सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने एक समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की स्वतंत्रता तब तक सुरक्षित रहेगी, जब तक पत्रकार प्रतिशोधात्मक कार्रवाई से डरे बिना सत्ता से सच कह सकते हैं.
ट्विटर की ट्रांसपेरेंसी रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई से दिसंबर 2021 के बीच वैश्विक स्तर पर भारत ने ट्विटर पर सत्यापित पत्रकारों और मीडिया संस्थानों द्वारा पोस्ट सामग्री हटाने की सर्वाधिक क़ानूनी मांग की. इसी अवधि में भारत सभी यूज़र्स के मामले में कंटेंट प्रतिबंधित करने का आदेश देने वाले शीर्ष पांच देशों में शामिल था.
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जब किसी मीडिया संस्थान के अन्य व्यावसायिक हित होते हैं तो वह बाहरी दबावों के प्रति संवेदनशील हो जाता है. अक्सर व्यावसायिक हित स्वतंत्र पत्रकारिता की भावना पर हावी हो जाते हैं. नतीजतन, लोकतंत्र से समझौता होता है.
वीडियो: पिछले कुछ दिनों से देश में हो रही पत्रकारों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ़्तारियां और इन मामलों पर अदालतों के रवैये पर सुप्रीम कोर्ट के वकील और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
किसी भी बात पर जेल भेज दिए जाने की आशंका में जीना एक तरह से जेल में जीना ही है. ऐसे हालात में कोर्ट या सरकार जेल डेबिट कार्ड की व्यवस्था लागू कर दें, ताकि ट्विटर पर जब भी अभियान चले कि फलां को गिरफ़्तार करो, जेल भेजो तब उस व्यक्ति के जेल डेबिट कार्ड से पुलिस उतनी सज़ा की अवधि डेबिट कर ले.
राज्य के ढेंकनाल और केंद्रपाड़ा ज़िले के शिक्षा अधिकारियों ने निर्देश दिया था कि वे स्कूल और कक्षाओं में पत्रकारों को अनधिकृत प्रवेश की अनुमति न दें व ऐसे मामलों की शिकायत पुलिस से करें. बताया गया है कि यह क़दम कुछ समाचार चैनलों द्वारा इन ज़िलों के स्कूलों के छात्रों के गणित में कमज़ोर होने संबंधी ख़बरें प्रसारित किए जाने के बाद उठाया गया है.
ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर की गिरफ़्तारी का उल्लेख करते हुए दिल्ली के सात मीडिया संगठनों ने कहा कि सरकार का पत्रकारों को निशाना बनाना पूरे पेशे के भविष्य के लिए ख़तरनाक है.
संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने उदयपुर में एक शख़्स की नृशंस हत्या के बाद राजस्थान में उपजे सांप्रदायिक तनाव के बीच यह टिप्पणी की. वहीं, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने घटना की निंदा करते हुए कहा कि भारत को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि घृणा संबंधी अपराधों के लिए ज़िम्मेदार लोगों को कोई छूट नहीं मिले.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक ने कहा कि दुनिया में कहीं पर भी यह बेहद ज़रूरी है कि लोगों को खुलकर अपनी बात कहने की अनुमति दी जाए. पत्रकारों को मुक्त होकर और किसी भय के बिना अपनी बात कहने की छूट होनी चाहिए.
ह्यूमन राइट्स एंड रिलिजियस फ्रीडम ने जर्नलिज़्म अवार्ड्स-2022 के लिए सांप्रदायिकता और देश में बढ़ रही नफ़रत को द वायर पर अपनी रिपोर्ट्स में दर्ज करने के लिए पत्रकारों- अलीशान जाफरी, इस्मत आरा, नाओमी बार्टन, कौशिक राज और शेहलात मकनून वानी को विभिन्न श्रेणियों में शॉर्टलिस्ट किया है.
'एक भारत-श्रेष्ठ भारत' और 'सबका साथ-सबका विकास' सरीखे नारे देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने शासन में इस पर अमल करते नज़र नहीं आते हैं.
भारत का लोकतंत्र दिनदहाड़े दम तोड़ रहा है. प्रेस को घेरा जा रहा है, लेकिन उसे अडिग होकर खड़े होने के तरीके तलाशने होंगे.
हरिद्वार धर्म संसद में मुस्लिमों के ख़िलाफ़ हिंसा का आह्वान करने के मामले में ज़मानत पर रिहा हुए कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद ने कहा कि गणितीय गणना कहती है कि 2029 तक एक ग़ैर-हिंदू प्रधानमंत्री बन जाएगा. बीते दिनों बुराड़ी हिंदू महापंचायत कार्यक्रम के दौरान मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रती भाषण देने के आरोप में उन पर केस दर्ज किया गया है.
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने दिल्ली के बुराड़ी में हुए ‘हिंदू महापंचायत’ कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों पर हुए कथित हमले और उत्तर प्रदेश के बलिया ज़िले में 12वीं कक्षा की परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक मामले में तीन पत्रकारों की गिरफ़्तारी की निंदा करते हुए कहा कि हाल के दिनों में मीडियाकर्मियों पर सिलसिलेवार हमलों के मद्देनज़र यह कहा जा सकता है कि ये लोग प्रेस को पूरी तरह से बंद करने पर तुले हुए हैं.
वीडियो: राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बीते तीन अप्रैल को आयोजित हिंदू महापंचायत के दौरान दक्षिणपंथी भीड़ ने चार मुस्लिम पत्रकारों समेत पांच पत्रकारों पर कथित रूप से हमला कर दिया था. इन पत्रकारों में शामिल अरबाब अली से द वायर की सुमेधा पाल ने बातचीत की.