आधिकारिक तौर पर इस पुलिस मुठभेड़ का अभी तक कोई नाम नहीं है, लेकिन राज्य के कुछ वरिष्ठ पुलिसकर्मी इसे ‘ऑपरेशन लंगड़ा’ कहते हैं. मार्च 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद यूपी पुलिस ने 8,472 मुठभेड़ों में 3,302 कथित अपराधियों को गोली मारकर घायल किया. इस दौरान कई कथित अपराधी पैर में गोली लगने से घायल हुए.
उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के बर्रा इलाके का मामला. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में कुछ लोग एक मुस्लिम रिक्शा चालक की पिटाई करते हुए नज़र आ रहे हैं और उससे कथित रूप से ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने को कह रहे हैं. पुलिस सूत्रों ने बताया कि पीड़ित रिक्शा चालक के एक रिश्तेदार का उसके पड़ोसियों के ख़िलाफ़ ज़मीन को लेकर मुक़दमा चल रहा है और जुलाई में इस मामले में दोनों पक्षों ने एक दूसरे के
यूपी पुलिस ने बताया है कि भाजयुमो की उत्तर प्रदेश इकाई के नवनियुक्त सचिव अरविंद राज त्रिपाठी के ख़िलाफ़ कुछ मामलों में यूपी गुंडा एक्ट और गैंगस्टर्स एक्ट के तहत भी आरोप हैं. वहीं पार्टी का कहना है कि त्रिपाठी के ख़िलाफ़ सिर्फ एक ही मामला लंबित है.
उत्तर प्रदेश की तीन दिन की यात्रा के दौरान बीते 25 जून को कानपुर में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की विशेष ट्रेन के गुज़रने के दौरान रोके गए ट्रैफिक से लगे जाम में फंसकर इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के कानपुर चैप्टर की अध्यक्ष वंदना मिश्रा की जान चली गई थी. इसी दिन राष्ट्रपति की सुरक्षा व्यवस्था के लिए जा रहे सीआरपीएफ के तेज़ रफ़्तार वाहन ने एक बाइक को टक्कर मार दी थी, जिससे एक तीन साल की मासूम की मौत हो
उत्तर प्रदेश के कानपुर में बीते 25 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का काफ़िला के गुज़रने के दौरान ट्रैफिक में फंसी एक महिला की अस्पताल ले जाते समय मौत हो गई थी. मृतक की पहचान इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की कानपुर इकाई की महिला विंग की प्रमुख वंदना मिश्रा के रूप में हुई थी. वह कोविड-19 जटिलताओं से जूझ रही थीं. पुलिस के अनुसार, घटना को लेकर राष्ट्रपति ने भी खेद प्रकट किया है. चार पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के उन्नाव में 900 से अधिक शवों को नदी के किनारे दफनाया गया था. इसी तरह कन्नौज में यह संख्या 350, कानपुर में 400 और गाजीपुर में 280 है.
देशभर में कोविड संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मरीज़ों को समय पर वेंटिलेटर न मिलने की बात सामने आ रही है, वहीं उत्तर प्रदेश के दर्जन भर से अधिक ज़िलों के अस्पतालों में प्रशिक्षित स्टाफ की कमी या ऑक्सीजन का उचित दबाव न होने जैसी कई वजहों के चलते उपलब्ध वेंटिलेटर्स ही काम में नहीं आ रहे हैं.
कानपुर के गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों की कथित मुठभेड़ की जांच कर रहे पूर्व जज बीएस चौहान की अगुवाई वाले आयोग ने राज्य सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है. बताया गया है कि आयोग को यूपी पुलिस के ख़िलाफ़ कोई सबूत नहीं मिला और पुलिस के दावों को चुनौती देने के लिए कोई भी गवाह सामने नहीं आया
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनज़र इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पांच बड़े शहरों इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में 26 अप्रैल तक एक हफ़्ते के लिए लॉकडाउन लागू करने का निर्देश दिया था.
इलाहबाद हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सरकार को प्रदेश के सर्वाधिक प्रभावित पांच शहरों- इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में 26 अप्रैल, 2021 तक के लिए लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया था. सरकार ने ऐसा करने से इनकार करते हुए कहा है कि इस बारे में सख़्त कदम उठाए जा रहे हैं.
कानपुर जैसे शहर में एक युवा कम्युनिस्ट और ट्रेड यूनियन के सदस्य के बतौर काम करने के दौरान देखे गए पुलिस और प्रशासन के पक्षपातपूर्ण रवैये ने मेरे लिए वर्गीय दृष्टिकोण और वर्गीय सत्ता की सच्चाई को और प्रमाणित कर दिया.
उत्तर प्रदेश में कानपुर ज़िले के सजेती इलाके में बीते आठ मार्च को एक पुलिसकर्मी के दो बेटों समेत तीन लोगों पर 13 वर्षीय लड़की को अगवा कर सामूहिक बलात्कार करने का आरोप है. 10 मार्च को पीड़िता के मेडिकल परीक्षण के दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में ट्रक की चपेट में आकर पिता की मौत हो गई थी. मामले में तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.
कानपुर के सजेती इलाके में एक पुलिसकर्मी के दो बेटों समेत तीन लोगों पर 13 वर्षीय लड़की को अगवा कर सामूहिक बलात्कार करने का आरोप है. इसके बाद दस मार्च को पीड़िता के पिता की कथित ट्रक दुर्घटना में मौत हो गई. परिजनों ने इसे सुनियोजित हत्या बताते हुए पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार की बात कही है.
मामला कानपुर के सजेती का है, जहां एक पुलिसकर्मी के दो बेटों समेत तीन लोगों पर 13 साल की छात्रा के सामूहिक बलात्कार का आरोप है. मंगलवार देर रात एक अस्पताल के बाहर छात्रा के पिता को एक ट्रक दुर्घटना में मौत के बाद परिवार ने हत्या की बात कहते हुए आरोपियों के परिवार पर धमकाने के आरोप लगाए हैं.
उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ज़िले के सरकारी स्कूल का मामला. भ्रामक ख़बर चलाने के आरोप में पत्रकारों पर केस दर्ज किया गया है. कानपुर देहात के डीएम दिनेश चंद्र ने कहा, ‘यह बहुत तकलीफ़देह है कि कुछ पत्रकार जो उस कार्यक्रम में मौजूद भी नहीं थे, उन्होंने ऐसी ग़लत ख़बर फैलाई. आप सभी जानते हैं कि स्वेटर और कोट पहनकर योग नहीं किया जा सकता.’