गुजरात: वाइब्रेंट गुजरात समिट से पहले सरकार ने गिफ्ट सिटी में शराब की अनुमति दी

गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी (गिफ्ट) अहमदाबाद और गांधीनगर के बीच व्यापारिक क्षेत्र है. सरकारी अधिसूचना के अनुसार, गिफ्ट सिटी में होटल, क्लब आदि 'वाइन एंड डाइन' सुविधा के लिए लाइसेंस ले सकते हैं, अधिकृत कर्मचारियों और आगंतुकों को शराब पीने की अनुमति होगी, लेकिन इन जगहों से शराब की बोतलें नहीं बेच सकते.

बिहार: सीतामढ़ी ज़िले में कथित ज़हरीली शराब पीने से 24 घंटे में कम से कम पांच लोगों की मौत

बिहार के सीतामढ़ी ज़िले के बाजपट्टी पुलिस थाना क्षेत्र का मामला. अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने ज़हरीली शराब के अवैध कारोबार में शामिल होने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया है. साल 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा बिहार में शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था.

बिहार: शराबबंदी के 7 साल में ज़हरीली शराब से आधिकारिक तौर पर 199 लोगों की मौत, कोई भी दोषसिद्धि नहीं

बिहार पुलिस की ओर से तैयार की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2016 से ज़हरीली शराब के संबंध में 30 मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन किसी भी व्यक्ति को दोषी नहीं ठहराया जा सका है. हाल ही में मोतीहारी ज़िले में जहरीली शराब पीने से 26 लोगों की मौत हुई है. ये आंकड़ा अभी पुलिस रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया है.

मध्य प्रदेश में मधुशालाओं को गोशालाओं में बदला जाएगा: उमा भारती

भाजपा नेता और मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि भगवान राम के नाम पर सरकारें बन रही हैं, लेकिन ओरछा में राम राजा सरकार मंदिर के पास शराब की दुकान खोलने की अनुमति दे दी गई है. उन्होंने आरोप लगाया कि शराब सेवन के ख़िलाफ़ उनके अभियान को लेकर भाजपा का एक वर्ग उन्हें ट्रोल कर रहा है, इसे उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं से जोड़ रहा है.

बिहार में ज़हरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत, सात अन्य बीमार

बिहार के सीवान ज़िले का मामला. अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाकर्मियों की एक टीम को इलाके में तैनात कर दिया गया है. संबंधित थाने में केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है. अब तक कुल 16 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है.

राम-हनुमान के नाम या हिंदू धर्म पर भाजपा का पेटेंट नहीं है: उमा भारती

भाजपा नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने एक बयान में कहा है कि कोई भी व्यक्ति राम, हनुमान या हिंदू धर्म पर आस्था रखता है या रख सकता है, अंतर सिर्फ़ इतना है कि इन पर हमारी आस्था राजनीतिक लाभ-हानि से परे होती है.

नकली शराब के सेवन से पिछले छह वर्षों में 7,000 लोगों की मौत: लोकसभा में पेश आंकड़े

एक मीडिया रिपोर्ट बताती है कि बिहार में वर्ष 2016 में लागू हुई शराबबंदी के बाद से पांच सालों में राज्य में कम से कम 20 ज़हरीली शराब की घटनाएं सामने आईं, जिनमें 200 से अधिक मौतें हुईं. अकेले 2021 में ही 9 घटनाएं हुईं और 106 लोगों की मौत हुई. इसके विपरीत, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो पांच सालों में केवल 23 मौतें दिखाता है.

ज़हरीली शराब त्रासदी: बिहार के दो अन्य ज़िलों में आठ और लोगों की मौत

अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि कथित तौर पर ज़हरीली शराब पीने से छपरा से सटे सिवान ज़िले में छह लोगों की मौत हो गई, जबकि बेगूसराय में दो अन्य लोगों की मौत हो गई. बीते दिनों ज़हरीली शराब पीने से छपरा में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई थी.

