झारखंड: अदालत ने तबरेज़ अंसारी लिचिंग मामले में 10 दोषियों को दस साल की सज़ा सुनाई

झारखंड के सरायकेला खरसावां ज़िले के एक गांव में 18 जून 2019 को चोरी के आरोप में तबरेज़ अंसारी नाम के युवक को भीड़ ने एक खंभे से बांधकर बेरहमी से कई घंटों तक पीटा था, जिसके कुछ दिनों हिरासत के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

तबरेज़ अंसारी. (फोटो साभार: फेसबुक)

झारखंड के सरायकेला खरसावां ज़िले के एक गांव में 18 जून 2019 को चोरी के आरोप में तबरेज़ अंसारी नाम के युवक को भीड़ ने एक खंभे से बांधकर बेरहमी से कई घंटों तक पीटा था, जिसके कुछ दिनों हिरासत के दौरान उनकी मौत हो गई थी.

तबरेज़ अंसारी. (फोटो साभार: फेसबुक)

नई दिल्ली: झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले की एक अदालत ने 2019 में चोरी के आरोप में भीड़ द्वारा तबरेज अंसारी की पीट-पीटकर हत्या के मामले में बुधवार को 10 लोगों को दस-दस साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई.

18 जून को 2019 को जिले के धातकीडीह गांव में 22 वर्षीय तबरेज अंसारी की भीड़ ने चोरी के शक में कथित रूप से खंभे से बांधकर डंडों से बर्बरतापूर्ण तरीके से पिटाई की थी.

घटना का एक वीडियो सामने आया था, जिसमें उन्हें कथित रूप से ‘जय श्री राम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे लगाने के लिए मजबूर किया जा रहा था. वीडियो में वे भीड़ से रहम की गुहार लगाते हुए भी नजर आते हैं.

इस हमले के बाद तबरेज को चोरी के आरोप में गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना के चार दिन बाद 22 जून 2019 की सुबह तबरेज अंसारी, जो चोरी के आरोप में न्यायिक हिरासत में थे, ने मतली, उल्टी और सीने में दर्द की शिकायत की और बेहोश हो गए. उन्हें सदर अस्पताल और फिर जमशेदपुर के टाटा अस्पताल ले जाया गया, जहां पहुंचने पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

घटना के चार साल बाद पिछले महीने अदालत ने 10 लोगों को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत दोषी पाया था.

जिला न्यायाधीश अमित शेखर ने बुधवार को कड़ी सुरक्षा के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये सजा सुनाई और सभी दोषियों को आईपीसी की धारा 304 (गैर-इरादतन हत्या) के तहत 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई. न्यायाधीश ने उनमें से प्रत्येक पर 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.

इस मामले के दो आरोपियों को बरी कर दिया गया और एक अन्य की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई.

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, अदालत ने प्रत्येक दोषी – भीम सिंह मुंडा, कमल महतो, मदन नायक, अतुल महली, सुनामो प्रधान, विक्रम मंडल, चामू नायक, प्रेम चंद महली, महेश महली पर 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

मामले में पुलिस की भूमिका शुरू से ही सवालों के घेरे में रही है. जब अंसारी को हिरासत में लिया गया तो पुलिस ने उन पर हमला करने वाले लोगों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया. मामला उनकी मृत्यु के बाद उनकी पत्नी की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था.

झारखंड जनाधिकार महासभा की एक फैक्ट-फाइडिंग टीम ने यह भी पाया कि पुलिस ने अंसारी को उचित इलाज से वंचित कर दिया था और उनके परिवार को धमकी भी दी थी.

सितंबर 2019 में पुलिस ने आरोप-पत्र से हत्या के आरोप को हटा दिया था – जिस पर सवाल उठाए गए और आलोचना की गई. पुलिस ने हत्या के आरोप को हटाने के लिए अंतिम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इस्तेमाल किया, जिसमें कहा गया है कि अंसारी की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई.

अंसारी की मौत पुलिस के लिए चिंता का विषय तभी बन गई, जब भीड़ द्वारा उन पर हमला करने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिला प्रशासन द्वारा नियुक्त एक जांच समिति ने भी पुलिस की ओर से खामियां पाईं थी और कहा था कि अंसारी को हमले के बाद जब पहली बार जिस अस्पताल में ले जाया गया था, वहां के डॉक्टर भी जिम्मेदार हैं, क्योंकि उन्होंने सिर में गंभीर चोटों के बावजूद उन्हें हिरासत में रखने की अनुमति दे दी थी.

इस रिपोर्ट को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq