इस विधानसभा चुनाव में जितनी अधिक सीटें कांग्रेस ने पाई हैं, उतनी ही संख्या में भाजपा ने सीटें गंवाई हैं. पिछले चुनावों में कांग्रेस को 58 और भाजपा को 165 सीटें मिली थीं. इस बार कांग्रेस की सीटों में 56 की बढ़ोतरी हुई है. उसकी सीटें 114 हो गई हैं. वहीं, भाजपा की सीटें 56 कम होकर 109 रह गई हैं.
इन 10 सीटों में से 7 कांग्रेस ने जीतीं और 3 भाजपा ने. बहुमत से 7 सीट दूर रही भाजपा अगर इन पर जीत दर्ज कर लेती तो तस्वीर कुछ और होती.
230 सीटों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में 114 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी कांग्रेस के कई दिग्गजों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.
मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के मंत्रिमंडल में उन्हें मिलाकर कुल 32 मंत्री थे, जिनमें से 27 ने चुनाव लड़ा था. 14 मंत्री अपनी सीट बचाने में सफल रहे. इनमें से कई काफी जद्दोजहद के बाद जीत दर्ज कर सके.
नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस द्वारा जारी घोषणा पत्रों का विश्लेषण कर रही हैं.
साक्षात्कार: मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव को कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के ख़िलाफ़ बुदनी सीट से चुनाव मैदान में उतारा है. मुख्यमंत्री से उनकी चुनावी भिड़ंत और प्रदेश में कांग्रेस की स्थिति पर दीपक गोस्वामी की उनसे बातचीत.
विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए जहां भाजपा ने क़रीब 20 प्रतिशत टिकट स्थापित नेताओं के परिजनों को बांटे हैं, वहीं कांग्रेस ने ऐसे 10 प्रतिशत उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारे हैं.
विशेष रिपोर्ट: आंकड़े बताते हैं कि अगर बसपा के साथ गठबंधन हो भी जाता तो भी कांग्रेस को कोई ख़ास फायदा नहीं मिलता.
विशेष रिपोर्ट: मध्य प्रदेश में पिछले तीन विधानसभा चुनाव हारकर 15 सालों से वनवास भोग रही कांग्रेस इस बार सत्ता में वापसी करने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है. लेकिन, सुर्ख़ियों में पार्टी की अंदरूनी उठापटक ही हावी है.
मध्य प्रदेश में सरकार बनने पर कांग्रेस ने 23 हज़ार पंचायतों में गोशाला निर्माण की घोषणा की है. साथ ही नर्मदा परिक्रमा पथ निर्माण, राम गमन पथ निर्माण करने जैसी घोषणाएं इशारा करती हैं कि कांग्रेस मध्य प्रदेश में भी गुजरात चुनाव की तरह सॉफ्ट हिंदुत्व की राह पर है.
साक्षात्कार: 'द वायर' से विशेष बातचीत में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस समन्वय समिति के अध्यक्ष दिग्विजय सिंह कहते हैं कि विपक्ष की भूमिका में भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस से बेहतर काम करती है.
दोनों दलों के बीच राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में भी ऐसे ही गठबंधन की योजना बन रही है.