बिहार शराब त्रासदी: मुख्यमंत्री के मुआवज़े से इनकार के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका

बिहार के एक संगठन द्वारा सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें एसआईटी द्वारा ज़हरीली शराब त्रासदी की स्वतंत्र जांच के साथ ही राज्य सरकार को पीड़ित परिवारों को पर्याप्त मुआवज़ा देने का निर्देश देने की भी मांग की गई है. बिहार के छपरा ज़िले में हुई शराब त्रासदी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुआवज़ा देने से इनकार कर दिया है.

नीतीश के ‘जो पिएगा, वो मरेगा’ बयान की आलोचना, विभिन्न नेताओं ने शर्मनाक और असंवेदनशील क़रार दिया

बिहार के छपरा ज़िले ज़हरीली शराब पीने की वजह से बीते कुछ दिनों में कम से कम 39 लोगों की मौत हो गई है. इस घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान को लेकर विभिन्न नेताओं ने उन पर निशाना साधा है. उनका कहना है कि बिहार में शराब का अवैध कारोबार एक ‘समानांतर अर्थव्यवस्था’ बन गया है.

बिहार में ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 39 लोगों की मौत

बिहार के छपरा ज़िले का मामला. बीते अगस्त महीने में भी इस ज़िले में कथित ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई थी. नीतीश कुमार नीत सरकार ने अप्रैल, 2016 से बिहार में शराब उत्पादन, खरीद, बिक्री, सेवन आदि पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.

बिहार के छपरा ज़िले में कथित ज़हरीली शराब पीने से फिर सात लोगों की मौत

बीते चार जुलाई को बिहार के छपरा ज़िले में ही कथित ज़हरीली शराब पीने से 13 लोगों की मौत हो गई थी और कुछ लोगों की आंखों की रोशनी चली गई थी. बिहार सरकार ने अप्रैल 2016 में शराब की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन पिछले साल नवंबर के बाद से राज्य में ज़हरीली शराब से जुड़ी कई घटनाएं हुईं, जिनमें 60 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

बिहार में कथित ज़हरीली शराब पीने से कम से कम 13 लोगों की मौत

बिहार के छपरा ज़िले का मामला. कथित ज़हरीली शराब पीने वाले कुछ लोगों की आंखों की रोशनी भी चली गई है. पुलिस ने बताया कि पांच लोगों को कथित रूप से अवैध शराब बनाने और उसकी बिक्री में शामिल होने को लेकर गिरफ़्तार किया गया है, जबकि संबंधित थाने के एसएचओ और स्थानीय चौकीदार को निलंबित किया गया है. राज्य में अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी लागू है.

बिहार के औरंगाबाद में संदिग्ध ज़हरीली शराब पीने से पांच लोगों की मौत

औरंगाबाद पुलिस ने बताया कि सभी मौतें ज़िले के मदनपुर ब्लॉक से हुई हैं. 23 मई को तीन लोगों की मौत हुई थी, जबकि एक दिन पहले 22 मई दो लोगों की मौत हुई थी. बिहार में अप्रैल 2016 में नीतीश कुमार सरकार द्वारा शराब की बिक्री और खपत पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था. हालांकि राज्य में अक्सर कथित तौर पर शराब से मौत के मामले सामने आते रहते हैं.

आंध्र प्रदेश में सत्ता में आने पर 50 रुपये में देंगे शराब की बोतल: राज्य भाजपा प्रमुख

भाजपा की आंध्र प्रदेश इकाई के प्रमुख सोमू वीरराजू ने एक जनसभा में राज्य में वर्ष 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने पर राज्य के लोगों को 50 रुपये में शराब की बोतल देने का वादा किया. हालांकि बाद में बचाव करते हुए भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने ग़रीबों और ज़रूरतमंदों के बारे में बात की, क्योंकि सरकार शराब की कीमतों में बढ़ोतरी करके उन्हें लूट रही है.

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