औरतों पर पाबंदियों के लिए तालिबान जिस ‘इस्लाम’ का हवाला देता है, क्या वो असल में ऐसा कहता है

इस्लाम के तमाम विचारक मानते हैं कि ज़माने और समाज में होने वाले बदलावों के साथ शरीयत के क़ानून में भी मुनासिब और ज़रूरी तब्दीलियां होती रहें और वो अपने आस-पास के हालात से भी प्रभावित होते रहें. हालांकि तालिबान ने इस्लाम और शरीयत के नाम पर उनकी सहूलियत के हिसाब से नए अर्थ निकाल लिए हैं.

मुसलमानों का अनदेखा किया गया सच है, ‘बॉर्न अ मुस्लिम’

वीडियो: कुछ ही समय पहले पत्रकार ग़ज़ाला वहाब की एक किताब आई है, ‘बॉर्न अ मुस्लिम- सम ट्रूथ्स अबाउट इस्लाम इन इंडिया’. इस सिलसिले में ग़ज़ाला से विशेष बातचीत.

उत्तर प्रदेशः धर्मांतरण के आरोपियों पर एनएसए के तहत मामला दर्ज होगा

उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के एटीएस और पुलिस को धर्मांतरण के आरोपियों के वित्तीय लेनदेन की जांच करने और संपत्ति ज़ब्त करने के निर्देश दिए हैं.

बिहार: अंधेरी बस्तियों से फूटी रोशनी की किरण

बीते महीने बिहार के दरभंगा ज़िले की अदलपुर पंचायत में मुस्लिमों के अत्यंत पिछड़ा वर्ग से आने वाले और अमूमन सामाजिक उपेक्षा का शिकार रहे 'फ़कीर' समुदाय के दो बच्चे हाईस्कूल की दहलीज़ तक पहुंचे, वहीं गांव के ही दो दलित बच्चों ने पहली बार मैट्रिक पास किया है.

टीएमसी ने चुनाव आयोग से की शिकायत, कहा- मोदी की बांग्लादेश यात्रा चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन

टीएमसी का आरोप है कि प्रधानमंत्री की दो दिवसीय यात्रा का बांग्लादेश की आज़ादी के 50 वर्ष पूरे होने या ‘बंगबंधु’ के जयंती समारोहों में शामिल होने से कोई लेना-देना नहीं था. इसके बजाय उनका एकमात्र मक़सद पश्चिम बंगाल में चल रहे चुनावों में कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान को प्रभावित करने का था.

मोदी की राजनीति के ख़िलाफ़ गुस्से का निशाना बांग्लादेश के हिंदुओं को क्यों बनाया जा रहा है

एक देश में अल्पसंख्यकों पर हमले के विरोध के दौरान जब उसी देश के अल्पसंख्यकों पर हमला होने लगे तो शक़ होता है कि यह वास्तव में किसी नाइंसाफी के ख़िलाफ़ या बराबरी जैसे किसी उसूल की बहाली के लिए नहीं है, बल्कि इसके पीछे भी एक बहुसंख्यकवादी द्वेष ही है.

राजस्थान: कक्षा 12 की किताब में आतंकवाद को इस्लाम से जोड़ने को लेकर एफ़आईआर दर्ज

राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के लिए प्रकाशित कक्षा 12 की राजनीतिक विज्ञान की किताब को लेकर हुआ विवाद. जयपुर में किताब से संबंधित एक उत्तर पुस्तिका प्रकाशित करने वाले प्रकाशन समूह के दफ़्तर में तोड़फोड़ करने के सिलसिले में तीन लोग गिरफ़्तार.

