मणिपुर: ‘गोबर से कोविड का इलाज न होने’ की बात कहने के चलते जेल में डाले गए पत्रकार रिहा

मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम ने भाजपा अध्यक्ष एस. टिकेंद्र सिंह की कोविड-19 महामारी से निधन के बाद फेसबुक पर एक व्यंगात्मक पोस्ट करते हुए लिखा था कि गोमूत्र और गोबर काम नहीं आया. बीते मई महीने में गिरफ़्तारी के तुरंत बाद उन्हें ज़मानत मिल गई थी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें जेल में डालकर एनएसए लगा दिया था.

मणिपुर: कंटेंट की निगरानी के लिए सभी ज़िलों को सोशल मीडिया सेल स्थापित करने का निर्देश

मणिपुर के सभी ज़िला पुलिस अधीक्षकों को 15 जुलाई को जारी विभागीय संदेश में मणिपुर के अतिरिक्त डीजीपी (खुफिया) ने राज्य की सभी बोलियों में लिखे गए सभी पोस्ट्स/अपलोड्स/टिप्पणियों की लगातार निगरानी करने और निष्कर्षों पर 15 दिन में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है.

मणिपुर: ‘गोबर से कोविड का इलाज न होने’ की बात कहने वाले कार्यकर्ता और पत्रकार दो महीने से जेल में

मणिपुर भाजपा अध्यक्ष सैखोम टिकेंद्र सिंह की कोरोना संक्रमण से मौत के बाद पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम ने अपने फेसबुक पोस्ट के ज़रिये सरकार को निशाना साधते हुए लिखा था कि कोरोना का इलाज गोमूत्र या गोबर नहीं, बल्कि विज्ञान है.

मणिपुर: भाजपा नेता की मौत पर पोस्ट लिखने वाले पत्रकार-कार्यकर्ता रासुका के तहत फ़िर गिरफ़्तार

मणिपुर राज्य के भाजपा प्रमुख एस. टिकेंद्र सिंह का बीते 12 मई को कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से निधन हो गया था. पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम ने अपने फेसबुक एकाउंट के ज़रिये अलग-अलग पोस्ट में श्रद्धांजलि देते हुए लिखा था कि गाय का गोबर या गोमूत्र कोविड-19 से बचाव नहीं करते हैं. उन्होंने कहा था कि इसका इलाज विज्ञान और कॉमन सेंस है.

मणिपुर: भाजपा नेता की मौत पर फेसबुक पोस्ट के चलते पत्रकार और कार्यकर्ता गिरफ़्तार

राज्य भाजपा अध्यक्ष सैखोम टिकेंद्र सिंह की कोरोना संक्रमण से मौत के बाद पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और कार्यकर्ता एरेन्द्रो लीचोम्बाम ने अपने फेसबुक पोस्ट के ज़रिये सरकार को निशाना साधते हुए लिखा था कि कोरोना का इलाज गोमूत्र या गोबर नहीं, बल्कि विज्ञान है.

राजद्रोह क़ानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा

दो पत्रकारों की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से धारा 124-ए को असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया. याचिका में दावा किया गया कि धारा 124-ए बोलने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन है.

मणिपुर: राजद्रोह और यूएपीए के तहत गिरफ़्तार पत्रकार रिहा, पुलिस ने कहा- केस बंद नहीं

पुलिस ने 17 जनवरी को राज्य के दो वरिष्ठ पत्रकारों- फ्रंटियर मणिपुर न्यूज़ पोर्टल के कार्यकारी संपादक पाओजेल चाओबा और प्रधान संपादक धीरेन साडोकपाम को पोर्टल पर छपे एक लेख पर एफआईआर दर्ज करते हुए हिरासत में लिया था. उन पर यूएपीए और राजद्रोह की धाराएं लगाई गई हैं.

मणिपुर: कोविड-19 संकट के बीच सरकार की आलोचना पर लगातार हो रही हैं गिरफ़्तारियां

बीते दो सप्ताह में मणिपुर में कम से कम पांच ऐसे लोगों को हिरासत में लिया गया, जिन्होंने कोरोना संकट से निपटने को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली एन. बीरेन सिंह सरकार पर सवाल उठाए थे. सरकार की आलोचना पर खामियाज़ा भुगतने वालों में उपमुख्यमंत्री से लेकर सरकारी कर्मचारी और एक शोधार्थी भी शामिल हैं.

द वायर बुलेटिन: चार राज्यों के करीब 85 फीसदी उज्ज्वला लाभार्थी मिट्टी के चूल्हे पर भोजन पकाने को मजबूर

रासुका के तहत गिरफ़्तार पत्रकार को रिहा करने के मणिपुर हाईकोर्ट के आदेश समेत आज की बड़ी ख़बरें. दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट.

मणिपुर हाईकोर्ट ने रासुका के तहत गिरफ़्तार पत्रकार को रिहा करने का आदेश दिया

मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को सोशल मीडिया पर वायरल एक यूट्यूब वीडियो में प्रधानमंत्री मोदी, राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और आरएसएस की आलोचना करने के लिए नवंबर 2018 में रासुका के तहत गिरफ़्तार किया गया था.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: मणिपुर सरकार की आलोचना के चलते गिरफ़्तार पत्रकार गंभीर रूप से बीमार

पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह की आलोचना के आरोप में रासुका के तहत एक साल की क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. वे दिसंबर 2018 से जेल में हैं.

ख़ुद को भारतीय नागरिक साबित करने की लड़ाई लड़ रहा सियाचिन में तैनात रहा सैनिक

असम के बारपेटा ज़िले के रहने वाले और वर्तमान में कोलकाता में तैनात भारतीय सेना के एक सूबेदार को असम में नागरिकता की लड़ाई लड़ना पड़ रहा है.

दिल्ली में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध की अगुवाई करने वाला मणिपुरी छात्र गिरफ़्तार

मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम की रासुका के तहत गिरफ़्तारी के विरोध में भी छात्र ने प्रदर्शनों का आयोजन किया था. परिवारवालों ने कहा कि पुलिस ने गिरफ़्तारी का कारण नहीं बताया है.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: ‘पत्रकारों पर रासुका लगाने के पीछे सरकार का उद्देश्य बाकी पत्रकारों को डराना है’

बीते नवंबर में मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार कर एक साल के लिए जेल में डाल दिया गया. उन पर सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की आलोचना करने का आरोप है. किशोरचंद्र की पत्नी रंजीता एलांगबम और उनके वकील श्रीजी भावसार से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

मणिपुर: रासुका के तहत जेल भेजे गए पत्रकार को राहुल गांधी ने लिखा पत्र, जताया समर्थन

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुरी पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम के क़ैद की निंदा करते हुए लिखा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि बुरी ताकतें हिंसा फैला रही हैं, जबकि राज्य से जवाबदेही लेने वालों को जेल की सज़ा हो रही है.'