मध्य प्रदेश सरकार ने निचली अदालतों में मृत्युदंड के मामलों में सफलतापूर्वक जिरह करने वाले सरकारी वकीलों को पुरस्कृत करने या प्रोत्साहन देने की नीति बनाई है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई पर इस संबंध में दस्तावेज प्रस्तुत करने के लिए कहा है.
मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान पथराव के चलते दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी, तब से खरगोन कर्फ्यू के साये में है. दो दिनों से कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दी गई है. पुलिस के मुताबिक, मामले में अब तक 64 एफआईआर दर्ज की गई हैं.
दिल्ली के हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी इलाके में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के अतिक्रमण विरोधी अभियान के तहत कथित अवैध निर्माणों को तोड़ दिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह तोड़फोड़ की कार्रवाई का संज्ञान लेगा, जो निगम को हमारे के आदेश से अवगत कराए जाने के बाद भी जारी रही थी. अभियान के ख़िलाफ़ माकपा नेता बृंदा करात ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है.
पुलिस ने बताया कि शहर में सांप्रदायिक हिंसा के अगले दिन 11 अप्रैल को एक अज्ञात शव मिला था. खरगोन में फ्रीज़र की सुविधा उपलब्ध न होने के चलते शव को पोस्टमार्टम के बाद इंदौर के अस्पताल में रखा गया था. वहीं, मृतक इब्रेश ख़ान के परिवार का आरोप है कि 12 अप्रैल को कुछ लोगों ने उसे पुलिस की हिरासत में देखा था.
मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में रामनवमी पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद ज़िला प्रशासन द्वारा कई घरों और दुकानों को गिराने की कार्रवाई की गई थी. इसमें हसीना फ़ख़रू का भी मकान अवैध बताकर बुलडोज़र से ढहा दिया गया था, जबकि उनके पास उपलब्ध दस्तावेज़ बताते हैं कि वह मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत था.
वीडियो: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर खरगोन ज़िला प्रशासन और पुलिस ने रामनवमी जुलूस पर कथित तौर पर हमले में शामिल लोगों के घर तोड़ दिए हैं. इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
वीडियो: जिस देश में हिंदू बहुसंख्यक हैं और मुसलमान अल्पसंख्यक, वहां हिंदुओं का एक धड़ा अल्पसंख्यक समुदाय से ख़तरा महसूस करता है. देश के विभिन्न स्थानों पर हाल में हुईं सांप्रदायिक हिंसा की घटनाओं पर द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
वीडियो: हिंदुत्ववादी समूहों द्वारा बीते 10 अप्रैल को रामनवमी के अवसर पर निकाले गए जुलूसों के दौरान देश के विभिन्न शहरों में सांप्रदायिक हिंसा की ख़बरें सामने आई थीं. इनमें मध्य प्रदेश का खरगोन शहर भी शामिल है. हिंसा के बाद ज़िला प्रशासन द्वारा कई घरों और दुकानों को गिराने की कार्रवाई की गई थी.
रामनवमी पर मध्य प्रदेश के बड़वानी ज़िले के सेंधवा में हुई सांप्रदायिक झड़प में तीन लोगों पर बाइक जलाने के आरोप में मामला दर्ज हुआ है. घटना के अगले ही दिन इनमें से एक का मकान प्रशासन ने अवैध निर्माण बताकर गिरा दिया. अब सामने आया है कि तीनों आरोपी हत्या के प्रयास के एक मामले में मार्च माह से जेल में बंद हैं.
वीडियो: पिछले कुछ दिनों में कई राज्यों में हुए सांप्रदायिक घटनाक्रम के बाद तनाव का माहौल है. मध्य प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के घर-दुकान ढहाए गए, तो कहीं मस्जिदों के सामने अभद्र नारे लगे. इसके मद्देनज़र द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की इतिहासकार रामचंद्र गुहा से बातचीत.
रामनवमी पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद खरगोन में ज़िला प्रशासन द्वारा कई घरों और दुकानों को गिराने की कार्रवाई की गई थी. अब एक परिवार के पास उपलब्ध दस्तावेज़ दिखाते हैं कि जिस मकान को अवैध बताकर ढहाया गया वह प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बनाया गया था.
इंदौर के संभागायुक्त पवन शर्मा के मुताबिक, हिंसा के दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई दंगाइयों से की जाएगी. अब तक 84 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और इन आरोपियों के 50 अवैध निर्माणों की पहचान की गई है, जिन्हें गिराना शुरू हो चुका है. हिंसा को लेकर अफ़वाह फैलाने के लिए राज्य सरकार के चार कर्मचारियों के ख़िलाफ़ भी कार्रवाई की गई है.
गुजरात के साबरकांठा ज़िले के हिम्मतनगर में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. एक दिन बाद फिर दो समुदायों के लोगों ने एक दूसरे पर पथराव किया. हिंसा को लेकर तीन मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं, झारखंड के लोहरदगा ज़िले में रामनवमी के अवसर पर हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई है.
गुजरात के हिम्मतनगर और खंभात शहरों में रविवार को रामनवमी के जुलूस के दौरान दो समुदायों के बीच सांप्रदायिक झड़प हो गई. मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में जुलूस पर पथराव, कुछ वाहनों और घरों में आगजनी की घटनाओं के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया. झारखंड के लोहरदगा ज़िले में पथराव और हमले में दर्जनों लोग घायल हो गए हैं और बंगाल में भी हावड़ा के शिबपुर इलाके में झड़प की ख़बर है.
कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश के सीधी ज़िले के कोतवाली थाने के भीतर अर्धनग्न अवस्था में खड़े कुछ लोगों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी. आरोप है कि स्थानीय भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ल के इशारे पर पुलिस ने पत्रकार और अन्य लोगों को सबक सिखाने के लिए उन्हें हिरासत में लेकर उनके कपड़े उतरवाए और लगभग नग्न अवस्था में उनकी तस्वीर सार्वजनिक कर दी.