8 नवंबर को ऑस्ट्रेलिया टुडे ने उसके ब्लॉक किए गए फेसबुक पेज पर कथित प्रतिबंध के पीछे कनाडा सरकार का हाथ होने का आरोप लगाया था. अब कनाडा ने स्पष्ट किया है कि प्रतिबंध उसकी ओर से नहीं है, बल्कि मेटा द्वारा लगाया गया है.
कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके देश में खालिस्तान के कई समर्थक हैं, लेकिन वे पूरे सिख समुदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. कनाडा में प्रधानमंत्री मोदी की सरकार के भी समर्थक हैं, लेकिन वे भी सभी हिंदू कनाडाई नागरिकों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय और ऑस्ट्रेलिया के मीडिया संस्थान 'ऑस्ट्रेलिया टुडे' का दावा है कि भारतीय विदेश मंत्री के इंटरव्यू के बाद कनाडा में सरकार के आदेश पर उसका पेज ब्लॉक किया गया. हालांकि, मेटा ने अगस्त 2023 से ही कनाडाई यूज़र्स के न्यूज़ कंटेंट शेयर करने पर रोक लगाई हुई है.
वीडियो: सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या और भारत पर कनाडा में हिंसा करवाने के कनाडा के आरोपों को लेकर द कारवां के एग्जीक्यूटिव एडिटर हरतोष सिंह बल और द वायर हिंदी के संपादक आशुतोष भारद्वाज से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.
भारत में कनाडा के उच्चायोग ने कहा कि देश में सुचारु संचालन के लिए उपलब्ध कनाडाई कर्मचारियों की कमी को देखते हुए यह कठिन लेकिन ज़रूरी निर्णय था. बयान के मुताबिक, स्थानीय कर्मचारियों की संख्या भारत में बचे लगभग 20 राजनयिकों से अधिक है.
कनाडाई खुफिया एजेंसी सीएसआईएस ने विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे एक संघीय आयोग को सौंपे दस्तावेज में कहा है कि कनाडा में 2019 और 2021 के संघीय चुनावों में भारत सरकार का हस्तक्षेप करने का इरादा था और संभवतः इस उद्देश्य से गुप्त गतिविधियां संचालित की गईं.
आईटी मंत्रालय के आदेश पर यूट्यूब और एक्स ने कनाडाई ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (सीबीसी) की कनाडा में रहने वाले सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की कथित कॉन्ट्रैक्ट हत्या पर आधारित डॉक्यूमेंट्री 'कॉन्ट्रैक्ट टू किल' को भारत में ब्लॉक कर दिया है. इसमें कथित तौर पर 18 जून, 2023 को निज्जर की हत्या का विशेष सुरक्षा वीडियो दिखाया गया है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 2023 की चौथी तिमाही में भारतीयों को जारी किए गए स्टडी परमिट में पिछली तिमाही की तुलना में 86% की गिरावट आई थी. कनाडा के इमिग्रेशन मंत्री के मार्क मिलर ने कहा कि भारत के कनाडाई राजनयिकों को बाहर करने के चलते परमिट प्रक्रिया ख़ासी प्रभावित हुई है.
ब्रिटेन के फाइनेंशियल टाइम्स अख़बार द्वारा सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साज़िश में भारतीय नागरिकों के शामिल होने के बारे में पूछे जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह टिप्पणी की. उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना का भारत-अमेरिका संबंधों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते सितंबर माह में भारत सरकार पर अपने एक नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल होने के आरोप लगाए थे. बीते नवंबर महीने में अमेरिका ने भी एक भारतीय अधिकारी पर अपने एक नागरिक की हत्या की साजिश रचने को लेकर सबूत जारी किए थे.
अमेरिकी अभियोजकों द्वारा एक ‘भारतीय सरकारी कर्मचारी’ पर एक अमेरिकी नागरिक (गुरपतवंत सिंह पन्नू) की हत्या की साज़िश रचने का आरोप लगाने के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री ने यह बयान दिया है. वहीं कनाडा की विदेश मंत्री ने कहा कि हम अपने आरोपों पर क़ायम हैं कि एक कनाडाई नागरिक (हरदीप सिंह निज्जर) की हत्या का संबंध भारतीय एजेंटों से था.
वीडियो: अमेरिकी फ़ेडरल अभियोजकों द्वारा न्यूयॉर्क की एक अदालत में ‘भारत के सरकारी कर्मचारी के तौर पर पहुंचे व्यक्ति द्वारा एक अमेरिकी नागरिक की हत्या’ के निर्देश देने के आरोपों के बारे में चर्चा कर रही हैं द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी.
इस घटनाक्रम से से अमेरिका और कनाडा दोनों के साथ भारत के संबंधों पर असर पड़ने की संभावना है. कनाडा के बाद अमेरिका दूसरा देश बन गया, जिसने खालिस्तानी अलगाववादी (गुरपतवंत सिंह पन्नू) को मारने की साज़िश में भारतीय एजेंटों के शामिल होने की संभावना के बारे में ‘वरिष्ठतम स्तर’ पर भारत सरकार के साथ चिंता जताई है.
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एक मीडिया रिपोर्ट में पता चला है कि दिल्ली के बाहर भारत में काम करने वाले अधिकांश कनाडाई राजनयिकों को कुआलालंपुर या सिंगापुर ले जाया गया है. यह घटनाक्रम प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा कनाडा की धरती पर उनके एक नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार के शामिल होने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद सामने आया है.