाला सवाल यह है कि उस विकास की प्रकृति क्या है और उससे किसे लाभ हो रहा है. भारत बढ़ रहा है, लेकिन वह बड़े पैमाने पर बहुत कम लोगों की ओर धन केंद्रित कर रहा है.
ब्रिटेन के फाइनेंशियल टाइम्स अख़बार द्वारा सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साज़िश में भारतीय नागरिकों के शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह टिप्पणी की. उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना का भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.
अपने नागरिकों के लिए ‘आधार’ जैसी पहचान प्रणाली तैयार करने की दिशा में श्रीलंका द्वारा किए गए समझौते में 400 करोड़ रुपये की अनुदान राशि भारत सरकार प्रदान करेगी. इस प्रणाली में व्यक्ति की आंखों का रंग, उंगलियों के निशान और खून के प्रकार जैसे बायोमेट्रिक डेटा शामिल होंगे.
19 दिसंबर, 1927 को ब्रिटिश सरकार ने हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के तीन क्रांतिकारियों- रामप्रसाद ‘बिस्मिल’, अशफ़ाक़ उल्ला खां और रोशन सिंह को क्रमशः गोरखपुर, फ़ैज़ाबाद और इलाहाबाद की जेलों में फांसी दी थी.
वीडियो: भारत की स्वास्थ्य सेवा व्यवस्था पर द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. पहले एपिसोड में भारत में किन बीमारियों का बोझ सर्वाधिक है और उनसे कैसे निपटा जा सकता है, इस बारे में एम्स, दिल्ली के डॉ. आनंद कृष्णन और द वायर की हेल्थ रिपोर्टर बनजोत कौर से बात कर रही हैं आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
यह रिपोर्ट इस बात पर गहराई से प्रकाश डालती है कि कैसे अच्छी कमाई के विचार से आकर्षित होकर हज़ारों पंजाबी युवा इटली जाने के लिए तस्करों को लाखों रुपये का भुगतान करते हैं और वहां जाकर उन्हें लगभग गुलामी की स्थितियों में काम करना पड़ता है. तीन अन्य पत्रकारों के साथ द वायर से जुड़ीं कुसुम अरोड़ा ने इस रिपोर्ट को लिखा था.
सारी दुनिया में लाखों यहूदी, मुसलमान, ईसाई, हिंदू, कम्युनिस्ट, एग्नॉस्टिक लोग सड़कों पर उतरकर गाज़ा पर हमला फ़ौरन बंद करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन, वही मुल्क जो कभी फिलिस्तीन का सच्चा दोस्त था, जिन पर कभी लाखों लोगों के जुलूस निकले हुए होते, वही सड़कें आज ख़ामोश हैं.
अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) ने एक बयान में कहा है कि विदेशों में कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों को चुप कराने के भारत सरकार के हालिया प्रयास धार्मिक स्वतंत्रता के लिए गंभीर ख़तरा हैं. आयोग ने अमेरिकी विदेश विभाग से भारत को विशेष चिंता वाले देश में डालने का अनुरोध किया है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते सितंबर माह में भारत सरकार पर अपने एक नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए थे. बीते नवंबर महीने में अमेरिका ने भी एक भारतीय अधिकारी पर अपने एक नागरिक की हत्या की साजिश रचने को लेकर सबूत जारी किए थे.
वीडियो: बीते दिनों भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाए गए एक नए प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है, जिसमें गाज़ा में तत्काल मानवीय युद्धविराम का आह्वान किया गया था. अक्टूबर माह में भारत ने ऐसे ही एक प्रस्ताव पर मतदान में हिस्सा नहीं लिया था. इस बीच इज़रायल के हमले में 18,600 से अधिक फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो चुकी है.
फ्रांसीसी वेबसाइट मेदियापार की रिपोर्ट बताती है कि जुलाई 2023 में भारत में फ्रांसीसी राजदूत इमैनुएल लेनैन ने आपराधिक मामलों पर भारत के सहयोग में पेश आई चुनौतियों का ज़िक्र किया था. उनका कहना था कि भारत द्वारा कई मामलों को बेहद देरी से और अक्सर आधे-अधूरे तरीके से निपटाया जा रहा है.
मालदीव में राष्ट्रपति कार्यालय के अवर सचिव ने कहा है कि मालदीव के क्षेत्रीय जल के हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण में भारत को सहयोग करने की अनुमति देने वाले द्विपक्षीय समझौते को नई सरकार ने नवीनीकृत नहीं करने का फैसला किया है. यह समझौता 7 जून 2024 को समाप्त होने वाला है. इससे पहले मालदीव ने भारतीय सैन्यकर्मियों से भी देश छोड़ने कह चुका है.
खाद्य सुरक्षा और पोषण पर संयुक्त राष्ट्र की 2023 की रिपोर्ट में 2020-22 के दौरान भारत की कुपोषित आबादी का अनुपात 16.6 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया गया है. साथ ही, रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2021 में भारत के 1 अरब से अधिक लोग स्वस्थ आहार का इंतजाम करने में असमर्थ थे.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 और 2021 के बीच दुनिया भर में सड़क यातायात से होने वाली मौतें 5 प्रतिशत घटकर 1.19 लाख सालाना हो गईं. हालांकि, भारत में मृत्यु दर में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. यहां सड़क यातायात से होने वाली मौतों की कुल संख्या 2010 में 1.34 लाख से बढ़कर 2021 में 1.54 लाख हो गई.
असम समझौते पर हस्ताक्षर के बाद नागरिकता अधिनियम, 1955 में जोड़ी गई धारा 6ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शीर्ष अदालत में चली सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने यह जवाब दाख़िल किया था. केंद्र सरकार ने अपने हलफ़नामे में कहा है कि 2017 और 2022 के बीच कुल 14,346 विदेशियों को निर्वासित किया गया है.