बेंगलुरू में लोगों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मुख्यमंत्री को भी ईमेल के ज़रिये शिकायतें भेजी थीं, जिसके बाद कर्नाटक परिवहन विभाग ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में यात्रियों से अतिरिक्त किराया वसूलने वाली कंपनियों और ड्राइवरों की पहचान के लिए अभियान चलाया.
विधानसभा ने पिछले वर्ष दिसंबर में ‘कर्नाटक प्रोटेक्शन ऑफ राइट टू फ्रीडम ऑफ रिलीजन बिल’ पारित किया था लेकिन विधान परिषद में भाजपा को बहुमत न होने की वजह से यह लंबित था. सरकार इस विधेयक को प्रभाव में लाने के लिए इस वर्ष मई में अध्यादेश लाई थी.
पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ ने कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब प्रतिबंध के निर्णय के प्रभावों पर अध्ययन किया है, जिसमें कई छात्राओं ने बताया है कि उन्हें कॉलेज बदलकर मुस्लिम संस्थानों में दाखिला लेना पड़ा, अन्य समुदाय के छात्रों के साथ बातचीत सीमित हो गई और उन्होंने अलगाव व अवसाद महसूस किया.
पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) ने आरोप लगाया है कि भाजपा अपने युवा मोर्चा के नेता प्रवीण नेत्तारू की हत्या के मामले में एनआईए का दुरुपयोग कर रही है, ताकि पीएफआई के नेताओं और सदस्यों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के बहाने मुसलमानों को निशाना बनाया जा सके. नेत्तारू की 26 जुलाई को हत्या कर दी गई थी.
मामले की सुनवाई कर रही सुप्रीम कोर्ट की पीठ में शामिल जस्टिस हेमंत गुप्ता के इस सवाल पर कर्नाटक के स्कूलों और कॉलेजों में हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाली मुस्लिम छात्राओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने कहा कि कोई भी स्कूल में कपड़े नहीं उतार रहा है.
कर्नाटक में 543 पुलिस उप निरीक्षकों की भर्ती में हुए घोटाले के संबंध में सामने आई एक ऑडियो क्लिप में कनकगिरी से भाजपा विधायक बसवराज दुरुगप्पा ददेसुगुर कथित तौर पर नौकरी दिलाने में मदद करने के लिए 15 लाख रुपये लेने की बात स्वीकारते हैं. इस घोटाले की जांच सीआईडी द्वारा की जा रही है.
सुप्रीम कोर्ट कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से मना करने के हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुन रहा है. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि हर किसी को धर्म के पालन का अधिकार है, पर सवाल ये है कि क्या यह अधिकार निर्धारित यूनिफॉर्म वाले स्कूल में भी लागू हो सकता है.
कर्नाटक के चित्रदुर्ग स्थित मुरुग मठ द्वारा संचालित स्कूल के छात्रावास में रहने वाली दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन शोषण मामले में महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू को बीते एक सितंबर को गिरफ़्तार किया गया था. शरणारू राज्य में लिंगायत समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित एवं प्रभावशाली मठों में से एक के महंत हैं.
आरोप है कि कर्नाटक से भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री अरविंद लिम्बावली कथित तौर पर एक ज़मीन पर अतिक्रमण को लेकर सवाल पूछने और अर्ज़ी देने की कोशिश कर रही एक महिला को धमकाया था. एक रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में सवाल पूछने पर विधायक कथित तौर पर एक संवाददाता से कहते हैं, ‘मुझसे सवाल क्यों कर रहे हो, क्या मैंने उसका रेप किया है?’
कर्नाटक के चित्रदुर्ग ज़िले में स्थित मुरुग मठ द्वारा संचालित स्कूल के छात्रावास में रहने वाली दो नाबालिग छात्राओं के कथित यौन शोषण के मामले में मुख्य पुजारी महंत शिवमूर्ति मुरुग शरणारू को गिरफ़्तार किया गया है. यह मठ लिंगायत समुदाय के सबसे प्रतिष्ठित एवं प्रभावशाली मठों में से एक हैं.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2021 में कुल 6,533 लोगों की तस्करी होने की जानकारी मिली है, जिनमें से 2,877 बच्चे और 3,656 वयस्क हैं. इसके अलावा तस्करी के 2,189 मामले दर्ज किए गए, जिनमें केवल 16 फीसदी मामलों में दोषसिद्धि साबित हुई.
जगह-जगह क़ब्रिस्तान, ईदगाह की ज़मीन पर कभी पीपल लगा कर, कभी कोई मूर्ति रखकर भजन आरती शुरू करके क़ब्ज़ा करने की तरकीबें जमाने से इस्तेमाल की जाती रही हैं. अब सरकारें भी इसमें जुट गई हैं. मज़ा यह है कि अगर मुसलमान इसका विरोध करें तो उन्हें असहिष्णु कहा जाता है.
कर्नाटक में कक्षा 8वीं की कन्नड़ पाठ्य-पुस्तक के एक खंड में वीडी सावरकर का महिमामंडन करते हुए लिखा गया है कि वे जेल के जिस कमरे में बंद थे, वहां एक छोटा सा भी छेद नहीं था, लेकिन कहीं से एक बुलबुल आ जाती थी, जिसके पंखों पर सवार होकर सावरकर हर दिन अपनी मातृभूमि का दौरा करने जाते थे.
कर्नाटक के चित्रदुर्ग ज़िले स्थित मुरुग मठ के मुख्य पुजारी शिवमूर्ति मुरुग शरनारू पर दो नाबालिग छात्राओं ने साढ़े तीन वर्षों तक उनका यौन शोषण करने का आरोप लगाया है. छात्राओं ने अपनी आपबीती एक गैर-सरकारी संगठन को सुनाई थी, जिसकी मदद से पुलिस में मामला दर्ज कराया गया.
कर्नाटक के 13,000 स्कूलों का प्रतिनिधित्व करने वाले दो स्कूल प्रबंधन संघों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि राज्य शिक्षा विभाग से जुड़ीं विभिन्न प्रक्रियाओं के लिए रिश्वत मांगी जा रही है. हर साल स्कूलों की मान्यता को नवीनीकृत करने वाली कोई भी फाइल बिना कमीशन या रिश्वत के आगे नहीं बढ़ती.