कांग्रेस नेता राहुल गांधी के साथ बातचीत में उद्योगपति राजीव बजाज ने कहा कि कठोर और खामियों वाला लॉकडाउन यह सुनिश्चित करता है कि वायरस अभी भी मौजूद रहेगा. यानी आपने वायरस की समस्या को हल नहीं किया. संक्रमण के ग्राफ को समतल करने के बजाय जीडीपी के ग्राफ को समतल कर दिया गया.
कैबिनेट ने साढ़े छह दशक पुराने आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन को भी मंजूरी दे दी ताकि अनाज, दलहन और प्याज सहित खाद्य वस्तुओं को नियमन के दायरे से बाहर किया जा सके.
मई के आख़िरी सप्ताह में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना मरीजों पर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के परीक्षण पर रोक लगाई थी. अब मेडिकल जर्नल द लांसेट द्वारा उसके कोविड-19 के इलाज में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के लाभों पर सवाल उठाने वाले अध्ययन पर चिंता जताए जाने के बाद यह क़दम उठाया गया है.
भारत में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 216,919 हो गई है और कोरोना वायरस महामारी अब तक 6,075 लोगों की जान ले चुकी है. पूरी दुनिया में मरने वालों का आंकड़ा 3.86 लाख से अधिक हो गया है और संक्रमण के कुल 65 लाख से ज़्यादा मामले दर्ज किए जा चुके हैं.
वीडियो: देश में दो महीनों तक चले लॉकडाउन के दौरान कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्रों की गिरफ्तारी हुई है. इनमें से कई सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल थे. पुलिस ने कई लोगों को दिल्ली दंगों से जुड़े मामलों में गिरफ़्तार किया है. कई सांसदों व पूर्व सांसदों ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया है.
वित्त मंत्रालय द्वारा जारी की गई प्रेस रिलीज से यह भी पता चलता है कि सरकार को अप्रैल और मई महीने में जितनी दाल बांटनी चाहिए थी, उसका सिर्फ 40 फीसदी ही बांटा गया है.
बीते 26 मई को झांसी से गोरखपुर जा रही एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार आज़मगढ़ के 45 वर्षीय प्रवासी श्रमिक रामभवन मुंबई से अपने परिवार सहित घर लौट रहे थे, जब रास्ते में अचानक उनकी तबियत ख़राब होने लगी. परिजनों का कहना है कि समय पर उचित मेडिकल सहायता न मिलने के कारण उन्होंने कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर दम तोड़ दिया.
पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से लोगों द्वारा आत्महत्या की ख़बरें आ रही हैं. कोरोना वायरस से जुड़े कारणों की वजह से उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में एक पखवाड़े के दौरान छह से सात लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने की ख़बरें आई हैं.
लगातार चौथे दिन भारत में कोरोना वायरस के नए मामले आठ हज़ार के पार हुए हैं और लगातार तीसरे दिन एक दिन में मरने वालों की संख्या 200 से अधिक रही है. पूरी दुनिया में यह महामारी 3.80 लाख से अधिक लोगों की जान ले चुकी है. वहीं, बांग्लादेश के रोहिंग्या शरणार्थी शिविर में पहली मौत दर्ज की गई है.
अगले छह महीनों में विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था में अधिक तेज़ी से होने वाले जिस सुधार को लेकर प्रधानमंत्री इतने आश्वस्त हैं, वह भारी-भरकम सरकारी ख़र्च के बिना असंभव लगता है. अर्थव्यवस्था को इतना नुकसान पहुंचाया जा चुका है कि सुधार की कोई कार्य योजना पेश करने से पहले गंभीरता से इसका अध्ययन करना ज़रूरी है.
गैस पीड़ितों के लिए काम करने वाले भोपाल ग्रुप ऑफ इंफॉर्मेशन एंड एक्शन और संभावना ट्रस्ट ने भोपाल में अब तक हुई कुल मौतों में से 36 की जानकारी निकाली है, जिसमें सामने आया है कि इनमें से बत्तीस गैस पीड़ित हैं. संगठनों का दावा है कि गैस जनित दुष्प्रभावों के चलते कोरोना का पीड़ितों पर गंभीर असर हो रहा है. इसके बावजूद सरकार इनके लिए आवश्यक क़दम उठाने में कोताही बरत रही है.
बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पीएम केयर्स फंड के संबंध में सूचनाएं सार्वजनिक करने और इसका कैग से ऑडिट कराने की मांग की गई है. केंद्र की ओर से दलील दी गई है कि ये याचिका ख़ारिज कर दी जानी चाहिए, क्योंकि ऐसी ही एक याचिका को अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज कर दी थी.
देश में लगातार तीसरे दिन संक्रमण के नए मामलों की संख्या एक दिन में आठ हज़ार के आंकड़े को पार कर गई. दुनिया भर में मरने वालों की संख्या 3.75 लाख से अधिक हुई और संक्रमण के कुल मामले 62 लाख से अधिक हो चुके हैं. सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में जान गंवाने वालों में एक तिहाई नर्सिंग होम के मरीज़ हैं.
इससे पहले कोरोना वायरस को लेकर हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि सरकार द्वारा संचालित अहमदाबाद सिविल अस्पताल की हालत दयनीय और कालकोठरी से भी बदतर है. बदलाव के बाद पीठ ने नाराज़गी ज़ाहिर की कि महामारी से निपटने को लेकर सरकार के बारे में की गईं अदालत की हालिया टिप्पणियों का ग़लत मंशा से दुरुपयोग किया गया.
आईसीएमआर के अध्ययन में यह भी पाया गया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और दवाओं के विपरित प्रभाव के बीच कोई खास संबंध नहीं है.