किसानों ने शुरू किया आंदोलन, सड़कों पर फेंके दूध और सब्ज़ियां

क़र्ज़ माफ़ी और फ़सलों का उचित दाम न मिलने से नाराज़ किसानों ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में अनाज, फल, दूध और सब्ज़ियों की आपूर्ति रोक दी है.

बुंदेलखंड: जो बूढ़ा या बीमार है वो दो किलोमीटर से पानी कैसे लाए?

बुंदेलखंड के गांवों में बहुत से हैंडपंप हैं, पर उनमें पानी नहीं है. गांव वालों को दो किमी. दूर तालाब पर जाना पड़ता है. गंदे पानी के उपयोग से कई बीमारियां फैल रही हैं

उचित मुआवज़ा व पुनर्वास न मिलने पर बांध पीड़ितों का आंदोलन

गुजरात में नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध के कारण विस्थापित होने वाले लोगों ने उचित मुआवज़ा और पुनर्वास स्थलों में सुविधाओं को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

मोदी की सभा में भीड़ जुटाने के लिए इस्तेमाल हुआ ‘स्वच्छता अभियान’ का पैसा

कांग्रेस का आरोप है कि अमरकंटक में आयोजित नर्मदा सेवा यात्रा के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने सरकारी ख़जाना लुटाकर प्रधानमंत्री की सभा के लिए बटोरी भीड़.

नक्सली हिंसा पर जेएनयू से नहीं खनन माफियाओं से सवाल पूछे जाने चाहिए

अवैध खनन माफिया और नक्सलियों के बीच एक साझेदारी है- दोनों ही चाहते हैं कि छतीसगढ़ के जो ज़िले पिछड़े और दूरस्थ हैं, वे वैसे ही बने रहें क्योंकि इनके ऐसे बने रहने में ही इनका फायदा है.

केंद्र द्वारा स्वच्छ शहर चुने जाने की प्रक्रिया ग़लत: सीएसई

पर्यावरण पर काम कर रहे इस संगठन के अनुसार स्वच्छता सर्वेक्षण में शीर्ष पर आए शहरों ने कचरा प्रबंधन के जिन तरीकों को अपनाया है, वे पर्यावरण के अनुकूल नहीं है.

जनता की 90 लाख हेक्टेयर ज़मीन पर सरकार का अवैध क़ब्ज़ा

2006 में लागू वन अधिकार क़ानून कहता है कि जो ज़मीनें आज़ादी के पहले सामुदायिक अधिकारों के लिए थीं, वो यथावत बनी रहेंगी. लेकिन मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 90 लाख हेक्टेयर ऐसी ज़मीनों पर सरकार का क़ब्ज़ा है.

‘कुआं और मूर्ति दलितों से बनवाते हो, फिर उन्हें पानी पीने और मंदिर जाने से रोकते क्यों हो’

आंबेडकर पर हुए एक सेमिनार में केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत ने जातिवादी मानसिकता पर सवाल उठाते हुए लोगों से सोच बदलने की अपील की.

ईवीएम ट्रायल: बटन दबा किसी और का, वोट पड़ा किसी और को

मध्य प्रदेश के भिंड ज़िले में ईवीएम चेक करने आईं चुनाव अधिकारी ने गड़बड़ी सामने आने पर पत्रकारों से कहा, ख़बर छापी तो थाने में बिठा देंगे.

कहां गईं मध्य प्रदेश की 23 लाख गर्भवती महिलाएं?

कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में पिछले पांच सालों में तकरीबन 93.7 लाख गर्भवती महिलाओं ने प्रसव पूर्व देखभाल के लिए अपना पंजीकरण करवाया था पर प्रसव सिर्फ 69.8 लाख के हुए. ऐसे में सवाल उठता है कि बाकी 23.9 लाख गर्भवती महिलाओं का क्या हुआ?

सुनें: व्यापमं मामले के ह्विसिल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी से बातचीत

मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं मामले के ह्विसिल ब्लोअर आशीष चतुर्वेदी से द वायर के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह की बातचीत.

मध्य प्रदेश में ‘नशेड़ी’ तोते उड़ा रहे किसानों के ‘तोते’

अफीम उत्पादन के लिए चर्चित मध्य प्रदेश के मालवांचल इलाके में किसानों को अफीम की फसल पहले चोर, लुटेरों और तस्करों से बचानी पड़ती थी, लेकिन अब यहां के किसान तोतों से परेशान हैं.