झारखंड सरकार ने निर्वाचन आयोग को भेजे पत्र में कहा है कि भाजपा ने बिना चुनावी कार्यक्रम तय हुए असम के सीएम हिमंता बिस्वा शर्मा और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को झारखंड का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया है, जो राज्य के दौरों के दौरान विभिन्न समुदायों के बीच में नफ़रत फैला रहे हैं.
झारखंड विधानसभा में पेश कैग की वर्ष 2021-22 की ऑडिट रिपोर्ट बताती है कि पूर्वी सिंहभूम, गोड्डा पोटका, घाटशिला, पोड़ैयाहाट और गोड्डा सदर के 16 पुरुषों को इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना और राज्य विधवा सम्मान प्रोत्साहन योजना के तहत विधवा पेंशन के रूप में 9.54 लाख रुपये का भुगतान किया गया.
लगभग 20,000 की आबादी और 60 किलोमीटर के दायरे में फैले झारखंड के बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र को पिछले साल ही माओवादियों के चंगुल से मुक्त कराया गया था. गांव, परिवार और व्यक्तिगत स्तर पर किए गए सर्वेक्षणों के आधार पर तैयार की गई एक सरकारी रिपोर्ट में क्षेत्र के निवासियों की दुर्दशा सामने आई है.
झारखंड सरकार ने ट्रांसजेंडर समुदाय को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के उद्देश्य यह फैसला किया है. समुदाय को अधिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए महिला, बाल विकास और सामाजिक सुरक्षा विभाग ने अस्पतालों में उनके लिए अलग शौचालय बनाने का भी प्रस्ताव दिया है.
केंद्र सरकार ने लगातार जारी विरोध के बाद झारखंड में जैन समुदाय के धार्मिक स्थल सम्मेद शिखरजी से संबंधित पारसनाथ पहाड़ी पर सभी प्रकार की पर्यटन गतिविधियों पर रोक लगा दी है. हालांकि अब आदिवासी संगठनों ने पारसनाथ पहाड़ी को पहाड़ी देवता या शक्ति का सर्वोच्च स्रोत क़रार देते हुए जैन समुदाय से इसे मुक्त करने की मांग की है. मांगों पर ध्यान न देने पर विद्रोह की चेतावनी दी गई है.
बीते कुछ दिनों से जैन समुदाय के लोग देश के कई हिस्सों में प्रदर्शन कर रहे हैं. उनके प्रदर्शनों के केंद्र में झारखंड के गिरिडीह ज़िले में पारसनाथ पहाड़ी पर बना जैन तीर्थ स्थल 'सम्मेद शिखर' और गुजरात के भावनगर ज़िले में शत्रुंजय पहाड़ी पर बना एक जैन मंदिर है.
अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में को लेकर उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से यह प्रदर्शित होता है कि वंचित और आदिवासी बच्चे शिक्षा विभाग द्वारा असहाय छोड़ दिए गए. स्कूल दो साल बंद रहे, लेकिन बच्चों के लिए कुछ नहीं किया गया. इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा केवल मज़ाक बन कर रह गई, क्योंकि सरकारी स्कूलों में 87 प्रतिशत छात्रों की पहुंच स्मार्टफोन तक नहीं थी.
धनबाद के 49 वर्षीय जज उत्तम आनंद पिछले साल 28 जुलाई की सुबह टहलने निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा उन्हें पीछे से टक्कर मारकर भाग गया था. सीबीआई की एक विशेष अदालत ने ऑटोरिक्शा चालक और उसके सहायक को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाते हुए उन पर 30 हज़ार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
झारखंड हाईकोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया, जिसमें दावा किया गया है कि पुलिस विभाग के हाल के एक फैसले से सामान्य श्रेणी के कर्मचारियों के प्रमोशन पाने की संभावनाएं बाधित होंगी.
सुप्रीम कोर्ट ने 13 अनुसूचित क्षेत्रों के स्थानीय लोगों को सरकारी नौकरी में सौ फीसदी आरक्षण देने के झारखंड सरकार के 2016 के फ़ैसले को ख़ारिज करते हुए कहा कि नागरिकों के समान अधिकार हैं और एक वर्ग के लिए अवसर पैदा करके बाकियों को वंचित करना भारतीय संविधान के निर्माताओं के विचार के अनुरूप नहीं है.
झारखंड में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मामले में ऑटोरिक्शा चालक लखन वर्मा और उसके सहायक राहुल वर्मा को दोषी ठहराया. दोनों दोषियों को छह अगस्त को सज़ा सुनाई जाएगी. धनबाद के 49 वर्षीय जज उत्तम आनंद पिछले साल 28 जुलाई की सुबह टहलने निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा उन्हें पीछे से टक्कर मारकर भाग गया था.
भाजपा प्रवक्ताओं के पैगंबर मोहम्मद को लेकर दिए गए बयानों के ख़िलाफ़ रांची में हुए प्रदर्शनों में हुई हिंसा के मद्देनज़र राज्यपाल रमेश बैस ने डीजीपी नीरज सिन्हा समेत वरिष्ठ अधिकारियों को तलब किया था.
पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ निलंबित भाजपा नेताओं की टिप्पणी के विरोध में बीते 10 जून को झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा के दौरान 20 वर्षीय साहिल और 15 वर्षीय मुदस्सिर आलम की गोली लगने से मौत हो गई थी. उनके परिवारों ने पूछा है कि गोली चलाने का कारण क्या था और क्या पुलिस के पास यही एकमात्र विकल्प था? सरकार को जवाब देना चाहिए और दोषियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया जाना चाहिए.
झारखंड में भीड़ हिंसा का मामला 2019 में उस समय सुर्ख़ियों में आया था, जब 24 साल के तबरेज़ अंसारी को चोरी के संदेह में सरायकेला खरसावां जिले के धतकीडीह गांव में कथित तौर पर पोल से बांधकर भीड़ ने उनकी पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. इस घटना के वीडियो में भीड़ अंसारी से कथित तौर पर ‘जय श्रीराम’ और ‘जय हनुमान’ के नारे लगाने को मजबूर करती दिख रही थी.
सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपियों- लखन वर्मा और राहुल वर्मा के ख़िलाफ़ धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या करने और साक्ष्य छिपाने से जुड़ीं धाराओं में आरोप तय किए. धनबाद के जज उत्तम आनंद पिछले साल 28 जुलाई की सुबह सैर पर निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.