बीते पांच साल में भारत में पत्रकारों पर 200 से अधिक गंभीर हमले हुएः रिपोर्ट

'गेटिंग अवे विद मर्डर' नाम के अध्ययन के मुताबिक 2014 से 2019 के बीच भारत में 40 पत्रकारों की मौत हुई, जिनमें से 21 पत्रकारों की हत्या की वजह उनके काम से जुड़ी थी.

2019 में दुनियाभर में 49 पत्रकारों की हत्या हुई: रिपोर्ट

पेरिस स्थित निगरानी संगठन ‘रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स’ के प्रमुख क्रिस्टोफ डेलोयर ने कहा कि लोकतांत्रिक देशों में अधिकतर पत्रकारों को उनके काम के लिए निशाना बनाया जा रहा है, जो कि लोकतंत्र के लिए एक बड़ी चुनौती है.

पत्रकारों के 90 फीसदी हत्यारों को दोषी क़रार नहीं दिया गया: यूनेस्को

यूनेस्को ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि पिछले दो वर्ष में 55 फीसदी पत्रकारों की हत्या संघर्ष रहित क्षेत्रों में हुई जो राजनीति, अपराध और भ्रष्टाचार पर रिपोर्टिंग के लिए पत्रकारों को निशाना बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति को दिखाता है.

जम्मू कश्मीर: पर्यटकों का स्वागत, पर प्रेस काउंसिल को मनाही

जम्मू कश्मीर सरकार ने पर्यटकों को राज्य में आने की अनुमति देने के बाद प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा है कि उनकी फैक्ट-फाइंडिंग टीम 4 नवंबर के बाद ही राज्य में आ सकती है.

प्रणय और राधिका रॉय को विदेश जाने से रोका गया, एनडीटीवी ने कहा- मीडिया को डराने की कोशिश

एनडीटीवी के संस्थापकों को सीबीआई के लुकआउट सर्कुलर के आधार पर शुक्रवार शाम मुंबई हवाई अड्डे पर विदेश जाने से रोका गया. एनडीटीवी ने कहा, कार्रवाई मीडिया को चेतावनी कि वो उनके पीछे चले या नतीजा भुगते.

एडिटर्स गिल्ड ने की वित्त मंत्रालय में मीडिया पर पाबंदी की आलोचना, कहा- वापस लें आदेश

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि सभी मीडियाकर्मियों को मंत्रालय में प्रवेश से पहले अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी वरना उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा.

अधिकारियों से अनुमति लेने के बाद ही वित्त मंत्रालय में प्रवेश कर सकेंगे पत्रकार: केंद्र

बजट पेश होने से कुछ दिन पहले गोपनीयता बनाए रखने के लिए वित्त मंत्रालय में पत्रकारों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी जाती है, लेकिन बजट पारित होने के बाद ये पाबंदी हटा ली जाती है. हालांकि, इस बार ऐसा नहीं किया गया.

क्या वंदे मातरम न कहने वालों को भारत में रहने का अधिकार होना चाहिए: प्रताप सारंगी

ओडिशा के बालासोर से पहली बार सांसद बनने वाले प्रताप चंद्र सारंगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री हैं. संसद में अपना पहला भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि देश टुकड़े-टुकड़े गैंग को कभी स्वीकार नहीं करेगा.

ओडिशा का मोदी कहे जा रहे केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी के ख़िलाफ़ दर्ज हैं सात गंभीर मामले

वीडियो: मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ओडिशा में बजरंग दल के प्रमुख रह चुके हैं. उनके चुनावी हलफ़नामे के अनुसार, उनके ख़िलाफ़ दंगा करने, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच घृणा को बढ़ावा देने, आपराधिक धमकी और जबरन वसूली के आरोपों के तहत मामले दर्ज हैं.

ओडिशा का मोदी कहे जा रहे केंद्रीय मंत्री प्रताप सारंगी के ख़िलाफ़ दर्ज हैं सात गंभीर मामले

मोदी सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ओडिशा में बजरंग दल के प्रमुख रह चुके हैं. उनके चुनावी हलफ़नामे के अनुसार, उनके ख़िलाफ़ दंगा करने, धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच घृणा को बढ़ावा देने, आपराधिक धमकी और जबरन वसूली के आरोपों के तहत मामले दर्ज हैं.

कॉन्फ्रेंस हॉल में प्रधानमंत्री का दिखना ही अब प्रेस कॉन्फ्रेंस कहलाएगा

मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की. यह तथ्य है. यह भी एक तथ्य है कि मोदी से पूछने वाला प्रेस ही नहीं है. होता तो उसे प्रेस कॉन्फ्रेंस की ज़रूरत नहीं होती. वह अपनी ख़बरों से मोदी को जवाब के लिए मजबूर कर देता.

पांच साल में पहली बार प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल हुए मोदी, लेकिन किसी सवाल का जवाब नहीं दिया

जब एक पत्रकार ने सीधे प्रधानमंत्री से सवाल पूछा तो उन्होंने कहा, ‘हम तो डिसिप्लिन्ड सोल्जर हैं. पार्टी अध्यक्ष हमारे लिए सब कुछ होते हैं.’ शाह ने भी कहा कि प्रधानमंत्री को सवालों का जवाब देने की ज़रूरत नहीं है.

जम्मू कश्मीर: पत्रकारों को गणतंत्र दिवस समारोह में जाने से रोकने की एडिटर्स गिल्ड ने की निंदा

बीती 26 जनवरी को श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में गणतंत्र दिवस समारोह में कई पत्रकारों ख़ासकर फोटोग्राफरों को वैध पास होने के बावजूद भी कथित तौर पर प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई. एडिटर्स गिल्ड ने इसे प्रेस की आज़ादी पर हमला बताया.

द वायर हिंदी को मिला रामनाथ गोयनका पत्रकारिता सम्मान

द वायर हिंदी के वरिष्ठ संवाददाता रहे अमित सिंह को यह पुरस्कार ‘सर्वश्रेष्ठ हिंदी पत्रकारिता- प्रिंट’ श्रेणी में जम्मू कश्मीर पुलिस पर की गई उनकी ग्राउंड रिपोर्ट के लिए दिया गया है. वहीं पत्रकार संध्या रविशंकर को द वायर पर प्रकाशित रेत खनन पर उनकी रिपोर्ट के लिए एनवायरमेंटल रिपोर्टिंग- प्रिंट श्रेणी में अवॉर्ड मिला है.