जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासीन मलिक का कहना है कि वर्तमान सरकार कश्मीरियों की एक पूरी पीढ़ी को सशस्त्र संघर्ष के लिए मजबूर कर रही है.
कश्मीर के डिविजनल कमिश्नर बसीर अहमद खान ने राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को संवेदनशीलता के पैमाने पर वर्गीकृत करने का निर्देश दिया.
पूरे कश्मीर में तनाव को देखते हुए स्कूल, कॉलेज बंद कर दिए गए हैं. इंटरनेट सेवाएं भी रोक दी गई हैं. सीएम महबूबा मुफ़्ती ने कैबिनेट की आपात बैठक बुलाई है.
श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में मात्र 6.5 फ़ीसदी वोट पड़े. तीन साल पहले तक चुनावों में हुर्रियत के बहिष्कार की अपील को ठुकरा कर बड़ी संख्या में मतदान करने वाले लोग आज जनाज़ों के पीछे भारत-विरोधी नारों के साथ क्यों हैं?
फ़ारूक़ ने कहा, घाटी के खराब हालातों के बावजूद लोग बाहर आए और वोट किया जो ये साबित करता है कि उनका नेशनल कांफ्रेस पर भरोसा है.
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि अगर भारत-पाकिस्तान मिलकर कश्मीर समस्या का हल नहीं निकाल सकते तो अमेरिका को इसमें दखल देना चाहिए.
इस वक़्त बड़ी चुनौती आतंकियों पर दबाव बनाने की है. इसके लिए समझदारी की ज़रूरत है लेकिन यह सेना प्रमुख के बयान और मोदी सरकार के इससे निपटने के तरीके में कम ही दिखता है.