शिकायतकर्ता पत्रकार मनीष पांडेय ने आरोप लगाया कि सपा के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से गोरक्षनाथ मठ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक ट्वीट किया गया था, जिस पर उन्होंने मठ को लेकर इस तरह के पोस्ट न करने का आग्रह किया था. पांडेय ने दावा किया कि इसके बाद सपा के मीडिया सेल के हैंडल से उनके ख़िलाफ़ अपमानजनक पोस्ट किए गए थे. सपा ने गिरफ़्तार पत्रकार का उसके मीडिया सेल से कोई संबंध होने से इनकार किया है.
इससे संबधित कथित वीडियो सामने आने के बाद नमाज़ के विरोध में हिंदू जागरण मंच के तीन लोग शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में हनुमान चालीसा का पाठ करने पहुंच गए थे. पुलिस ने इन तीनों को हिरासत में ले लिया है. मेरठ पुलिस ने बताया कि वीडियो की सत्यता का पता लगाया जा रहा है. वीडियो कब का है और नमाज़ पढ़ने वाला कौन था, इसकी जानकारी की जा रही है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के नवनिर्मित लुलु मॉल में कथित तौर पर नमाज़ अदा करते लोगों का एक वीडियो बीते 13 जुलाई को सोशल मीडिया पर सामने आया था. पुलिस ने बताया कि वीडियो में सात आरोपी नज़र आए थे, जिन्हें अब गिरफ़्तार कर लिया गया है. एक हिंदुत्ववादी संगठन द्वारा मॉल में नमाज़ पर आपत्ति जताने और वहां हनुमान चालीसा पढ़ने की अनुमति मांगने के बाद विवाद खड़ा हो गया था.
बीते 13 जुलाई को लखनऊ स्थित लुलु मॉल में नमाज़ पढ़ने का वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद ये गिरफ़्तारियां हुई हैं. गिरफ़्तार चारों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. बीते 15 जुलाई को यहां हनुमान चालीसा पढ़ने की कोशिश करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया गया था. दो और लोगों को पूजा करने और एक व्यक्ति को नमाज़ पढ़ने के लिए गिरफ़्तार किया गया था.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी ने बताया कि कमलेश तिवारी हत्या मामले का आतंकवाद से संबंध होने का संकेत नहीं मिला है. प्रारंभिक पूछताछ से लगता है कि 2015 में कमलेश तिवारी द्वारा दिया गया एक भाषण उनकी हत्या की वजह हो सकता है. कमलेश तिवारी की मां ने भाजपा नेता पर लगाया हत्या का आरोप.
लखनऊ पुलिस ने बताया कि ऐसा लगता है कि किसी परिचित ने आपसी रंजिश के तहत इस वारदात को अंजाम दिया है.
लखनऊ पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए गायक वरुण बहार ने ‘जो न बोले जय श्री राम, उसको भेजो कब्रिस्तान’ नाम का एक विवादास्पद गीत गाया है, जिसके बाद उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई थी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय में हुई हिंसा में कई प्रोफेसरों के साथ मारपीट किए जाने की घटना का स्वतः संज्ञान लेते हुए कुलपति, रजिस्ट्रार और प्रॉक्टर के अलावा प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को तलब किया था.