कोरोना वैक्सीन के ‘हराम’ होने के दावों पर जमात-ए-इस्लामी ने कहा, इमरजेंसी में लगवा सकते हैं टीका

कोविड-19 की वैक्सीन में इस्लाम में 'हराम' माने जाने वाले तत्वों के मिले होने के कारण इसे मुस्लिम समुदाय को न दिए जाने संबंधी दावे पर जमात-ए-इस्लामी हिंद का कहना है कि हलाल तत्वों वाली वैक्सीन की अनुपलब्धता होने पर इंसानी ज़िंदगी बचाने के लिए आपात स्थिति में हराम तत्व से बनी वैक्सीन दी जा सकती है.

तबलीग़ी जमात: दिल्ली की अदालत ने 36 विदेशियों को सभी आरोपों से बरी किया

दिल्ली पुलिस ने तबलीग़ी जमात के सदस्यों के ख़िलाफ़ वीज़ा शर्तों के उल्लंघन, धार्मिक प्रचार गतिविधियों में शामिल होने समेत कई आरोपों को लेकर चार्जशीट दायर की थी. हालांकि कोर्ट ने ठोस सबूत नहीं मिलने पर सभी को बरी कर दिया.

अपनी पसंद का साथी चुनना मौलिक अधिकार, धर्म इसमें आड़े नहीं आ सकता: इलाहाबाद हाईकोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि हम ये समझने में असमर्थ हैं कि जब क़ानून दो व्यक्तियों, चाहे वो समलैंगिक ही क्यों न हों, को साथ रहने की अनुमति देता है, तो फिर न तो कोई व्यक्ति, न ही परिवार और न ही सरकार को दो लोगों के संबंधों पर आपत्ति होनी चाहिए, जो अपनी इच्छा से साथ रह रहे हैं.

मंदिर में नमाज़: क्या पवित्रता की साझेदारी संभव नहीं है

यह वही मुल्क़ है जहां ताजिये पीपल की डाल से न टकराए, इसका ख़ास ध्यान रखा जाता है, हिंदू मांएं भी ताजिये का इंतज़ार करती हैं कि उसके नीचे से बच्चे को गुजारकर आशीर्वाद ले सकें. हज़रत निज़ामुद्दीन दरगाह में चादर चढ़ाते हिंदुओं को क्या अलग कर सकते हैं? लेकिन अब साझा पवित्रता का विचार अपराध है.

सिर्फ़ विवाह के लिए धर्म परिवर्तन स्वीकार्य नहींः इलाहाबाद हाईकोर्ट

एक विवाहित दंपति ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आग्रह किया था कि परिवार वालों द्वारा उनके शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन में हस्तक्षेप करने पर रोक लगाने के लिए निर्देश दिए जाएं.

‘अल्लाहू अकबर’ की पुकार के साथ हत्या का मेल कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है?

फ्रांस में जो हुआ, उसके लिए दुनिया के सारे मुसलमान जवाबदेह नहीं, लेकिन जब अल्लाह का नाम लेकर क़त्ल किया जा रहा हो, तो अल्लाह के बंदों को क़ातिल से कहना चाहिए कि वह क़त्ल के साथ ये मुक़द्दस नाम लेकर ही कुफ़्र कर रहा है.

मुग़लों को निशाना बनाकर आदित्यनाथ अपने ही नाथ संप्रदाय के इतिहास को मिटा रहे हैं

पूरे मुग़ल शासन के दौरान गोरखपुर समेत विभिन्न नाथों को शासकों द्वारा तोहफे और अनुदान प्राप्त हुए हैं. आधिकारिक मंदिर साहित्य भी इस बात की पुष्टि करता है.

स्त्री रक्षा करो, गोरक्षा हो जाएगी

लड़कियों को बिना दिमाग का और भावुक फिसलन की शिकार माना जाता है और इसलिए उन पर निगाह और लगाम रखने की ज़रूरत है. लड़कियां ज़िंदा बम है और उनको फटने से बचाना सबसे बड़ा धार्मिक कर्तव्य. लगता है कि राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष इसी कर्तव्य निर्वाह के पवित्र अभियान पर निकल पड़ी हैं.

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