ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत यात्रा के दौरान एक जेसीबी फैक्ट्री का दौरा करते हुए बुलडोज़र पर चढ़कर फोटो खिंचाया था. इसी दौरान दिल्ली के हिंसाग्रस्त जहांगीरपुरी में भाजपा शासित नगर निगम द्वारा बुलडोज़र से अतिक्रमण गिराया जा रहा था. इसको लेकर ब्रिटिश सांसद नाडिया ह्विटोम ने कहा है कि क्या जॉनसन ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुस्लिम संपत्तियों को निशाना बनाने के बारे में सवाल किया है?
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,30,75,864 हो गई है और और अब तक इस महामारी के चलते 5,23,803 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 51.30 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और 62.34 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
जम्मू कश्मीर से लेकर आंध्र प्रदेश तक उपभोक्ताओं को दो घंटे से आठ घंटे तक की बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है. पंजाब के अमृतसर शहर में किसानों ने बिजली की किल्लत के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने कहा है कि आग बरसाती गर्मी में 12 घंटे की बिजली कटौती. प्रधानमंत्री मौन, बिजली-कोयला मंत्री गुम!
भारतीय-अमेरिकी सुपरमॉडल और लेखक पद्मा लक्ष्मी ने कई ट्वीट्स कर कहा है कि भारत में ‘व्यापक पैमाने पर मुस्लिम विरोधी’ बयानबाज़ी चल रही है और उन्होंने उम्मीद जतायी कि हिंदू ‘इस डर पैदा करने’ और ‘दुष्प्रचार’ के जाल में नहीं फंसेंगे.
दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया है कि कोयले की कमी के चलते मेट्रो ट्रेन, अस्पतालों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की बिजली आपूर्ति बाधित हो सकती है. तापमान बढ़ने के साथ दिल्ली में बिजली की मांग अप्रैल में पहली बार 6,000 मेगावॉट पहुंच गई है. वहीं एनटीपीसी ने कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी को बिजली आपूर्ति करने वाले ऊंचाहार और दादरी बिजली स्टेशन पूरी क्षमता से चल रहे हैं और ‘नियमित’ कोयले की आपूर्ति प्राप्त कर रहे हैं.
देश में जहां एक तरफ नफ़रत के पैरोकार सांप्रदायिकता की खाई गहरी करने के फेर में हैं, वहीं उनकी भड़काने और उकसाने की तमाम कोशिशों के बावजूद आम देशवासी सांप्रदायिक आधार पर एक दूजे के खून के प्यासे नहीं हो रहे, बल्कि उनके मंसूबों को समझकर जीवन के नए समतल तलाशने की ओर बढ़ने लगे हैं.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,30,72,176 हो गई है और इस महामारी की चपेट में आकर अब तक 5,23,753 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 51.24 करोड़ से ज़्यादा मामले सामने आए हैं और 62.31 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.
वैश्विक बाजार स्थिति के चलते जहां कई अन्य सार्वजनिक उपक्रमों की बिक्री को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है, वहीं भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ ऐसा नहीं हुआ है. क्या आम भारतीयों के लिए प्रमुख बचत का ज़रिया रहे एलआईसी को इस तरह आनन-फानन बेचा जाना चाहिए?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान पर महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे विपक्ष शासित राज्यों ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों से कर घटाने के लिए कहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि यही प्रधानमंत्री जनता को लेकर चिंतित होते तो उनकी सरकार ने पेट्रोल/डीज़ल की कीमतें नहीं बढ़ाई होतीं, उपकर भी नहीं बढ़ाया होता.
अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कहा कि भारत ने अपनी ज़रूरतों के चलते रूस के साथ साझेदारी की थी, क्योंकि अमेरिका ऐसा करने की स्थिति में नहीं था. उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय नेतृत्व के साथ सीधे जुड़ने के लिए काफी प्रयास किए हैं.
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,30,68,799 हो गई है और और अब तक इस महामारी के कारण 5,23,693 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 51.17 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और 62.28 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एशिया और प्रशांत विभाग की कार्यवाहक निदेशक ने कहा है कि अनुमानों के मुताबिक़ 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जो कि 0.8 प्रतिशत अंक कम है.
गृह मंत्रालय की 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 1990 के दशक से 2020 के बीच जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के कारण 14,091 नागरिकों और सुरक्षा बल के 5,356 जवानों की जान गई. कश्मीरी पंडितों के अलावा, आतंकवाद की वजह से कुछ सिख और मुस्लिम परिवारों को भी घाटी से जम्मू, दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में पलायन के लिए मजबूर होना पड़ा.
भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 4,30,65,496 हो गई है और और अब तक इस महामारी के कारण 5,23,654 लोग जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के 51.10 करोड़ से अधिक मामले सामने आए हैं और 62.25 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने स्वीकार किया जब प्रमुख ब्याज दर यानी नीतिगत दर बढ़ानी पड़ती है, कोई भी खुश नहीं होता. उन्होंने राजनेताओं और नौकरशाहों को यह समझने के लिए कहा कि यह उपाय कोई ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधि नहीं’, जो विदेशी निवेशकों को लाभांवित करेगा, बल्कि एक निवेश है, ‘जिसका सबसे बड़ा लाभार्थी भारतीय नागरिक है’.