इस नए हिंदू अधिकार के सहारे कोई हिंदू किसी मुसलमान से किसी भी विषय में पूछताछ कर सकता है. उसे ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने को बाध्य कर सकता है, किसी मुसलमान का टिफ़िन खोलकर देख सकता है, उसके फ्रिज की जांच कर सकता है, उसकी नमाज़ को बाधित कर सकता है.
मामला उत्तर प्रदेश के वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय का है, जहां एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सामने आया कि फार्मेसी पाठ्यक्रम की परीक्षा में कुछ छात्रों ने उत्तर-पुस्तिका में 'जय श्री राम' और क्रिकेट खिलाड़ियों के नाम लिखे थे, इसके बावजूद भी उन्हें अच्छे अंक दिए गए.
उत्तर प्रदेश के ग़ाज़ियाबाद शहर स्थित एबीईएस इंजीनियरिंग कॉलेज का मामला. कॉलेज के निदेशक ने कहा कि उन्होंने जांच के बाद प्रोफेसर ममता गौतम और श्वेता शर्मा को निलंबित कर दिया है. दोनों शिक्षकों का व्यवहार अनुचित था. उन्होंने कहा कि नारा लगाने वाले छात्र या उसका समर्थन करने वालों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी.
हरियाणा के नूंह और गुड़गांव इलाकों में जारी सांप्रदायिक तनाव के दौरान मंगलवार को गुड़गांव के बादशाहपुर में बिरयानी बेचने वाली दुकानों को निशाना बनाया गया और बसई रोड पर पटौदी चौक पर दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट की. इसी बीच, गुड़गांव ज़िले के सभी पेट्रोल पंप पर खुला ईंधन बेचने पर रोक लगा दी गई है.
झारखंड के सरायकेला खरसावां ज़िले के एक गांव में 18 जून 2019 को चोरी के आरोप में तबरेज़ अंसारी नाम के युवक को भीड़ ने एक खंभे से बांधकर बेरहमी से कई घंटों तक पीटा था, जिसके कुछ दिनों हिरासत के दौरान उनकी मौत हो गई थी.
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के जदूरा गांव के लोगों का आरोप था कि 23-24 जून की दरमियानी रात सेना के कुछ जवानों ने मस्जिद में घुसकर मुअज़्ज़िन समेत नमाज़ियों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया. अब ख़ुद को घटना का चश्मदीद बताने वाले एक शख़्स ने द टेलीग्राफ से कहा कि रविवार को सेना के वरिष्ठ अधिकारी ने ग्रामीणों से माफ़ी मांगी है.
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के जदूरा गांव के लोगों ने आरोप लगाया है कि शनिवार को सेना के जवान एक स्थानीय मस्जिद में घुस गए और लोगों को ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया. जम्मू कश्मीर के विभिन्न नेताओं ने घटना की जांच करने और दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने की मांग की है.
राजस्थान के अलवर ज़िले के बहादुरपुर स्थित एक मस्जिद में बीते 20 जून को भीड़ ने तोड़फोड़ करने के साथ आग लगा दी थी. आरोप है कि इस दौरान भीड़ ने ‘जय श्री राम’ का नारा लगाने के साथ मुसलमानों के ख़िलाफ़ अपमानजनक टिप्पणी भी की थी.
सोशल मीडिया पर सामने आए वीडियो में विश्व पुस्तक मेले में एक ईसाई संगठन ‘द गिडियंस इंटरनेशनल’ के स्टॉल पर लोगों को ‘जय श्री राम’, ‘हर हर महादेव’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए देखा जा सकता है. प्रदर्शनकारियों ने ‘मुफ्त बाइबिल बांटना बंद करो’ के नारे भी लगाए और स्टॉल पर लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने का आरोप लगाया.
कर्नाटक के बीदर स्थित महमूद गवां मदरसे में बीते पांच अक्टूबर को हुई घटना. मामला सामने आने के बाद पुलिस ने नौ लोगों के ख़िलाफ़ केस दर्ज करने के बाद चार लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है.
बीते 10 जून की रात आठ बजे ज़ीशान और फ़ैज़ान झारखंड की राजधानी रांची के सुजाता चौक के पास पिज़्ज़ा लेने गए थे. आरोप है कि उसी समय करीब 30-40 हथियारबंद लोग ‘जय श्री राम’ का नारा लगाते हुए आए और उन्हें घेरकर पीटना शुरू कर दिया. इसी दिन पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ निलंबित भाजपा नेताओं की टिप्पणी को लेकर हुए विरोध प्रदर्शन के हिंसक हो जाने के बाद दो अन्य मुस्लिम युवकों की मौत हो गई थी.
हमारी दुनिया में कितनी भी मायूसी हो, चाहे जितनी भी नफ़रत पैदा की जा रही हो, उम्मीद और प्रेम के उजालों में चलकर ही कहीं पहुंचा जा सकता है.
घटना 25 फरवरी को दक्षिण दिल्ली के फतेहपुरी बेरी इलाके में हुई थी. आरोप है कि 35 वर्षीय पादरी पर जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप लगाते हुए भीड़ ने पीटा और ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया. पिछले 18 साल से दक्षिण दिल्ली के असोला इलाके में रह रहे 35 वर्षीय पादरी ने बताया कि 15 साल पहले भी उन्हें एक समूह ने संजय कॉलोनी इलाके में निशाना बनाया था.
पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के ख़िलाफ़ धनबाद में प्रदर्शन कर रहे भाजपा कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से प्रधानमंत्री एवं भाजपा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष को ‘अपशब्द’ कहने के आरोप में मानसिक बीमारी से पीड़ित एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी. मुख्यमंत्री ने मामले दोषियों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
घटना कठुआ की है, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया है. इसमें देखा जा सकता है कि दो लोग पादरी पर दबाव डाल रहे हैं कि वे 'जय श्री राम' बोलें. इसके साथ ही वे यह आरोप भी लगा रहे थे कि यह पादरी धर्मांतरण कराने में लगे हुए थे. इस आरोप को पुलिस और पीड़ित दोनों ने ख़ारिज किया है.