आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन ने स्वीकार किया जब प्रमुख ब्याज दर यानी नीतिगत दर बढ़ानी पड़ती है, कोई भी खुश नहीं होता. उन्होंने राजनेताओं और नौकरशाहों को यह समझने के लिए कहा कि यह उपाय कोई ‘राष्ट्र विरोधी गतिविधि नहीं’, जो विदेशी निवेशकों को लाभांवित करेगा, बल्कि एक निवेश है, ‘जिसका सबसे बड़ा लाभार्थी भारतीय नागरिक है’.
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अच्छा-ख़ासा है, लेकिन बीते कुछ सप्ताह से इसमें धीरे-धीरे गिरावट आती जा रही है. 9 अप्रैल को ख़त्म हुए हफ्ते में भारत के रिज़र्व बैंक के मुद्रा भंडार में 11 अरब अमेरिकी डॉलर की कमी आई और यह गिरकर 606 अरब डॉलर का रह गया.
वीडियो: भारत में पेट्रोल, डीज़ल और सीएनजी की कीमतें बढ़ रही हैं. इसके चलते कई राज्यों में कैब सर्विस कंपनियों ओला और उबर ने भी यात्रा की कीमतों में बढ़ोतरी कर दी है. एक तरफ महंगाई बढ़ी है तो दूसरी तरफ सीएमआईई के मुताबिक बेरोजगारी के आंकड़े कम हुए हैं. इन मुद्दों पर प्रो. संतोष मेहरोत्रा से द वायर के याक़ूत अली की बातचीत.
माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह मार्च में सालाना आधार पर 15 प्रतिशत अधिक है. रिकॉर्ड संग्रह के साथ यह संशोधित बजट लक्ष्य को पार कर गया है. केंद्र ने 2021-22 के लिए 5.70 लाख करोड़ रुपये जीएसटी संग्रह का संशोधित बजट लक्ष्य रखा था. इससे पहले जनवरी 2022 में जीएसटी संग्रह रिकॉर्ड 1.40 लाख करोड़ रुपये था.
भारत को ख़ुद को ऊर्जा बाज़ार में लंबे व्यवधान और मुद्रा की कमज़ोरी का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि इनका आर्थिक विकास, आजीविका और रोज़गार पर गंभीर असर होगा.
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गर्वनर ने कहा कि अर्थव्यवस्था के बारे में सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, लघु एवं मझोले क्षेत्र और हमारे बच्चों को लेकर है. ये सारी चीज़ें मांग में कमी के चलते लगने वाले शुरुआती झटकों के बाद केंद्र में आएंगी. सरकार को अपने ख़र्च को सावधानी से तय करने की ज़रूरत है, ताकि राजकोषीय घाटे को बहुत ऊंचाई पर पहुंचने से रोका जा सके.
लॉकडाउन से पहले इन नौ क्षेत्रों में कुल 307.8 लाख लोग कार्यरत थे, जो कि लॉकडाउन के बाद घटकर 284.8 लाख लोग रह गए. सरकार द्वारा संसद को दी गई जानकारी के मुताबिक, आईटी/बीपीओ, वित्तीय सेवाओं और स्वास्थ्य क्षेत्रों के मुकाबले विनिर्माण, निर्माण, शिक्षा और व्यापार क्षेत्रों को अधिक नुकसान हुआ है.
नोटबंदी के अप्रत्याशित फ़ैसले के ज़रिये बात चाहे काले धन पर अंकुश की हो, आर्थिक प्रणाली से नकद को कम करने या टैक्स-जीडीपी अनुपात बढ़ाने की, आंकड़े मोदी सरकार के पक्ष में नहीं जाते.
पिछले महीने आठ अक्टूबर को समाप्त हुए पखवाड़े पर नकदी 28.30 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर पर रही, जो कि नोटबंदी से पहले चार नवंबर 2016 की तुलना में 57.48 फीसदी अधिक है. उस समय जनता के हाथों में 17.97 लाख करोड़ रुपये की नकद राशि उपलब्ध थी.
वीडियो: देश में लगातार बढ़ रही महंगाई और बेरोज़गारी का हाल ऐसा है कि प्रधानमंत्री द्वारा रोज़गार के रूप में गिनाया गया पकौड़ा बेचने का काम भी करना अब मुश्किल होता जा रहा है. वर्तमान भारतीय अर्थव्यवस्था, बेरोज़गारी और बढ़ती महंगाई पर बाथ यूनिवर्सिटी के विज़िटिंग प्रोफेसर संतोष मेहरोत्रा से द वायर के मुकुल सिंह चौहान से बातचीत.
17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 71वें जन्मदिन के अवसर पर ट्विटर पर दिनभर कई ऐसे हैशटैग ट्रेंड करते रहे, जिनसे ट्विटर यूज़र्स ने देश में बढ़ती बेरोज़गारी और देश में गहराते आर्थिक संकट की तरफ ध्यान आकर्षित किया और इस बारे में प्रधानमंत्री से जवाब मांगा.
वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट में क़रीब दो लाख करोड़ रुपये के फंसे क़र्ज़ के समाधान को लेकर ‘बैड बैंक’ के गठन की घोषणा की थी. ऐसा करने पर बैड लोन को बैंक की बैलेंस शीट से हटा दिया जाता है और इसी समय बैड बैंक फंसे हुए क़र्ज़ को अपने पास ले लेता है.
अमेरिका की फोर्ड मोटर कंपनी ने भारत में अपने दो संयंत्रों में वाहन उत्पादन बंद करने और केवल आयातित वाहनों को ही बेचने की घोषणा की है. कंपनी के इस फैसले से क़रीब 4,000 कर्मचारी और ऐसे 150 डीलर प्रभावित होंगे, जो लगभग 300 बिक्री केंद्रों का कामकाज संभालते हैं.
अमेरिका की फोर्ड मोटर कंपनी ने बृहस्पतिवार को कहा कि वह देश के अपने दो संयंत्रों में वाहन उत्पादन बंद कर देगी और केवल आयातित वाहनों को ही बेचेगी. कंपनी के इस फैसले से क़रीब 4,000 कर्मचारी और ऐसे 150 डीलर प्रभावित होंगे, जो लगभग 300 बिक्री केंद्रों का कामकाज संभालते हैं.
घरेलू रसोई गैस की कीमत पिछले सात वर्षों में दोगुनी से अधिक हो गई है. एक मार्च 2014 को घरेलू गैस का खुदरा मूल्य 410.5 रुपये प्रति सिलेंडर था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की जो कीमतें हैं, वह साल 2014 की तुलना में बहुत अधिक थीं. फ़िर भी कांग्रेस ने भाजपा नेतृत्व वाली सरकार की तुलना में कीमतों को बहुत कम रखा था. भाजपा की सहयोगी पार्टी जदयू ने मांग