भारत का लोकतंत्र दिनदहाड़े दम तोड़ रहा है. प्रेस को घेरा जा रहा है, लेकिन उसे अडिग होकर खड़े होने के तरीके तलाशने होंगे.
हरिद्वार धर्म संसद में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हिंसा का आह्वान करने के मामले में ज़मानत पर रिहा हुए कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने कहा कि गणितीय गणना कहती है कि 2029 तक एक ग़ैर-हिंदू प्रधानमंत्री बन जाएगा. बीते दिनों बुराड़ी हिंदू महापंचायत कार्यक्रम के दौरान मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषण देने के आरोप में उन पर केस दर्ज किया गया है.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने दिल्ली के बुराड़ी में हुए ‘हिंदू महापंचायत’ कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों पर हुए कथित हमले और उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में 12वीं कक्षा की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में तीन पत्रकारों की गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए कहा कि हाल के दिनों में मीडियाकर्मियों पर सिलसिलेवार हमलों के मद्देनज़र यह कहा जा सकता है कि ये लोग प्रेस को पूरी तरह से बंद करने पर तुले हुए हैं.
वीडियो: राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बीते तीन अप्रैल को आयोजित हिंदू महापंचायत के दौरान दक्षिणपंथी भीड़ ने चार मुस्लिम पत्रकारों समेत पांच पत्रकारों पर कथित रूप से हमला कर दिया था. इन पत्रकारों में शामिल अरबाब अली से द वायर की सुमेधा पाल ने बातचीत की.
राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बीते तीन अप्रैल को आयोजित हिंदू महापंचायत के संबंध में दर्ज की गई यह चौथी एफ़आईआर है. अब तक किसी की गिरफ़्तारी नहीं हुई है. बुराड़ी में पुलिस की अनुमति के बिना आयोजित इस कार्यक्रम में कथित रूप से मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषण के लिए यति नरसिंहानंद और अन्य वक्ताओं के ख़िलाफ़ भी मामला दर्ज किया गया है.
दिल्ली के बुराड़ी में रविवार को हुई हिंदू महापंचायत में यति नरसिंहानद ने अपनी ज़मानत शर्तों का उल्लंघन करते हुए मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषण दिए हैं. उन पर केस दर्ज किया गया है. कार्यक्रम के आयोजक प्रीत सिंह और पिंकी चौधरी को अगस्त 2021 में जंतर मंतर पर एक कार्यक्रम में नफ़रती भाषण देने के आरोप में पहले गिरफ्तार किया गया था. इस कार्यक्रम में भी मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हिंसा का आह्वान करते हुए नारेबाज़ी की गई थी.
राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बीते रविवार को ‘हिंदू महापंचायत’ का आयोजन ‘सेव इंडिया फाउंडेशन’ द्वारा किया गया था, जिसका संचालन यति नरसिंहानंद के एक समर्थक प्रीत सिंह करते हैं. आयोजन में नरसिंहानंद भी शामिल हुए थे. कार्यक्रम में उन्होंने मुस्लिमों पर निशाना साधते हुए हिंदुओं से हथियार उठाने आह्वान किया.
बीते बुधवार को बलिया ज़िला प्रशासन को इसी दिन होने वाली 12वीं की अंग्रेज़ी विषय की बोर्ड परीक्षा का पेपर लीक होने की सूचना मिलने के बाद 24 ज़िलों में इम्तिहान रद्द कर दिया गया था. मामले में ज़िला विद्यालय निरीक्षक समेत 22 लोगों को गिरफ़्तारी हुई है. इनमें तीन पत्रकार भी शामिल हैं, जिन्होंने लीक हुए प्रश्न पत्र संबंधी ख़बर लिखी थी.
देश के 28 वरिष्ठ पत्रकारों और मीडियाकर्मियों ने राष्ट्रपति, सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों और विभिन्न उच्च न्यायालयों, भारत के निर्वाचन आयोग और अन्य वैधानिक निकायों से देश के धार्मिक अल्पसंख्यकों, विशेषकर मुसलमानों पर हो रहे हमलों को रोकने का आह्वान किया है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को सौंपे गए एक संयुक्त पत्र में पत्रकार संगठनों ने मंत्री अनुराग ठाकुर से नए मान्यता दिशानिर्देश रद्द करने की मांग की है. उन्होंने यह भी कहा कि नए दिशानिर्देशों पर सभी हितधारकों के साथ चर्चा होने के बाद ही आवश्यक निर्देश जारी किए जाएं.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने पत्र सूचना ब्यूरो की ओर से पत्रकारों की मान्यता के लिए जारी नए दिशानिर्देशों पर अपनी आपत्तियां दर्ज कराते हुए कहा कि ये अस्पष्ट, मनमाने और कठोर निर्देश सरकारी मामलों की आलोचनात्मक और खोजी रिपोर्टिंग को प्रतिबंधित करने के उद्देश्य से जारी किए गए हैं.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया, भारतीय महिला प्रेस कोर समेत कई पत्रकार संगठनों ने सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखकर कहा है कि उनके मंत्रालय ने भारतीय प्रेस परिषद के मौजूदा दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए पत्रकारों को मान्यता देने के दिशानिर्देशों में बदलाव के लिए एकतरफा और अनुचित निर्णय लिया है.
मुंबई की विशेष एनआईए अदालत ने पेगासस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति को एल्गार परिषद मामले के सात आरोपियों- रोना विल्सन, आनंद तेलतुंबडे, वर्नोन गॉन्जाल्विस, वरवरा राव, सुधा भारद्वाज, हेनी बाबू और शोमा सेन के मोबाइल फोन सौंपने की एनआईए की अर्ज़ी को मंज़ूरी दी है. इन सभी का आरोप है कि पेगासस के ज़रिये उनके फोन में सेंधमारी की गई थी.
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी केंद्रीय मीडिया मान्यता संबंधी कुछ दिशानिर्देश चिंता बढ़ाने वाले हैं. नए नियम कहते हैं कि किसी पत्रकार की मान्यता निलंबित या रद्द करने संबंधी निर्णय सरकार द्वारा नामित अधिकारी के विवेक पर निर्भर होगा.
इज़रायली स्पायवेयर पेगासस जासूसी मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित तकनीकी समिति ने पिछले महीने लोगों अपील की थी कि जिनके पास यह मानने का पर्याप्त कारण मौजूद है कि उनके मोबाइल फोन स्पायवेयर से प्रभावित हैं, तो अपने फोन जांच के लिए जमा करा दें. हालांकि तय समयसीमा तक पर्याप्त संख्या में फोन नहीं जमा होने पर अदालत ने इसकी समयसीमा बढ़ा दी है.