पीएमओ अधिकारी बनकर कश्मीर दौरा करने वाले ठग के मामले में सरकार जवाबदेही तय करे: कांग्रेस

गुजरात के किरण पटेल नामक ठग को जम्मू कश्मीर पुलिस ने बीते 3 मार्च को गिरफ़्तार किया है. किरण पटेल ख़ुद को पीएमओ अधिकारी बताकर कई बार कश्मीर का दौरा कर चुके हैं. इस दौरान उनके रहने के लिए पांच सितारा होटल की व्यवस्था करने के साथ ही ज़ेड प्लस सुरक्षा भी दी गई थी. नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू कश्मीर प्रशासन को ‘अयोग्य’ क़रार दिया है.

भाजपा से कथित संबंधों वाला ठग गिरफ़्तार, पीएमओ अधिकारी बताकर कई बार कश्मीर का दौरा कर चुका था

जम्मू कश्मीर के उच्च सुरक्षा वाले क्षेत्र के अधिकारियों और सुरक्षा बलों को बरगलाने वाले इस आरोपी की पहचान अहमदाबाद के रहने वाले किरण जगदीश भाई पटेल के रूप में हुई है. आरोपी ने कम से कम तीन मौकों पर कश्मीर का दौरा किया. इस दौरान प्रशासन ने उन्हें ज़ेड-प्लस सुरक्षा कवर प्रदान किया था.

‘कश्मीर में मीडिया को चुप कराया गया, न्यूयॉर्क टाइम्स में मेरे लेख की आलोचना सही नहीं’

द कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भसीन द्वारा कश्मीर में पत्रकारों की स्थिति पर न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे आलेख को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने 'शातिर और काल्पनिक बताते हुए दुष्प्रचार' क़रार दिया था. भसीन ने कहा कि मंत्री की प्रतिक्रिया उनकी कही बातों को सही साबित करती है.

सुरक्षा कम किए जाने पर सत्यपाल मलिक ने कहा, मुझे कुछ हुआ तो इसकी ज़िम्मेदार सरकार होगी

जम्मू कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार पर ​उन्हें दी गई सुरक्षा को कम करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों के आंदोलन का समर्थन करने और अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना का विरोध करने के कारण ऐसा किया गया है.

जम्मू कश्मीर: ब्लैकलिस्ट कंपनी द्वारा भर्ती परीक्षा कराने का विरोध कर रहे युवाओं पर लाठीचार्ज

एक ब्लैकलिस्ट कंपनी को जम्मू कश्मीर सेवा चयन बोर्ड के लिए भर्ती परीक्षा कराने का ठेका दिया गया है. इसका विरोध जताने के लिए तमाम युवा जम्मू समेत विभिन्न जगहों पर सड़क पर उतरे थे, जब पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर हिरासत में ले लिया था.

कश्मीर: पुलिस वेरिफिकेशन में हो रही देरी से नौकरी और पासपोर्ट मिलने में आ रही हैं मुश्किलें

वीडियो: कश्मीरियों के लिए विदेश जाना अब और चुनौतीपूर्ण हो चुका है. सुरक्षा कारणों से पासपोर्ट न दिए जाने के मामले बढ़ रहे हैं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक़, पुलिस वेरिफिकेशन न होने या प्रतिकूल पुलिस रिपोर्ट के कारण पासपोर्ट न पाने वाले लोगों की संख्या दस हज़ार के पार जा चुकी है. आख़िर मसला क्या है और आम लोगों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा, बता रहे हैं ज़ीशान कास्कर.

जम्मू: तबादले की मांग कर रहे कश्मीरी पंडित कर्मचारियों का प्रदर्शन वेतन रोके जाने के बाद ख़त्म

मई 2022 से कश्मीर में बढ़े लक्षित हत्याओं के मामलों के बाद से प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत काम कर रहे अनेक कश्मीरी पंडित घाटी से तबादले की मांग को लेकर जम्मू में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. 4 मार्च को प्रदर्शन ख़त्म करते हुए उन्होंने कहा कि कई महीनों से वेतन रोके जाने से वे आर्थिक तौर पर टूट चुके हैं और अब उनके पास प्रशासन के आगे 'सरेंडर' करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.

जम्मू कश्मीर: सेना की हिरासत से ‘ग़ायब’ होने के दो महीने बाद मिला कश्मीरी युवक का शव

जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा ज़िले के कुनन गांव के रहने वाले 35 वर्षीय अब्दुल राशिद डार को पिछले साल 15 दिसंबर की उनके घर से 41 राष्ट्रीय राइफल्स के जवानों ने पुलिस को सूचित किए हिरासत में लिया था. राशिद के परिवार ने हिरासत में उनकी हत्या का आरोप लगाया है, जबकि सेना ने किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया है.

‘घाटी में कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा अब कश्मीरी मुसलमान करेंगे’

वीडियो: बीते 26 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन गांव में कश्मीरी पंडित संजय कुमार शर्मा की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर ​दी गई थी. कश्मीरी पंडितों की निशाना बनाकर लगातार की जा रही हत्या के विरोध में यहां के लोगों में आक्रोश है.

एक और हत्या के बाद कश्मीरी पंडित कर्मचारियों ने घाटी से ट्रांसफर करने की मांग दोहराई

बीते सोमवार को प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम करने वाले प्रदर्शनकारी जम्मू में राहत आयुक्त के कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए और 26 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन इलाके में कश्मीरी पंडित संजय कुमार शर्मा की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया.

कश्मीर नीतियों की आलोचना करने वाले कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होगी: प्रशासन

बीते सप्ताह एक बैठक में बताया गया कि कुछ सरकारी कर्मचारी सरकार की नीतियों और उपलब्धियों को लेकर आलोचनात्मक हैं और सोशल मीडिया पर प्रतिकूल टिप्पणियां कर रहे हैं, जिसके बाद प्रमुख सचिव ने सभी प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिया कि वे सोशल मीडिया की निगरानी करते हुए ऐसी टिप्पणी करने वाले कर्मचारियों की पहचान कर उन्हें नोटिस जारी करें.

पत्रकारों ने ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह की रिहाई की मांग की

समाचार वेबसाइट ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह पिछले एक साल से जेल में हैं. उन पर गै़रक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया है. उन्हें आतंकवाद का महिमामंडन करने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने और आम जनता को क़ानून व्यवस्था के ख़िलाफ़ भड़काने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था.

जम्मू कश्मीर के परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज की

जम्मू कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए परिसीमन आयोग के गठन के सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं में कहा गया था कि परिसीमन की कवायद संविधान की भावनाओं के विपरीत की गई थी और इस प्रक्रिया में सीमाओं में परिवर्तन तथा विस्तारित क्षेत्रों को शामिल नहीं किया जाना चाहिए था. 

अनुच्छेद 370 हटने के बाद क्या कश्मीर में पत्रकारिता मना है?

वीडियो: अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के बाद कश्मीर में पत्रकारों की क्या स्थिति है, वे किन हालात में काम कर रहे हैं, क्या वे सुरक्षित महसूस करते हैं? इन विषयों को लेकर कश्मीर के कुछ पत्रकारों से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

केरल का उदाहरण देकर अमित शाह बोले- कर्नाटक को देशद्रोहियों से सिर्फ भाजपा बचा सकती है

विधानसभा चुनाव के मुहाने पर खड़े कर्नाटक में एक समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रविरोधी ताकतों का तुष्टीकरण करती है और कर्नाटक की रक्षा नहीं कर सकती. केवल भाजपा ही मोदी के नेतृत्व में कर्नाटक की रक्षा कर सकती है.

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