गुजरात: आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के मामले में भाजपा के पूर्व सांसद बरी, कोर्ट ने जांच पर सवाल उठाए

आरटीआई आवेदनों के माध्यम से गिर वन क्षेत्र में अवैध खनन गतिविधियों को उजागर करने की कोशिश करने वाले आरटीआई कार्यकर्ता अमित जेठवा की 2010 में अहमदाबाद में गुजरात हाईकोर्ट के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके लिए 2019 में एक सीबीआई अदालत ने भाजपा के पूर्व सांसद दीनू सोलंकी समेत छह लोगों को दोषी ठहराते हुए उम्रक़ैद की सज़ा सुनाई थी.

उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक़ अहमद और दो अन्य को उम्रक़ैद की सज़ा

इस साल फरवरी में इलाहाबाद में उमेश पाल की गोली मारकर हत्या कर दी गई है. इस संबंध में अतीक़ अहमद और उसके परिवार के कुछ सदस्यों के ख़िलाफ़ हत्या का मामला दर्ज किया गया है. उमेश बसपा विधायक रहे राजू पाल की 2005 में की गई हत्या मामले में गवाह थे. राजू पाल हत्या में भी अतीक़ नामज़द है.

गुजरात: हाईकोर्ट ने आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या के दोषी की उम्रक़ैद की सज़ा रद्द कर ज़मानत दी

आरटीआई के ज़रिये पूर्व भाजपा सांसद दीनू सोलंकी से जुड़ी अवैध खनन गतिविधियों को सामने लाने की कोशिश कर रहे कार्यकर्ता अमित जेठवा को जुलाई 2010 में गुजरात हाईकोर्ट के बाहर गोली मारी गई थी. सीबीआई अदालत ने सात आरोपियों, जिनमें दीनू और उनके भतीजे शिव भी शामिल थे, को दोषी ठहराया था.

उम्रक़ैद की सज़ा में से दस वर्ष पूरा कर चुके क़ैदियों को ज़मानत पर रिहा किया जाना चाहिए: कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जेलों में भीड़भाड़ कम करने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए उन दोषियों के संदर्भ में ऐसा किए जाने की ज़रूरत है, जिनकी दोषसिद्धि के ख़िलाफ़ अपील वर्षों से लंबित है और उच्च न्यायालयों द्वारा निकट भविष्य में इसकी सुनवाई की कोई संभावना नहीं है.

गंभीर अपराधों में ज़मानत देने से पहले पीड़ित और परिवार के अधिकारों पर विचार हो: हाईकोर्ट

जघन्य अपराध के दोषियों की ज़मानत के लिए व्यापक मानदंड निर्धारित करने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट को सुझाव दिया कि पीड़ित से परामर्श के बाद उस पर अपराध के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक प्रभाव आदि के आकलन के बाद ही आरोपी को ज़मानत दी जानी चाहिए.

गुजरात दंगा: सरदारपुरा नरसंहार मामले में दोषी क़रार 14 लोगों को सुप्रीम कोर्ट ने ज़मानत दी

गोधरा ट्रेन नरसंहार के अगले दिन 28 फरवरी 2002 की रात को सरदारपुरा गांव में अल्पसंख्यक समुदाय के 33 लोगों को ज़िंदा जला दिया गया था, जिसमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे थे.

गुजरात सरकार ने गोधरा रेल नरसंहार के 17 साल बाद किया मुआवज़े का ऐलान

गोधरा रेलवे स्टेशन पर 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 कोच को आग लगा दी गई थी. इसमें 59 लोगों की जान गई थी, जिनमें से सात लोगों की अब तक शिनाख्त नहीं हो पाई. इस घटना के बाद गुजरात में सांप्रदायिक दंगा भड़क उठा था.

तेज़ाब हत्याकांड: उच्च न्यायालय ने शहाबुद्दीन की उम्रक़ैद की सज़ा बरक़रार रखी

सीवान निवासी व्यवसायी चंदा बाबू के दो बेटों गिरीश (24) और सतीश (18) का अपहरण करके तेज़ाब से नहलाकर उनकी हत्या कर दी गई थी.